
दुनिया भर में बीते शुक्रवार यानी 7 अप्रैल को ईसाई समुदाय के लोगों ने गुड फ्राइडे का त्योहार मनाया. ये समुदाय के लोगों के लिए शोक का पर्व माना जाता है. इस दिन लोग प्रभु यीशु (Jesus) के बलिदान को याद करते हैं. इसी वजह से इस दिन को ब्लैक फ्राइडे भी कहा जाता है.
ऐसी मान्यता है कि शुक्रवार को ही प्रभु यीशु को सूली (Cross) पर चढ़ाया गया था. इस दौरान फिलीपींस में कुछ ऐसा देखने को मिला है, जिससे दुनिया हैरान है. यहां लोगों ने अपनी भक्ति दिखाने के लिए खुद को ही सूली पर चढ़ा लिया. इसकी दर्दनाक तस्वीरें सामने आई हैं. जो सोशल मीडिया पर वायरल हैं.
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, फिलीपींस में आठ लोगों ने गुड फ्राइडे के दिन अपनेआप को सूली पर चढ़ा लिया. इन्होंने प्रभु यीशु के दर्द को याद करने के लिए अपनी मर्जी से हाथ, पैरों पर कील ठुकवाईं. इस दौरान कई लोगों के शरीर से खून बह रहा था. इसकी कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं. हालांकि इस प्रथा पर कैथोलिक चर्च ने बैन लगाया हुआ है.
62 साल का शख्स भी सूली पर चढ़ा
रिपोर्ट के मुताबिक, अपनेआप को खुशी-खुशी सूली पर चढ़ाने वाले 62 साल के रुबेन इनाजे का कहना है, 'मैं हमेशा से घबरा जाता था क्योंकि मैं क्रॉस पर अपनी जान गंवा सकता था.' इनाजे ने ऐसा 34वीं और आखिरी बार किया है.
उनका कहना है, 'मैं वाकई में अपनी उम्र की वजह से इससे रिटायर होना चाहता हूं लेकिन देखना होगा कि मेरा शरीर क्या अगले साल भी इस दर्द को सहन कर पाता है या नहीं.' ये मामला देश के पंपंगा प्रांत के सैन पेड्रो कटुड गांव का है. यहां कोरोना वायरस महामारी के चलते 2020 के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है.
सूली पर चढ़ते वक्त कैसा लगता है?
इनाजे की उनकी बहादुरी को लेकर खूब तारीफ हो रही है. हालांकि उनका कहना है कि वह हर बार क्रॉस पर चढ़ते वक्त अपनी जान को लेकर डर जाते हैं. उनका कहना है, 'जब मैं क्रॉस पर लेटता हूं तो मेरा शरीर ठंडा पड़ना शुरू हो जाता है. जब मेरे हाथों को बांधा जाता है, तो मैं अपनी आंखें बंद कर लेता हूं और खुद से बोलता हूं, मैं ये कर सकता हूं. मैं ये कर सकता हैं.'
रिपोर्ट में बताया गया है कि इनाजे एक बार तीन मंजिला बिल्डिंग से गिरने के बाद बावजूद जिंदा बच गए थे, इसे उन्होंने चमत्कार माना. तभी से वह इस प्रथा को करते आ रहे हैं.
बता दें, गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईस्टर पर्व मनाया जाता है. इसे ईस्टर संडे भी कहते हैं. ईस्टर संडे को ईसाई समुदाय के लोग खुशी के पर्व के रूप में मनाते हैं. ऐसी मान्यता है कि गुड फ्राइडे के दिन सूली पर चढ़ाए जाने के तीसरे दिन यानी ईस्टर संडे को प्रभु यीशु दोबारा जीवित हो गए थे. इसी खुशी में ईस्टर का पर्व मनाया जाता है. ईस्टर को प्रभु यीशु के जन्मदिन के रूप में भी मनाते हैं.