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इस मंदिर में देवी को चढ़ाई जाती है जूतों की माला

कनार्टक में एक ऐसा मंदिर है जहां लोग जूते-चप्‍पल की माला चढ़ाकर मन्‍नत मांगते हैं और ऐसी मान्‍यता है कि देवी लोगों की मुरादें पूरी करती हैं. जानिए इस मंदिर के बारे में और बातें...

लकम्‍मा देवी का मंदिर लकम्‍मा देवी का मंदिर
मेधा चावला
  • नई दिल्‍ली,
  • 07 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST

कनार्टक के गुलबर्ग ज़िले में लकम्‍मा देवी का मंदिर है. यहां हर साल 'फुटवियर फेस्टिवल' होता है, जिसमें दूर-दराज के गांवों से लोग माता को चप्‍पल चढ़ाने आते हैं.

इस फेस्टिवल में मुख्‍य तौर पर गोला (बी) नामक गांव के लोग बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लेते हैं. यह फेस्टिवल अजीबोगरीब रिवाजों के कारण प्रसिद्ध है.

इस मंदिर में देवी को चढ़ाई जाती है हथकड़ी...

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हर साल यह फेस्टिवल दिवाली के छठे दिन आयोजित किया जाता है. लोग मन्‍नत मांगते हैं उसे उसके पूरा होने के लिए मंदिर के बाहर स्थित एक पेड़ पर चप्‍पलें टांगते हैं.यही नहीं लोग इस दौरान भगवान को शाकाहारी और मांसाहारी भोजन का भोग भी लगाते हैं.

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लोगों का मानना है कि इस तरह चप्‍पल चढ़ाने से ईश्‍वर उनकी बुरी शक्तियों से रक्षा करते हैं. कोई कहता है कि इससे पैरों और घुटनों का दर्द सदैव के लिए दूर हो जाता है. इस मंदिर में हिन्दू ही नही बल्कि मुसलमान भी आते हैं. कहा जाता है कि माता भक्‍तों की चढ़ाई गई चप्‍पलों को पहनकर रात में घूमती हैं और उनकी रक्षा करती हैं.

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