
हैदराबाद की एक हाउसिंग सोसाइटी ट्रेंड में है. वजह है 'लिफ्ट' से जुड़ा एक नोटिस. जी हां सही सुना आपने. हाउसिंग सोसाइटी ने नोटिस जारी किया है कि यदि नौकर/ नौकरानी, डिलीवरी बॉय और मजदूर इस हाउसिंग सोसाइटी की मेन लिफ्ट इस्तेमाल करते हैं तो उनपर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. क्योंकि नोटिस साफ़ साफ़ लोगों से भेदभाव करता नजर आ रहा है, इंटरनेट को ये बुरा लग गया है और आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया है.
सोशल मीडिया पर बड़ी ही तेजी के साथ वायरल हो रहे इस नोटिस को सबसे पहले शाहीना अत्तरवाला नाम की यूजर द्वारा शेयर किया गया था. उन्होंने इस तस्वीर को कैप्शन देते हुए लिखा कि, 'एक समाज के रूप में, हमें अपने अंधेरे और गंदे रहस्यों को छिपाने के लिए प्रोग्राम किया गया है.
आज हम सोचते हैं कि जो लोग कड़ी मेहनत कर हमारे लिए काम करते हैं वे हमारे साथ एक ही जगह पर नहीं रह सकते. अगर वे पकड़े गये तो? जैसे यह कोई अपराध हो? 1000 का जुर्माना? यह संभवतः उनकी कुल सैलरी का 25% है'.
इस वायरल नोटिस ने सोशल मीडिया पर एक व्यापक बहस का आगाज कर दिया है. तमाम यूजर्स सोसायटी के इस अतरंगे फैसले को भेदभावपूर्ण बता रहे हैं और इसकी कड़ी निंदा कर रहे हैं, ऐसे लोगों का तर्क यही है कि यह नोटिस वर्ग विभाजन को कायम रखता है और उन लोगों के लिए अनुचित है जो आवश्यक श्रम करते हैं.
मामले पर अत्तरवाला ने कई ट्वीट किये हैं और कहा है कि, कम से कम हम ऐसे भेदभावपूर्ण व्यवहारों का विरोध तो कर ही सकते हैं. ये अवैध हैं.
पोस्ट पर प्रतिक्रियाओं की झड़ी लग गयी है. यूजर्स द्वार इस बात पर भी बल दिया जा रहा है कि अर्बन सेंटर्स में रहने वाला भारतीय मध्यम वर्ग और उच्च मध्यम वर्ग सबसे अधिक वर्गवादी और नस्लवादी समुदायों में से एक है.
यूजर्स इस बात को भी दोहरा रहे हैं कि अब जबकि ये भेदभाव करने वाला नोटिस सामने आ ही गया है तो चाहे वो नौकर हों या डिलीवरी बॉय और मजदूर सबको इस हाउसिंग सोसाइटी का बहिष्कार कर देना चाहिए.
बहरहाल इस मामले पर अभी हाउसिंग सोसाइटी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. क्योंकि बात अब बढ़ गयी है तो देखना दिलचस्प रहेगा कि इस नोटिस पर हाउसिंग सोसाइटी के पदाधिकारी क्या तर्क देते हैं? खैर इस नोटिस के बाद आपको क्या महसूस हो रहा है? इस अहम मसले पर आपकी क्या राय है कमेंट करके जरूर बताएं.