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Hijab Row: कौन है चर्चा में आई हिजाब पहनी लड़की? जिसे घेरकर लगे 'जय श्री राम' के नारे, ओवैसी ने बताया- बहादुर

Karnataka Hijab controversy: कर्नाटक के मांडया में वायरल वीडियो में एक मुस्लिम लड़की 'जय श्री राम' नारे का जवाब 'अल्‍लाहू अकबर' के नारे से देते हुए नजर आ रही है. इस लड़की की AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi ) ने भी तारीफ की है.

मुस्‍कान, असदुद्दीन ओवैसी मुस्‍कान, असदुद्दीन ओवैसी
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली ,
  • 08 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:41 PM IST
  • लड़की का नाम है मुस्‍कान, वीडियो वायरल
  • ओवैसी ने लड़की के सपोर्ट में किए कई ट्वीट

Karnataka Hijab controversy, Who is Burqa Girl: कर्नाटक के एक कॉलेज (Karnataka College) का वीडियो सामने आया है. जहां मुस्‍कान नाम की लड़की हिजाब पहने कॉलेज में आती है. तभी भीड़ लड़की की ओर बढ़ती है. लड़की के सामने कुछ लोग 'जय श्री राम' के नारे लगाते हैं तो लड़की भी 'अल्‍लाहू अकबर' के नारे लगाकर जवाब देती है. इस लड़की का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है. ये पूरा मामला कर्नाटक के मांडया का है.  

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अब इस वायरल वीडियो पर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi ) का रिएक्‍शन भी आया है. उन्‍होंने इस लड़की के सपोर्ट में कई ट्वीट किए हैं. एक वीडियो पोस्‍ट कर उन्‍होंने सलाम भी पेश किया. बोले- मैं लड़की के मां-बाप को सलाम पेश करता हूं. इस लड़की ने मिसाल पेश की है. उन्‍होंने अपने वीडियो में कहा कि भीख मांगकर और रोकर कुछ भी नहीं मिलेगा. उस लड़की ने कई कमजोरों को पैगाम दिया है. ओवैसी ने कहा कि जो काम उस लड़की ने किया वह बहुत हिम्‍मत का काम था. लड़की ने मिसाल साबित की है. 

ओवैसी ने अपने कई ट्वीट में कर्नाटक की मुस्लिम लड़कियों की तारीफ की है. उन्‍होंने अपने एक ट्वीट में लिखा कि मुस्लिम लड़कियों ने हिंदुत्‍ववादी भीड़ के खिलाफ साहस का परिचय दिया. अपने संवैधानिक अधिकारों को सही तरीके से दिखाया. जो हुआ है उसमें राज्य की मिलीभगत है. वहीं अपने ट्वीट में उन्‍होंने प्रधानमंत्री को भी घेरने की कोशिश की, बोले प्रधानमंत्री दो बार संसद में बोल चुके हैं. लेकिन एक बार भी वह संसद में कर्नाटक की स्थिति पर एक शब्‍द नहीं बोला. उनका मौन क्‍या कहता है? क्‍या यही उनका 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' है.  

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लड़की ने अपने बारे में क्या बताया-
'इंडिया टुडे / आज तक' से हुई बातचीत में मुस्‍कान ने बताया- मैं कॉलेज असाइनमेंट के लिए आई थी. वे लोग मुझे कॉलेज में जाने नहीं दे रहे थे.  क्‍योंकि मैंने बुर्का पहना था. वह मुझसे बोल रहे थे कि बुर्का हटाकर ही अंदर जाओ. जब मैं गईं तो वे दोबारा जय श्री राम, जय श्री राम के नारे लगाने लगे. जो लोग नारे लगा रहे थे उनमें से कई कॉलेज के थे तो कई बाहर से भी थे.

उन्‍होंने उन्‍होंने कहा जब उन्‍होंने नारे लगाए इसके बदले में मैंने 'अल्‍लाहू अकबर' का नारा लगाया. मुस्‍कान ने बताया कि मेरे टीचर और प्रिंसिपल ने मुझे सपोर्ट किया. जो उन्‍हें बचाकर ले गए. मुस्‍कान ने बताया कि ये लोग कह रहे थे कि अगर वह बुर्का नहीं हटाएगी तो वह भी भगवा कपड़ा नहीं हटाएंगे. वह बोलीं, लगातार वे लड़के मुझे घेर रहे थे. 

वहीं इस बारे में कर्नाटक के शिक्षामंत्री बीसी नागेश ने कहा कि कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की. उनको कहा है कि छात्र-छात्राओं को स्‍कूल में यूनिफॉर्म में आना होगा. उन्‍होंने बताया कि इस मामले में कुछ राजनीति पार्टी से जुड़े लोग शामिल हैं. 


क्‍यों हुआ विवाद 
कर्नाटक में कई स्कूल-कॉलेज में हिजाब/बुर्का को लेकर बवाल चल रहा है. एक तरफ मुस्लिम छात्राएं स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहन अपना विरोध दर्ज करवा रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ कई छात्र भगवा स्कार्फ पहन अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है. हाल ही में कर्नाटक सरकार ने राज्य में Karnataka Education Act-1983 की धारा 133 लागू कर दी है. इस वजह से अब सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म को अनिवार्य कर दिया गया है.

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इस कारण अब सरकारी स्कूल और कॉलेज में तो तय यूनिफॉर्म पहनी ही जाएगी, प्राइवेट स्कूल भी अपनी खुद की एक यूनिफॉर्म चुन सकते हैं. ये विवाद पिछले महीने जनवरी में तब शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी. विवाद इस बात को लेकर था कि कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था, लेकिन वे फिर भी पहनकर आ गई थीं.

कई कॉलेज में विवाद 

इस विवाद के बाद से ही दूसरे कॉलेजों में भी हिजाब को लेकर बवाल शुरू हो गया था. लेकिन अब सबकी नजरें हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं. इस मसले पर मुस्लिम छात्राओं का कहना है कि वे पहले से हिजाब पहनकर पढ़ाई करती आ रही हैं और पहले कभी इस पर कोई विवाद नहीं था. वहीं दूसरा पक्ष मानता है कि शिक्षा का यूनिफॉर्म से कोई लेना-देना नहीं है और सभी को स्कूल में एक समान ही रहना चाहिए.

 

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