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'बचपन से डराती हैं मेरी उंगलियां', शख्स ने अजीब बीमारी के चलते कटवाई अपनी ही फिंगर्स

एक अजीब बीमारी से पीड़ित शख्स ने अपनी ही उंगलियों से तंग आकर उन्हें कटवा लिया. उसका कहना था कि उसकी दो उंगलियां उसे बचपन से डराती हैं और वह उनके साथ अब और नहीं जी सकता.

सांकेतिक तस्वीर (Pexels) सांकेतिक तस्वीर (Pexels)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 5:00 PM IST

कई बार बड़े-बड़े डॉक्टरों के पास ऐसे केस आते हैं कि वे खुद हैरान रह जाते हैं.यूनिवर्सिटी लावल में मनोचिकित्सा विभाग की डॉ. नादिया नादेउ ने हाल ही में एक ऐसे ही अज्ञात रोगी के बारे में एक केस रिपोर्ट पब्लिश की. इस शख्स की अजीब समस्या थी. उसका कहना था कि उसने उल्टे हाथ की दो उंगलियां उसे डराती  हैं.उसे बचपन से लगता है कि वह उसके शरीर का हिस्सा नहीं हैं. वह इन उंगलियों से पीछा छुड़ाना चाहता है.

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उंगलियों के सड़ने- जलने के सपने

अपने पूरे जीवन में, इन विचारों से उसे दर्द, चिड़चिड़ापन, लगातार इरीटेशन होती थी. उसे ऐसे बुरे सपने आते थे कि उनकी दो उंगलियां सड़ रही हैं या जल रही हैं. हालांकि रोगी ने शर्मिंदगी के कारण अपनी उंगलियों के बारे में अपनी परेशानी अपने परिवार को कभी नहीं बताई लेकिन वह चाहता था डॉक्टर उसकी दोनों उंगलियों को काट दें.

'उंगलियों के साथ जीना मुश्किल'

डॉ. नादेउ ने लिखा, "एक सॉ मिल में काम करते हुए, उन्होंने अपनी उंगलियों को काटने के लिए एक छोटी गिलोटिन बनाने पर तक पर विचार कर लिया था." डॉक्टर ने बताया कि 'वह जानता था कि खुद को नुकसान पहुंचाना एक सुरक्षित सॉल्यूशन नहीं है और इसका असर उनके रिश्तों, छवि और स्वास्थ्य पर पड़ सकता था. लेकिन वह आने वाले सालों तक उन उंगलियों के साथ जीने की कल्पना भी नहीं कर सकता था.' 

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काम नहीं आए गैर-आक्रामक ट्रीटमेंट ऑप्शन

डॉक्टर ने कहा- चूंकि उस व्यक्ति के मस्तिष्क की इमेजिंग सामान्य दिख रही थी, इसलिए उसे cognitive behavioral therapy, antidepressants, antipsychotics, और  exposure therapy  जैसे गैर-आक्रामक ट्रीटमेंट ऑप्शन दिए गए, लेकिन उनमें से कोई भी सफल साबित नहीं हुआ. साइकेट्रिक इवैलुएशन के बाद, रोगी आर्थोपेडिक विभाग में भेजा गया. अंततः यह फैसला लिया गया कि मरीज की मदद करने के लिए उसकी दोनों अंगुलियों को हटाना सबसे अच्छा तरीका था.

उंगलियां कटाने के बाद जी रहा सुकून का जीवन

नादिया ने बताया कि शख्स को Body integrity identity disorder (BIID) था. उसकी उंगलियां काटी गईं और सर्जरी के बाद, भावनात्मक संकट के साथ-साथ उसे बुरे सपने आना तुरंत बंद हो गए. उन्होंने गुस्सा कम किया और परिवार और वर्क लाइफ में सुधार किया. उन्हें अपनी उंगलियां कटवाने का कोई दुख नहीं है. अब वह Body integrity identity disorder (BIID) ​​से संबंधित सभी लक्षणों के समाधान के साथ, अपनी उंगलियों के बारे में परेशान करने वाली चिंता से हटकर जीवन जी रहे हैं.  

क्या है Body integrity identity disorder?

बता दें कि Body integrity identity disorder (BIID) एक अत्यंत दुर्लभ स्थिति है जो विकलांगता प्राप्त करने की तीव्र और लगातार इच्छा की विशेषता है. एक दशक से भी अधिक समय पहले, एक स्वस्थ महिला के बारे में ऐसी ही खबर आई थी जो कमर से नीचे के हिस्से के पैरालाइज होने का सपना देखती थी और एक लकवाग्रस्त व्यक्ति की तरह जीवन जीती थी, व्हीलचेयर में घूमती थी और घुटनों पर लंबे मेटल ब्रेसिज़ पहनती थी.
 

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