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सेल्फ ड्राइविंग कारों के लिए खास सड़कें, ड्रोन पोर्ट और सबकुछ ऑटोमेटिक... ऐसी होंगी Future Cities

स्मार्ट सिटी, मेगासिटी और मॉडर्न सिटीज से आगे अब दुनिया टेक्नोलॉजी डिपेंडेंट ऑटोनोमस फ्यूचर सिटीज की ओर बढ़ रही है. दुनिया के अलग-अलग देशों में कई फ्यूचर सिटीज डेवलप हो रही हैं जहां न केवल तकनीक आधारित लाइफस्टाइल विकसित हो रही है बल्कि क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों को ध्यान में रखकर भी प्लानिंग पर काम हो रहा है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 11:24 AM IST

आज के दौर में टेक्नोलॉजी जितनी तेजी से बदल रही है लोगों का जीवन भी उतनी ही तेजी से आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है. तेज इंटरनेट, ऑनलाइन सर्विसेज, रोबोट्स, टेलीमेडिसीन, हर काम के लिए ऐप, ऑनलाइन एजुकेशन आदि कई चीजें हमारी जिंदगी को तेजी से बदल रही हैं लेकिन अब उससे भी आगे के दौर की तस्वीर सामने आने लगी है. ऐसी फ्यूचर सिटीज जहां सब कुछ ऑटोमेटिक होगा. जहां रोजमर्रा की जिंदगी के अधिकांश काम टेक्नोलॉजी पर निर्भर होते जाएंगे. हमारे इन फ्यूचर सिटीज में जिंदगी काफी अलग होगी.

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स्मार्ट सिटीज और मेगासिटीज से भी आगे की दुनिया यानी फ्यूचर सिटीज कैसी होंगी. इसका पहला नजारा देखने को मिलता है कनाडा के प्रस्तावित फ्यूचर सिटी The Orbit की प्लानिंग देखकर. आर्किटेक्चर कंपनी Partisans इस फ्यूचर सिटी पर काम कर रही है. इस प्लान में न केवल शहर को अल्ट्रामॉडर्न बनाना है बल्कि स्मार्ट कम्युनिटी, फाइबर ऑप्टिक्स, ऑटोनोमस व्हिकल्स, ड्रोन पोर्ट आदि विकसित करना है. साथ ही इस इलाके के एग्रीकल्चरल नेचर को भी बनाए रखने का प्लान है.

 

क्या खास सुविधाएं होंगी इस फ्यूचर सिटी में?

The Orbit नाम के इस फ्यूचर सिटी का विकास कनाडा की राजधानी टोरंटो के नॉर्थ में 60 किलोमीटर दूर के इलाके में किया जा रहा है. शहर का पूरा सिस्टम फाइबर ऑप्टिक्स पर काम करेगा और ऑटोनोमस होगा. साइडवॉक्स, स्ट्रीट और बिल्डिंग्स में एंट्री-एग्जिट, सिग्नलिंग आदि सब सुविधाएं ऑटोमेटिक होंगी. इस अत्याधुनिक फ्यूचर सिटी में 30 हजार से लेकर डेढ़ लाख तक लोगों के रहने की सुविधा होगी. यहां की लाइफ में सब कुछ फुल स्पीड में और ऑटोनोमस सिस्टम से मॉनिटर्ड होंगे. ये सिटी कमोबेश 20वीं सदी के ब्रिटेन के गार्डेन सिटी की थीम पर विकसित की जा रही हैं तो साथ ही यहां आने वाले कल की तकनीक का जोर चारों ओर दिखेगा.

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सेल्फ ड्राइविंग गाड़ियों के लिए सड़कों की खास डिजाइन

इस फ्यूचर सिटी प्लान के मुताबिक यहां सड़कें ड्राइवरलेस गाड़ियों के अनुकूल बनाई जाएंगी. इस फ्यूचर सिटी का आकार एक ऑर्बिट की तरह होगा.  यहां के सारे दफ्तर, मकान और बाकी इमारतें और सड़कें शहर को सर्किल और स्क्वॉयर शेप देती हैं. सर्किल शेप की सभी सड़कें सिटी सेंटर में एक-दूसरे से मिलेंगी. सड़कों पर ट्रैफिक के सारे सिग्नल ऑटोमेटिक होंगे और इस तरह ड्राइवरलेस कारों या सेल्फ ड्राइविंग कारों के लिए मुफीद होंगे. इन्हीं सर्किल्स में पेडेस्ट्रियन वॉकवे, राइड शेयरिंग, साइक्लिंग पाथ होंगे. साथ ही वॉटरफ्रंट और वॉटरवे भी लोगों को नेचुरल माहौल देंगे.

 

सड़कों के सर्किल एरिया के बाहर के इलाकों में ओपन एरिया होगा और यहां खेती से जुड़े कामों के लिए जगह निश्चित की जाएगी. इस फ्यूचर सिटी में रहने वालों को एक कृषि प्रधान माहौल, प्राकृतिक वातावरण में और एक अत्याधुनिक समाज में रहने का आनंद एक साथ आएगा.

मेट्रोलिंक्स और ड्रोन पोर्ट देंगे एक नया मुकाम

यहां ड्रोन पोर्ट भी बनाए जाएंगे ताकि सामान की डिलिवरी से लेकर तमाम कामों के लिए इस्तेमाल होने वाले ड्रोन्स के लिए लैंडिंग और मेंटेनेंस प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जा सके. यहां रेल सर्विस के लिए मेट्रोलिंक्स रेल नेटवर्क तैयार हो रहा है. जिसमें न केवल रेल सर्विस बल्कि ट्रांसपोर्ट के बाकी सर्विस भी एक साथ लिंक होंगे. जो कि सिटी सेंटर से लेकर बाकी के इलाकों को एक नेटवर्क में जोड़ेंगे. इस पूरे ऑटोनोमस सिस्टम में लोगों के डेटा का मिस्यूज न हो इसके लिए भी कड़े डेटा सेफ्टी रूल बनाए जा रहे हैं. फ्यूचर सिटी का ये पूरा प्रोजेक्ट 450 एकड़ यानी 182 हेक्टेयर के इलाके में बसाया जाना है. करेंसी के लिए क्रिप्टो की ओर बढ़ते हुए यहां के म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन ने टैक्स और फीस क्रिप्टो में लेने की व्यवस्था भी बनाई है.

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इस सिटी में लोगों के लिए फ्यूचर की सारी सुविधाएं मुहैया हों इसके लिए सिटी सेंटर में डेकेयर की सुविधा वाले स्कूल, फार्मर्स मार्केट, लाइब्रेरी, स्पोर्ट्स और रिक्रिएशन सेंटर, साथ ही आर्ट्स और कल्चरल बिल्डिंग्स बनाई जाएंगी. इसी के साथ गो ट्रेन सुविधा की शुरुआत होगी जो मेट्रोलिंक्स ट्रेन सेवा के रूप में विकसित की जानी है. जिसमें ट्रेन सेवा से सारे ट्रांसपोर्ट सर्विसेज को जोड़ना है. पूरे शहर में फाइबर ऑप्टिक केबल का नेटवर्क होगा जिससे सारी सुविधाएं लिंक्ड होंगी और ऑनलाइन कनेक्टेड होंगी.

 

ऑर्बिट फ्यूचर सिटी असल में कब तक वास्तविकता में उतरेगा?

द ऑर्बिट फ्यूचर सिटी के पहले चरण का काम 3 से पांच साल में पूरा किया जाना है. इस फेज में गो ट्रेन स्टेशंस का विकास, रेसिडेंशियल टावर्स, रिटेल और हॉस्पिटैलिटी स्पेस, ऑटोनोमस बस और कार रूट और शहर के ग्रीन स्पेस का विकास किया जाना है. यहां तक कि गो ट्रेनों के स्टेशन की छतें भी शहर के लोगों को एक नई और विस्तारित दुनिया का आभास देंगी जहां चारों ओर तकनीक पर आधारित सुविधाएं होंगी.

लंबी है फ्यूचर सिटीज की फेहरिस्त

केवल द ऑर्बिट ही नहीं है. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में ऐसी ही कई और प्यूचर सिटी डेवलप की जा रही हैं. इसी तरह की अलग-अलग खासियतों वाली कई और फ्यूचर सिटीज पर दुनिया के कई हिस्सों में काम जारी है. जैसे- सऊदी अरब की 170 किलोमीटर लंबी और 500 मीटर ऊंची मिरर मेगासिटी, मेक्सिको की स्मार्ट फॉरेस्ट सिटी, मालदीव की फ्लोटिंग सिटी, जापान की अंडरवॉटर सिटी, एजिप्ट की नई बस रही राजधानी के लिए बन रहे अर्बन पार्क सिटी, चीन की कार-फ्री चेंगदू स्मार्ट सिटी समेत कई प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है. ये फ्यूचर सिटीज न केवल लाखों लोगों के लिए अल्ट्रामॉडर्न हाउसिंग मुहैया कराई जाएंगी बल्कि अत्याधुनिक जीवनशैली और तकनीक पर आधारित सुविधाएं भी देंगी. साथ ही ये अल्ट्रामॉडर्न सिटीज क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों को ध्यान में रखकर भी बसाई जा रही हैं.

 

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