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भारत में यहां 5 दिन पहले ही मना लिया स्वतंत्रता दिवस, जानें क्यों?

जब देश अंग्रेजी राज से आजाद हुआ, तब हिंदू पंचांग के मुताबिक श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी थी. लिहाजा इसी तिथि को पशुपतिनाथ मन्दिर में पहले ही स्वतंत्रता दिवस मना लिया गया.

प्रतीकात्मक फोटो. प्रतीकात्मक फोटो.
अभि‍षेक आनंद
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  • 14 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST

देश का 72वां स्वतंत्रता दिवस कल 15 अगस्त को जोर-शोर से मनाया जाएगा. लेकिन तीन दशक पुरानी परंपरा के चलते मध्यप्रदेश के मन्दसौर शहर के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मन्दिर में आजादी का सालाना पर्व 10 अगस्त को ही मना लिया गया.

दरअसल, इंदौर से लगभग 250 किलोमीटर दूर मंदसौर में शिवना नदी के किनारे के इस प्राचीन मंदिर में स्वतंत्रता दिवस हिंदू पंचांग के आधार पर मनाया जाता है.

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भाषा के मुताबिक, पशुपतिनाथ मंदिर के पुरोहितों और यजमानों की संस्था ज्योतिष एवं कर्मकांड परिषद के अध्यक्ष उमेश जोशी ने बताया कि 15 अगस्त 1947 को जब देश अंग्रेजी राज से आजाद हुआ, तब हिंदू पंचांग के मुताबिक श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी थी. लिहाजा भगवान शिव के मंदिर में हर साल इसी तिथि के अनुसार पूजा-पाठ कर स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है.

उन्होंने बताया- इस बार यह तिथि (श्रावण कृष्ण चतुर्दशी) 10 अगस्त को पड़ी. लिहाजा हमने अपनी परंपरा के अनुसार इसी तिथि को पशुपतिनाथ मंदिर में स्वतंत्रता दिवस मनाया.

जोशी ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस पर भगवान शिव की विशेष पूजा की गई. इस दौरान दूर्वा (पूजन में प्रयोग होने वाली खास तरह की घास) के जल से अष्टमुखी शिवलिंग का अभिषेक किया गया और देश की खुशहाली की प्रार्थना की गई. उन्होंने बताया कि मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर में श्रावण कृष्ण चतुर्दशी को स्वतंत्रता दिवस मनाने की परंपरा वर्ष 1987 से जारी है.

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