
एक खूंखार अपराधी, जिसने ऐसा गुनाह किया जिसकी सजा केवल मौत थी, बावजूद इसके वो इस सजा से बच निकला. वजह है, उसका लो IQ लेवल. 52 साल के जोसेफ क्लिफ्टन स्मिथ को 1997 में डुर्क वान डाम नामक शख्स की हत्या का दोषी पाया गया था. पीड़ित के शरीर पर धारदार हथियार से आई चोट के 35 निशान थे. वो अमेरिका के जॉर्जिया के अटलांटा में एक पिकअप ट्रक में मृत मिला था.
स्मिथ को मौत की सजा दी गई. उसे सजा सुनाए जाने के 25 साल हो गए हैं. हालांकि अब वो इस सजा से बच निकला. जोसेफ का IQ महज 72 है. ऐसा कहा गया कि कम IQ वाले इस अपराधी को मारना 'असंवैधानिक' होगा. डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, यह कहा गया कि, इसका मतलब कि वह 'बौद्धिक रूप से अक्षम है और परिणामस्वरूप, उसकी मौत की सजा आठवें संशोधन का उल्लंघन करती है.' आठवें संशोधन पर 1791 में हस्ताक्षर किए गए थे और यह जमानत, अत्यधिक जुर्माना या क्रूर और असामान्य दंड से बचाता है.
अदालत ने क्या कुछ कहा?
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2002 में अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मतलब था कि 70 या उससे कम आईक्यू वाले किसी भी व्यक्ति को 'अनुकूल व्यवहार करने में कमी' वाला माना जाता है. और उसे मौत की सजा नहीं दी जा सकती. अब अमेरिकी जिला अदालत की वरिष्ठ जज कैली ने कहा, 'सबूतों से पता चलता है कि स्मिथ की बुद्धि और अनुकूल कामकाज करने का तरीका उसके पूरे जीवन में खराब रहे हैं.'
दूसरी तरफ इस फैसले से अलबामा के अटॉर्नी जनरल स्टीव मार्शल खुश नहीं हैं. उनका कहना है, 'जोसेफ स्मिथ ने 1997 में डुर्क वान डाम की निर्दयता से हत्या कर दी थी और उसके लिए उसे मौत की सजा मिली थी. स्मिथ के IQ स्कोर से पता चलता है कि उसका IQ बौद्धिक रूप से अक्षम व्यक्ति से ऊपर रहा है. अटॉर्नी जनरल को लगता है कि उसकी मौत की सजा न्यायपूर्ण और असंवैधानिक दोनों है.' मार्शल अब इस मामले में अपील करने का विचार कर रहे हैं.