Advertisement

गैस विस्फोट में जल गया 70 फीसद शरीर, 30 से ज्यादा करानी पड़ी सर्जरी, फिर बनीं ब्यूटी क्वीन

10 साल की उम्र में घर में हुए गैस विस्फोट से 70% शरीर झुलसने के बावजूद, एक महिला ने न सिर्फ अपने जीवन को संवारा बल्कि मिसेज कोलोराडो का खिताब जीतकर एक मिसाल पेश की.

डैनेट बर्जलफ-हाग की कहानी (फोटो - @danette_beautyfromashes/Instagram) डैनेट बर्जलफ-हाग की कहानी (फोटो - @danette_beautyfromashes/Instagram)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST

कोलोराडो की डैनेट बर्जलफ-हाग को आज भी वो खौफनाक दिन याद है जब उनके घर में हुए धमाके ने सब कुछ तबाह कर दिया था. उनके परिवार ने आयोवा स्थित घर में बच्चों के लिए एक पार्टी रखी थी. तभी फर्नेस के फॉल्टी वाल्व से गैस रिसाव होने लगा.  जैसे ही डैनेट की मां ने गर्म पानी चालू किया, वह गैस फट गई और पूरा घर आग की लपटों में घिर गया.

Advertisement

धमाके से निकली आग के गोले ने 10 साल की डैनेट को घेर लिया. इस हादसे में डैनेट और उनके पिता गंभीर रूप से घायल हुए, और डैनेट का 70% शरीर पर बुरी तरह से झुलस गया.  डैनेट को अस्पताल में भर्ती किया गया और गहन चिकित्सा से गुजरना पड़ा. तब जाकर  किसी तरह  उसकी जान बच सकी.

30 से ज्यादा करा चुकी हैं सर्जरी
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक डैनेट ने बताया कि मुझे तत्काल ट्रेकियोस्टॉमी कर वेंटिलेटर पर रखा गया ताकि मेरी जान बचाई जा सके. मैं महीनों तक बर्न सेंटर में रही और 20 साल की उम्र तक अस्पताल के चक्कर लगाती रही. मैंने करीब 30 से ज्यादा सर्जरी करवाईं, जिनमें से अधिकांश स्किन ग्राफ्टिंग थीं. 

चुनौतीपूर्ण रही जिंदगी
इस हादसे के बाद, डैनेट का जीवन कठिन हो गया. उन्हें स्कार-कवर्ड (दागों से ढका हुआ) शरीर स्वीकार करना पड़ा. स्कूल के दौरान उन्हें प्रेशर गारमेंट, स्प्लिंट्स और फेस मास्क पहनना पड़ता था, जिससे उनका जीवन भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हो गया.

Advertisement

एक वक्त टूट चुकी थीं डैनेट
उन्होंने सोचा कि उनका ब्यूटी क्वीन बनने का सपना कभी पूरा नहीं होगा. डैनेट बताती हैं कि मुझे लगा कि मैं कभी समाज में फिट नहीं हो पाऊंगी. मैं निराश, असहाय और टूट चुकी थी. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. 2019 में उन्होंने अपने पहले ब्यूटी पेजेंट में हिस्सा लिया. तीन साल के संघर्ष और आंतरिक आत्मस्वीकृति के बाद, वह मिसेज कोलोराडो बनीं.

खुद पर गर्व और समाज को संदेश
डैनेट बताती हैं कि जब मुझे 'मिसेज कोलोराडो' का खिताब और ताज पहनाया गया, वह मेरे जीवन का सबसे शानदार पल था. यह न केवल मेरे लिए बल्कि उस 10 साल की लड़की के लिए भी था, जिसने एक हादसे में सब कुछ खो दिया था.

डैनेट का कहना है कि उन्होंने खुद को पीड़ित के रूप में देखना छोड़ दिया और इसे एक नई पहचान में बदल दिया. मैं एक बार पीड़ित थी, लेकिन लंबे समय तक उस लेबल के नीचे रहना मेरे लिए सही नहीं था. मैं गर्व से कहती हूं कि मैं एक बर्न सर्वाइवर हूं. मैंने अपने घावों को कमजोरी के बजाय ताकत में बदला है.

लोगों के लिए बनीं मिसाल
आज डैनेट चार बच्चों की मां हैं और पेशे से एक बाल चिकित्सा नर्स और लाइफ कोच हैं. उन्होंने अपने अनुभवों पर आधारित एक किताब 'ब्यूटी फ्रॉम एशेज: ट्रांसफॉर्मिंग वूंड्स इनटू विजडम; स्कार्स इनटू स्टार्स' भी लिखी है. उन्होंने कहा कि मुझे अपने दाग-धब्बों से परे सुंदर दिखने के लिए खुद पर बहुत मेहनत करनी पड़ी. 43 सालों से लोग मुझे घूरते हैं, लेकिन आज मैं इसे अलग नजरिए से देखती हूं.

Advertisement

मेरे दाग ही मेरी पहचान बनीं
डैनेट कहती हैं कि आज मैं अपने दागों को ईश्वर की कृति मानती हूं. जब लोग इसे देखते हैं, तो मैं इसे एक प्रेरणा मानती हूं, न कि शर्मिंदगी. यही सोच मुझे खुश रखती है. डैनेट का कहना है कि उनकी सफलता का रहस्य उनका सकारात्मक दृष्टिकोण और मानसिकता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement