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ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी पर लहराया तिरंगा, हरियाणा की बेटी ने किया कमाल!

भारत के गणतंत्र दिवस को इस बार हरियाणा की बेटी शिवांगी पाठक ने और भी खास बना दिया.  शिवांगी ने ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट कोजियसको पर तिरंगा फहराकर पूरे देश का मान बढ़ाया. गणतंत्र दिवस के इस खास मौके पर शिवांगी ने भारत की शान को नई ऊंचाई पर पहुंचाया.

शिवांगी पाठक ने ऑस्ट्रेलिया की ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा( Image Credit-shivangi/Insta) शिवांगी पाठक ने ऑस्ट्रेलिया की ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा( Image Credit-shivangi/Insta)
प्रवीण कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:11 PM IST

भारत के गणतंत्र दिवस को इस बार हरियाणा की बेटी शिवांगी पाठक ने और भी खास बना दिया.  शिवांगी ने ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट कोजियसको पर तिरंगा फहराकर पूरे देश का मान बढ़ाया. गणतंत्र दिवस के इस खास मौके पर शिवांगी ने भारत की शान को नई ऊंचाई पर पहुंचाया.

माउंट कोजियसको ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है, जिसकी ऊंचाई 2,228 मीटर (7,310 फीट) है. यह न्यू साउथ वेल्स  राज्य में स्थित है और ऑस्ट्रेलियाई आल्प्स  तथा कोसीयस्को नेशनल पार्क का हिस्सा है. यह चोटी ऑस्ट्रेलिया के सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों में से एक है, जिसे 'सेवन समिट्स'  की सूची में गिना जाता है.

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आज सुबह शिवांगी पाठक ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर माउंट कोजियसको पर तिरंगा फहराने की तस्वीरें साझा कीं. साथ ही, उन्होंने एक पोस्ट लिखकर अपनी इस उपलब्धि के महत्व और इसके पीछे की मेहनत के बारे में बताया. उनकी इस पोस्ट ने उनके प्रशंसकों को प्रेरित किया और उनकी सराहना का सिलसिला शुरू हो गया.

देखें पोस्ट

माउंट कोजियसको और शिवांगी की उपलब्धि
ऑस्ट्रेलिया की माउंट कोजियसको, सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों में शामिल है. इस पर तिरंगा फहराना शिवांगी के कठिन परिश्रम और अटूट संकल्प का नतीजा है. शिवांगी ने अब तक सात महाद्वीपों में से चार की सबसे ऊंची चोटियों पर फतह हासिल कर ली है. उनका अगला लक्ष्य इंडोनेशिया की सबसे ऊंची चोटी कार्स्टेंस पिरामिड पर तिरंगा लहराना है.

16 साल की उम्र में किया था माउंट एवरेस्ट पर फतह
शिवांगी पाठक को सबसे ज्यादा पहचान तब मिली जब उन्होंने 16 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया. उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें प्रधानमंत्री बाल शक्ति पुरस्कार से भी नवाजा गया.

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गुरुजनों और परिवार का आभार
शिवांगी अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने गुरुजनों, परिवार और सभी शुभचिंतकों को देती हैं. साथ ही, वे वैदिक ग्लोबल और ऑस्ट्रेलिया की ब्राह्मण सभा का भी आभार प्रकट करती हैं.

शिवांगी पाठक जैसी बेटियां आज भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर रही हैं और लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन रही हैं.

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