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वो आंगन, वो छत और वही आसमां... 75 साल बाद अपना घर देखने पाकिस्तान पहुंचीं रीना वर्मा

90 साल की रीना छिब्बर ने विभाजन के बाद अपना घर छोड़ दिया था. 75 साल बाद आखिरकार वो उस घर को देखने पाकिस्तान पहुंच गईं.

90 साल की रीना छिब्बर वर्मा (Photo: Facebook/@reena.varma.146) 90 साल की रीना छिब्बर वर्मा (Photo: Facebook/@reena.varma.146)
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 17 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 7:01 PM IST
  • दशकों बाद पाकिस्तान का वीजा मिला
  • पुणे में रहती हैं 90 वर्षीय महिला

Reena Chhibber Verma Story:  जिस घर में उसने किलकारियां भरीं, जिस आंगन में उसने चलना सीखा और जिस छत से पहली बार आसमान देखा वो सबकुछ पीछे छूट गया था. 75 साल पहले 15 वर्ष की एक लड़की बंटवारे का दर्द लिए पाकिस्तान के रावलपिंडी से भारत आई और यहीं होकर रह गई. ये कहानी है उस 90 साल की हो चुकीं रीना छिब्बर वर्मा की जो अब भारत से पाकिस्तान गई हैं अपना वही घर देखने...

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रीना छिब्बर वर्मा की कहानी सुर्खियों में है. रीना जब महज 15 साल की थीं तब विभाजन के बाद पाकिस्तान के रावलपिंडी से अपना घर छोड़कर भारत आई थीं. हाल ही में वो सरहद पार कर अपना पुश्तैनी घर देखने के लिए पाकिस्तान पहुंचीं तो उनकी आंखें भर आईं. एक इंटरव्यू में उन्होंने पुरानी यादें साझा की थी. रीना वर्मा कहती हैं- मुझे सच में ऐसा लग रहा है कि मैं घर वापस जा रही हूं...

रीना छिब्बर वर्मा ने विभाजन के बाद जब अपना घर छोड़ा होगा, तो शायद उन्होंने दोबारा अपने आंगन को देखने की उम्मीद भी छोड़ दी होगी. लेकिन 75 साल बाद आखिरकार वह पाकिस्तान पहुंचने में सफल रहीं. 

दरअसल, 90 साल की हो चुकीं रीना वर्मा का सपना था कि दुनिया छोड़ने से पहले वो पाकिस्तान में छूट चुके अपने घर को देखने के लिए जाएं. 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के अनुसार, पाक उच्चायोग द्वारा रीना वर्मा को सद्भावना के तौर पर तीन महीने का वीजा जारी किया गया है. वो तीन महीने तक पाकिस्तान में रह सकती हैं. 

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रीना छिब्बर वर्मा

बताया गया कि रीना ने इससे पहले कई बार वीजा के लिए अप्लाई किया था, लेकिन वीजा कभी नहीं लगा. इस बार उन्होंने पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार को अपनी इच्छा जाहिर करते हुए ट्विटर पर टैग किया, जिसके बाद उनके लिए पाकिस्तानी वीजा की व्यवस्था की गई.

15 जुलाई को रीना अटारी-वाघा बॉर्डर पार कर पाकिस्तान पहुंचीं. इस दौरान वो काफी भावुक हो गईं. उन्होंने दोनों देशों की सरकारों से वीजा प्रतिबंधों को कम करने का आग्रह किया. 

रीना छिब्बर वर्मा

 पुरानी यादों को साझा करते हुए रीना वर्मा कहती हैं- उस वक्त मेरे बड़े भाई-बहनों के कई मुस्लिम दोस्त थे. वो अक्सर हमारे घर आते थे. पिता जी खुले विचारों के व्यक्ति थे. रीना वर्मा के मुताबिक, घर के अलावा वो उस स्कूल में भी जाने की कोशिश करेंगी, जहां उन्होंने बचपन में पढ़ाई की थी. रीना अपने बचपन के बचे दोस्तों से भी मिलने की कोशिश करेंगी. 
 
एक वीडियो में पुणे की रहने वाली रीना वर्मा कहती हैं- 'मैंने मॉडर्न स्कूल में पढ़ाई की. मेरे चार भाई-बहन भी उसी स्कूल में गए थे. विभाजन से पहले हिंदू और मुस्लिम कोई मुद्दा नहीं था. सोशल मीडिया पर रीना के कई पाकिस्तानी दोस्त हैं. यहीं पर पाकिस्तानी नागरिक सज्जाद हैदर ने उनसे संपर्क किया और रावलपिंडी में उनके घर की तस्वीरें भेजीं. धीरे-धीरे उनकी कहानी पाकिस्तान में चर्चा में आ गई. 

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