
कोरोना के दौरान कई लोगों का बिजनेस तबाह हो गया, लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं जिनकी किस्तम रातों-रात बदल गई है. इंग्लैंड के लीड्स में रहने वाले एक शख्स के लिए कोरोना टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. महामारी के दौरान पिछले एक साल में उसने अपनी संपत्ति में 45 मिलियन पाउंड की वृद्धि की यानी 450 करोड़ रुपये की आमदानी की.
इस शख्स का नाम स्टीव पार्किन है. पार्किन 16 साल की उम्र में स्कूल छोड़ने के बाद करोड़पति बन गए. लीड्स लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना काल में सुपरमार्केट खाली पड़े थे, यह वजह थी कि लोग खुदरा खरीदारी की जगह ऑनलाइन खरीदारी की ओर रुख कर रहे थे और इसने स्टीव पार्किन की किस्मत बदल दी.
स्टीव पार्किन ने 1992 में 'मैन विद ए वैन' नाम से ऑनलाइन लॉजिस्टिक डिलिवरी कंपनी की शुरुआत की थी. कोरोना के दौरान उनकी कंपनी की किस्मत चमक गई. अब उनके पास मोटरवे के साथ-साथ कंपनी के बड़े-बड़े गोदाम हैं और वह अपने ग्राहकों के बीच मार्क्स एंड स्पेंसर, एएसडीए और मॉरिसन जैसे कंपनियों के सामान पहुंचा रहे हैं.
बिजनेस इनसाइडर के अनुसार, स्टीव पार्किन अब यॉर्कशायर के अमीरों की लिस्ट में दसवें स्थान पर हैं और उनकी संपत्ति में पिछले साल 450 करोड़ रुपये की वृद्धि देखी गई. कंपनी ने बताया कि उसका कारोबार 39.1% बढ़कर लगभग 700 करोड़ रुपये हो गया और उसके मैनपॉवर में 2,000 की वृद्धि हुई.
इसका मतलब है कि पार्किन की फर्म ने 10,000 लोगों को रोजगार दिया. लीड्स में जन्मे स्टीव पार्किन एक मछुआरे के बेटे हैं और उन्होंने कथित तौर पर अपना एचजीवी ड्राइविंग लाइसेंस लेने से पहले बिना किसी योग्यता के 16 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया था. उनकी पहली नौकरियों में से बोनमार्चे क्लोदिंग कंपनी के लिए गाड़ी चलाना थी.