
राजस्थान के धौलपुर जिले में जंगलों के लिए सुखद खबर है कि यहां लगातार विलुप्त जंगली जीव मिल रहे हैं. 19 अगस्त को पेंगोलिन मिला था और अब हनी बेजर मिला है.
जिले के बाड़ी उपखण्ड के नकसौदा गांव में रविवार की शाम को एक विचित्र वन्य जीव आने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. विचित्र जानवर गांव में तेज स्पीड से इधर-उधर दौड़ रहा था जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई.
मामले की सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी. वन विभाग की टीम गांव पहुंची और लोगों को हनी बेजर जानवर होने की सूचना दी जो कि एक खतरनाक जानवर है. बच्चा होने के कारण उसने किसी पर हमला नहीं किया. जंगली जानवर विलुप्त प्राय जीव हनी बेजर को स्थानीय भाषा में कबर बिज्जू के नाम से जाना जाता है.
वन विभाग की टीम ने दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद लोहे का जाल लगाकर कबर बिज्जू को पकड़ने में सफलता हासिल की. उसके बाद झिरी के जंगलों में ले जाकर कबर बिज्जू को छोड़ दिया. इसके पकड़े जाने के बाद गांव वालों ने राहत की सांस ली.
इंटरनेशनल सूची में हनी बेजर अति संकटग्रस्त जानवर
बता दें कि हनी बेजर जानवर के बहुत बड़े नाखून और दांत होते हैं और इसीलिए किसी भी जानवर को उससे लड़ने की हिम्मत नहीं होती है. यह जानवर कभी अपना घर नहीं बनाता है और यह सियार और लोमड़ी के घरों पर कब्जा करता है. इसके पैरों पर नुकीले और मजबूत नाखून होते हैं जिसकी मदद से करीब 20 फीट तक सुरंग तक खोद सकता है. शिकार के लिए यह रात के अंधेरे में ही निकलता है. दिन में तो आराम फरमाता है. हनी बेजर स्वभाव से लड़ाकू होने के कारण ज्यादातर जंगली जानवर इससे दूर ही रहना पसंद करते हैं. इंटरनेशनल सूची में हनी बेजर अति संकटग्रस्त जानवर है.
वन विभाग के फॉरेस्टर हंसराज ने बताया कि बाड़ी के नकसौदा गांव में वन्य जीव के घुसने की खबर मिलने के बाद वाट्सएप पर फोटो मंगाई जो हनी बेजर था जो विलुप्त प्रजाति का जीव हैं. चार टीमों ने हनी बेजर का दो घंटे में रेस्क्यू कर झिरी के जंगलों में छोड़ दिया. यह खतरनाक जानवर हैं.
वन्य जीव विशेषज्ञ राजीव तोमर ने बताया कि हनी बेजर जिसे हिंदी में बिज्जू कहते हैं जो धौलपुर में दिखा है. यह बहुत ख़ुशी की बात है. यह पथरीले इलाके में रहता हैं. यह काफी गुस्सैल होता है. सामने कोई भी जीव आ जाए तो यह पीछे नहीं हटता हैं और डट कर मुकबला करता है. एक बार तो ऐसे भी देखा गया है कि शेर भी इसका शिकार करने में कतराता हैं और शेर पर भी हमला कर देता है. इसका रेस्क्यू किया. इससे पहले पेंगोलिन भी मिला था. धौलपुर के जंगल के लिए यह सुखद है कि वन्य जीव बढ़ रहे हैं.