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'भूतों का आइलैंड', जहां जबरन लाकर जिंदा जला दिए गए थे 1.60 लाख लोग, यहां दबे हैं कई राज

इटली के उत्तर में वेनिस और लीडो के बीच स्थित पोवेग्लिया का एक छोटा द्वीप लगभग 55 सालों से बंजर है. इसे भूतों का आइलैंड भी कहा जाता है. वजह है खतरनाक महामारी के शिकार होने के चलते यहां जिंदा जलाए गए 1.60 लाख लोग.

पोवेग्लिया का द्वीप ( फोटो- Caters) पोवेग्लिया का द्वीप ( फोटो- Caters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:58 AM IST

दुनियाभर में कई रहस्यमयी जगहें हैं जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं. इनमें से कई जगहें ऐसी हैं जहां आम लोग जाने की हिम्मत ही न करें तो कहीं पर जाने की इजाजत भी नहीं है.  ऐसी ही एक जगह है "Island of ghosts" यानी 'भूतों का आइलैंड'. सोचने वाली बात है कि किसी जगह के बारे में भला ऐसा क्यों कहा जा रहा है?

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 'भूतों का आइलैंड'

इटली के उत्तर में वेनिस और लीडो के बीच स्थित पोवेग्लिया का ये छोटा द्वीप , एक ऐसी जगह है जहां विशेष अनुमति के बिना जाने की इजाजत ही नहीं है. द सन की खबर के अनुसार इसे  'भूतों का आइलैंड' इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां कुल 1 लाख 60 हजार शवों की राख है और ये आइलैंड 55 सालों से बंजर है. इस द्वीप को साल 1968 से खाली छोड़ दिया गया है.

अचानक आए  ब्लैक डेथ के कई मामले

दरअसल, साल, 1776 में, यह द्वीप वेनिस से आने और जाने वाले सभी सामानों और लोगों के लिए एक चेक प्वाइंट के रूप में काम करता था. इसके बाद अचानक बंदरगाह पर आने वाले दो जहाजों पर प्लेग- ब्लैक डेथ के कई मामलों के बाद, पोवेग्लिया को 1793 से 1814 तक एक क्वारंटीन स्टेशन के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा. 

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फोटो- Getty Images

लात मारते, खींचकर लाए जाते थे संक्रमित लोग

ब्लैक डेथ के सस्पेक्टेड लोगों को वेनिस में घुसने से पहले यहां क्वारंटीन किया जाता था. जिस किसी को भी दूर से भी बीमारी का कोई लक्षण दिखाई देता था, उसे लात मारते, खींचकर इस द्वीप पर पहुंचा दिया जाता था. बीमारी फैलती गई तो इसे और फैलने से रोकने के लिए पीड़ितों को यहीं पर जिंदा जला दिया गया. इसके बाद से आइलैंड लगभग 160,000 लाशों का सामूहिक कब्रगाह बन गया. जिन लोगों को अभी तक प्लेग के गड्ढों में नहीं फेंका गया था, वे खून की उल्टियां कर रहे थे. विशेषज्ञों का दावा है कि आइलैंड की 50 प्रतिशत से अधिक मिट्टी मानव दाह संस्कार की राख से बनी है. 

कई काले राज वाला मेंटल हॉस्पिटल

इसके बाद 1922 में यहां एक मेंटल हॉस्पिटल हुआ करता था. इस मेंटल हॉस्पिटल को लेकर भी कई काले राज चर्चित हैं,  ऐसी अफवाहे हैं कि डॉक्टर्स वहां मरीजों पर एक्सपेरिमेंट्स किया करते थे. ये 1930 तक चला लेकिन फिर उसके डायरेक्टर ने एक उच्ची टॉवर से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद आइलैंड को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आने लगीं, फिर इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया. द्वीप एक छोटी सी नहर द्वारा दो अलग-अलग हिस्सों में बंटा हुआ है, जिसके एक तरफ बहुत अधिक जंगल उग आया है और दूसरी तरफ सड़ी-गली मेंटल हॉस्पिटल की इमारत है.

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फोटो- Getty Images

'आज भी आइलैंड से आती है आवाज'

कुछ समय पहले 40 वर्षीय मैट नादिन और 54 वर्षीय एंडी थॉम्पसन ने द्वीप के सबसे दूरदराज के हिस्सों में घुसने के बाद अपने यूट्यूब चैनल पर इसकी असाधारण फुटेज शेयर की थी. जो काफी डरावनी थी.  दशकों बाद भी मेन लैंड पर आसपास के निवासियों का दावा है कि अभी भी उन्हें वहां आइलैंड से वो घंटी बजती सुनाई देती है, जिसे वर्षों पहले हटा दिया गया था.  

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