
इस समय सबसे अधिक चर्चा कश्मीर में होने वाली जी20 बैठक की हो रही है. यहां श्रीनगर में 22-24 मई तक तीसरी पर्यटन कार्य समूह की बैठक होगी. इसका आयोजन आज यानी सोमवार से हो रहा है. इसके लिए घाटी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. साथ ही विदेशी मेहमानों की आवभगत की भी पूरी तैयारी हो गई है. उन्हें यहां की संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा. मगर दूसरी तरफ भारत के दुश्मन इससे बुरी तरह चिढ़े बैठे हैं.
इसमें पहला नाम पाकिस्तान का है. उसने यहां बैठक का विरोध किया था, जिसके बाद भारत ने जवाब देते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. वह जहां चाहे वहां बैठक करा सकता है. भारत का जवाब सुनकर पाकिस्तान बुरी तरह तिलमिलाया हुआ है. इस बीच खबर आई कि उसका दोस्त चीन भी इस बैठक से चिढ़ गया है. उसने बाकायदा बैठक का बहिष्कार किया है. चीन ने इसे लेकर एक बयान तक जारी किया. जिसके बाद भारत ने उसे भी तगड़ा जवाब देकर बोलती बंद कर दी है.
भारत के पास इस साल की जी20 की अध्यक्षता है. देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसकी बैठकों का आयोजन किया जा रहा है. यहां मेहमानों का धूमधाम से स्वागत हो रहा है. उन्हें स्थानीय संस्कृति और परंपराओं से रूबरू कराने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. ताकि विदेशी मेहमान भारत को और करीब से जान सकें. इस खबर में हम जी20 की बीते हफ्ते हुई बैठकें और इस हफ्ते होने वाली बैठकों के बारे में जानेंगे. इससे पहले आपको बता दें कि जी20 आखिर कैसे काम करता है?
जी20 दो प्रमुख चैनलों पर काम करता है- शेरपा ट्रैक और वित्तीय ट्रैक. इसके साथ ही इंगेजमेंट ग्रुप भी होता है. इन्हीं के वर्किंग ग्रुप्स के बीच ये बैठक होती हैं.
वित्तीय ट्रैक- केंद्रीय बैंक के गवर्नर और वित्त मंत्री वित्त से जुड़े मामलों पर चर्चा करते हैं.
शेरपा ट्रैक- जी20 देशों के प्रमुखों द्वारा शेरपाओं को उनके व्यक्तिगत प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया जाता है, जो अन्य मुद्दों पर बैठक करते हैं.
इंगेजमेंट ग्रुप (सहभागी समूह)- जी20 सदस्य देशों के गैर-सरकारी प्रतिभागी इसमें शामिल होते हैं. वह जी20 नेताओं को सिफारिशें प्रस्तुत करते हैं और नीति-निर्माण प्रक्रिया में योगदान देते हैं.
बैठक से पहले ऋषिकेश में तैयारी तेज
उत्तराखंड के ऋषिकेश में जी20 की बैठक होने जा रही है. जिसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं. यहां बैठक में शिरकत करने के लिए आने वाले मेहमानों की सुरक्षा के लिए पुलिस ने ऋषिकेष को पांच जोन और दस सेक्टर में बांट दिया है. बैठक के मद्देनजर गंगा आरती का आयोजन भी किया जाएगा. मेहमानों को उत्तराखंड की संस्कृति से रूबरू कराने के लिए कार्यक्रम आयोजित होंगे.
जम्मू कश्मीर में बैठक की हर तरफ चर्चा
श्रीनगर में होने वाली जी20 की बैठक से पहले तैयारियां तेज कर दी गई हैं. यहां 22 मई से बैठक का आगाज हो रहा है. जिसमें पर्यटन समेत अनेक मुद्दों पर चर्चा होगी. घाटी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इस बैठक से जुड़ी अहम खबरें जान लेते हैं-
एलजी ने बताया ऐतिहासिक कार्यक्रम- जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जी20 की बैठक यहां की संस्कृति, परंपरा और पर्यटन क्षमता को प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर है. बैठक की तैयारियों पर चर्चा के दौरान एलजी ने कहा कि जी20 की बैठक सभी नागरिकों से जुड़ी है और लोगों को इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की सफलता के लिए आगे आना चाहिए.
चीन ने बैठक का बहिष्कार किया- चीन ने जी20 की बैठक का बहिष्कार किया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि चीन विवादित क्षेत्र पर किसी भी तरह की जी20 की बैठक का दृढ़ता से विरोध करता है. उन्होंने कहा कि हम ऐसी बैठकों में शामिल नहीं होंगे. भारत ने चीन को जवाब देते हुए कहा कि वो अपने किसी भी क्षेत्र में बैठक करने के लिए स्वतंत्र है. साथ ही कहा कि चीन के साथ सामान्य संबंधों के लिए सीमा पर अमन चैन जरूरी है.
बैठक से पहले सुरक्षा बढ़ाई गई- श्रीनगर में बैठक से पहले सुरक्षा बढ़ा दी गई है. शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कांफ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. डल झील के अंदरूनी इलाकों में पेट्रोलिंग की जा रही है. कुछ स्थानों पर हाउसबोट्स की जांच की गई है. लाल चौक पर NSG कमांडो समेत CCTV से पैनी निगरानी की जा रही है. इसके साथ ही सीआरपीएफ और अर्धसैनिक बलों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. यहां वाहनों की जांच की जा रही है. शहर को नो ड्रोन जोन बना दिया गया है. अंतरराष्ट्रीय आयोजन के लिए ये शहर पूरी तरह तैयार है.
इन देशों ने नहीं कराया रजिस्ट्रेशन- चीन के अलावा कई और देशों ने भी कश्मीर में होने वाली बैठक से किनारा किया है. ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि, तुर्की बैठक में शामिल नहीं हो रहा. इसके अलावा सऊदी अरब और मिस्र ने भी अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है.
भारत ने संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत को लताड़ा- भारत ने संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत फर्नांड डी वेरेंस को लताड़ लगाई है. उन्होंने कश्मीर में जी20 बैठक पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि जम्मू कश्मीर अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों के उल्लंघन से जुड़ा है. भारत ने कहा कि वेरेंस को इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए गैर जिम्मेदाराना तरीके से पेश नहीं आना चाहिए. जेनेवा में भारत के स्थायी मिशन ने ट्विटर पर संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क को टैग किया है. मिशन ने कहा कि भारत विशेष दूत की टिप्पणी को दृढ़ता से खारिज करता है. जिसमें निराधार और अनुचित आरोप लगाए गए हैं. जी20 अध्यक्ष के रूप में, देश के किसी भी हिस्से में बैठकों की मेजबानी करना भारत का विशेषाधिकार है.
बैठक के बीच पीओके जाएंगे बिलावल- पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी जी20 की बैठक के समय ही पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके जाएंगे. उनका ये दौरा 21 से 23 मई तक चलेगा. यहां वह विधानसभा को संबोधित करेंगे. इससे पहले भुट्टो एससीओ की बैठक के लिए भारत आए थे. वह विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए थे. उन्होंने कश्मीर और जी20 की बैठक को लेकर भी बेबुनियाद बयान दिया था और कहा था कि ये भारत के घमंड को दर्शाता है.
भुट्टो ने कहा था कि 'विवादित क्षेत्र में जी20 बैठक आयोजित करना भारत की संकीर्णता को दर्शाता है और यह दुनिया को भारत का घमंड दिखाता है कि उसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों की बिलकुल परवाह नहीं है.'
जी20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद हुई थी. ग्रुप ऑफ ट्वेंटी यानी जी20 में 19 देश (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन और अमेरिका) और यूरोपीय संघ शामिल हैं.