
जर्मनी में जॉब मार्केट में एक चौंकाने वाला ट्रेंड देखने को मिल रहा है. कंपनियां उन एंप्लायी पर नजर रख रही हैं जो लंबे समय से बीमारी का बहाना बनाकर छुट्टियों पर हैं. इसके लिए प्राइवेट डिटेक्टिव्स को हायर किया जा रहा है. मकसद है यह पता लगाना कि क्या ये सभी छुट्टियां वाकई में जरूरी थीं या सिर्फ बहाना.
डिटेक्टिव एजेंसियों की मांग बढ़ी
फ्रैंकफर्ट में स्थित लेंट्ज़ ग्रुप नाम की एक प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी ने कुछ ऐसा ही खुलासा किया. डिटेक्टिव एजेंसी ने बताया कि उनकी कंपनी हर साल करीब ऐसे 1,200 मामलों की जांच करती है, जो पिछले कुछ सालों की तुलना में दोगुना है.
बीमारियों के नाम पर बढ़ती छुट्टियां
जर्मनी की स्टेटिस्टिक्स एजेंसी डेस्टेटिस के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में औसतन हर कर्मचारी ने 11.1 दिन की बीमारी की छुट्टी ली थी, जो 2023 में बढ़कर 15.1 दिन हो गई. 2023 में इन छुट्टियों की वजह से देश की जीडीपी में 0.8% की गिरावट आई, जिससे आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ा.
जर्मनी में ये कानून बनी वजह
जर्मन कानून के तहत, बीमार छुट्टी पर गए कर्मचारियों को 6 हफ्तों तक पूरा वेतन मिलता है. इसके बाद बीमा कंपनियां उनका खर्च उठाती हैं. लेकिन यह व्यवस्था कई कंपनियों के लिए वित्तीय बोझ बन गई है.
प्राइवेट डिटेक्टिव्स की जांच के चौंकाने वाले खुलासे
डिटेक्टिव्स ने अपनी जांच में पाया कि कई एंप्लायी बीमारी के नाम पर परिवार के बिजनेस में मदद कर रहे थे या अपने घर की मरम्मत करा रहे थे. एक मामले में, इटली का एक बस ड्राइवर 'एंग्जाइटी' के बहाने छुट्टी पर था, लेकिन इन छुट्टियों में वो पब में स्टेज परफॉर्म कर रहा था. हालांकि, इटली की सुप्रीम कोर्ट ने इसे उसके स्वास्थ्य के लिए अच्छा बताया और उसे नौकरी पर वापस रखा गया.
चीन में भी छिड़ी बहस
इस खबर ने चीन में भी बहस छेड़ दी है, जहां बीमार छुट्टी के दौरान एंप्लायी को सैलरी का कुछ हिस्सा काट लिया जाता है. एक चीनी यूजर ने कहा कि अगर जर्मनी में बीमार छुट्टी पर परफॉर्मेंस बोनस और रिवॉर्ड्स नहीं कटते, तो वाकई यह एक सपना है.
विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों को डिटेक्टिव्स पर पैसा खर्च करने की बजाय बीमारियों की बढ़ती वजहों जैसे सांस संबंधी समस्याओं, मानसिक स्वास्थ्य और वर्कप्लेस स्ट्रेस पर ध्यान देना चाहिए. क्या यह ट्रेंड जर्मनी के बाहर भी फैल सकता है? सोशल मीडिया पर इस बहस ने दुनियाभर में चर्चा का माहौल बना दिया है.