Advertisement

खाने में चावल-ब्रेड, बाथरूम के लिए घंटों इंतजार... बंधकों ने बताया हमास ने कैसी हालत में रखा

Hamas Released Hostages: इजरायल और हमास के बीच हुई सीजफायर डील के बाद आतंकियों ने बंधकों को रिहा कर दिया है. इन्होंने रिहा होने के बाद बताया कि इनके साथ गाजा में कैसा व्यवहार किया गया था.

लोगों ने बताया हमास के आतंकियों ने उन्हें गाजा में कैसे रखा (तस्वीर- सोशल मीडिया) लोगों ने बताया हमास के आतंकियों ने उन्हें गाजा में कैसे रखा (तस्वीर- सोशल मीडिया)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:00 AM IST

हमास के चंगुल से बचकर आए इजरायल के लोगों ने बताया है कि वहां उन्हें किस हालत में रखा गया. उन्हें 7 अक्टूबर को हमले वाले दिन बंधक बनाकर गाजा ले जाया गया था. इनमें से कई को रिहा होने के बाद पता चला है कि इनके अपने अब इस दुनिया में नही रहे. लोगों ने रिहा होने के बाद बताया कि इन्हें खाने में काफी कम चावल और ब्रेड दिया जाता था. बाथरूम के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता था. 78 साल की रूथी मुंडेर, उनकी 54 साल की बेटी केरेन मुंडेर और 9 साल का नाती ओहद मुंडेर-जिकरी शुक्रवार रात आजाद हुए हैं. 

Advertisement

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इन्हें इजरायल और हमास के बीच हुए सीजफायर समझौते के तहत रिहा किया गया. रूथी को रिहा होने के बाद पता चला कि उनके बेटे की मौत हो गई है. उनके भतीजे मेरव मॉर रविव ने न्यूयॉर्क टाइम्स को इसकी जानकारी दी. उसने बताया कि रूथी और केरेन को खाने में ज्यादातर चावल और ब्रेड दिए जाते थे. जिससे 7 अक्टूबर के बाद से दोनों का वजन 5-8 किलो तक कम हो गया है. उसने कहा, 'ये खा तो रहे थे, लेकिन नियमित तौर पर नहीं और सभी वक्त का खाना नहीं खा रहे थे.' 

इन्हीं की तरह नोआम और अल्मा नाम के दो टीनेज लड़कों को रिहा किया गया. इन्हें भी अब जाकर पता चला है कि इनकी मां योनाट ओर की 7 अक्टूबर को हमास ने हत्या कर दी थी. इनके अंकल बीबीसी से कहते हैं, 'उनके पास बताने के लिए मुश्किल कहानियां हैं कि उन्हें कैसे पकड़ा गया था और उनके साथ कैसा व्यवहार किया गया.' रिहा हुए लोगों में 85 साल की याफा अदार भी शामिल हैं. उनका वजन भी कम हो गया है. उन्हें हमास के आतंकी एक गोल्फ कार्ट में लेकर गए थे. जिसका वीडियो खूब वायरल हुआ.

Advertisement

रविव ने बताया कि जब उनके रिश्तेदारों को बाथरूम जाना होता था तो वो इसकी जानकारी हमास के आतंकियों को देते थे. कई बार उन्हें दो घंटे तक इंतजार कराया जाता था. उन्हें प्लास्टिक की चटाई पर सोने को मजबूर किया जाता था. रूथी के पति हमास के हमले में जीवित बच गए. हालांकि सभी बंधकों को एक जैसी स्थिति में नहीं रखा गया. कुछ लोगों के साथ अच्छी तरह भी व्यवहार किया गया है. थाईलैंड के नौ लोग भी रिहा हुए हैं. इनमें से एक ही बहन ने कहा कि उसका भाई सही हालत में है, जैसे वो घर पर ही रह रहा हो.  

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement