Advertisement

पाकिस्तानी 'करियर मेंटर' पर भड़के लोग, महिलाओं को लेकर कह दी ये घटिया बात

अपने पोस्ट में रजा ने लिखा है कि महिला उम्मीदवार करीब 50 फीसदी ही इंटरव्यू में हिस्सा लेती हैं, जबकि पुरुष उम्मीदवार 80 फीसदी समय इंटरव्यू में उपस्थित होते हैं.

पाकिस्तानी करियर मेंटर ने महिलाओं पर की टिप्पणी (प्रतीकात्मक तस्वीर- Pexels) पाकिस्तानी करियर मेंटर ने महिलाओं पर की टिप्पणी (प्रतीकात्मक तस्वीर- Pexels)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 12:39 PM IST

लिंक्डइन पर एक पाकिस्तानी महिला करियर मेंटर ने महिलाओं के वर्क एथिक्स को लेकर ऐसी बात कह दी, जिससे लोगों को गुस्सा आ रहा है. सोशल मीडिया पर लोग उसे खूब खरीखोटी सुना रहे हैं. ट्विटर पर एक यूजर ने लिंक्डइन पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है. इसे सोफिया रजा नामक महिला ने लिखा है. जो खुद को करियर मेंटर और टैलेंट डेवलपर बता रही है.

Advertisement

अपने पोस्ट में रजा ने लिखा है कि महिला उम्मीदवार करीब 50 फीसदी ही इंटरव्यू में हिस्सा लेती हैं, जबकि पुरुष उम्मीदवार 80 फीसदी समय इंटरव्यू में उपस्थित होते हैं. उसने आगे दावा किया कि महिलाएं अकसर इंटरव्यू से पीछे हटने के लिए 'फैमिली इमरजेंसी' के बहाने का इस्तेमाल करती हैं, जबकि पुरुष या तो माफी मांग लेते हैं या किसी और समय आने को कहते हैं या फिर इंटरव्यू में मौजूद न रहने का स्पष्ट और वास्तविक कारण बताते हैं.

पोस्ट में क्या लिखा था?

रजा के इस पोस्ट से सोशल मीडिया पर लोग काफी नाराज हो गए. उसने बाद में अपना पोस्ट डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक उसका स्क्रीनशॉट वायरल हो गया था. रजा ने अपने पोस्ट में लिखा था, 'अगर हम महिला उम्मीदवारों पर विश्वास करें, तो ऐसा लगता है कि पूरे पाकिस्तान में आधे परिवार हमेशा 'फैमिली इमरजेंसी' से ही जूझ रहे होते हैं. यहां तक ​​कि वरिष्ठ अनुभवी महिला पेशेवर को भी यही समस्या है और वो भी यही बहाना बनाती हैं. ये एक ऐसी महामारी है, जिसका पता अभी तक WHO भी नहीं लगा पाया है.'

Advertisement

लोगों ने इस पर क्या कहा?

हालांकि एक्स (पहले ट्विटर) पर लोग रजा के इन दावों पर सवाल उठा रहे हैं. एक यूजर ने कहा, 'लिंक्डइन अब तक का सबसे खराब प्लैटफॉर्म है. यह एक ऐसे व्यक्ति द्वारा की गई गंभीर पोस्ट है, जो खुद को एक मेंटर मानती है, स्त्री द्वेष वाली एक मेंटर, शायद वो और सभी एचआर अधिकारी इस पोस्ट को पसंद कर रहे हैं.' एक अन्य यूजर ने कहा, 'यह बहुत ही गुस्सा दिलाने वाला है. महिलाएं 'फैमली इमरजेंसी' से निपट रही हैं, जो पुरुषों को अपना जीवन सामान्य रूप से जारी रखने में मदद करता है. चाहे वह बच्चों/ससुराल की सेहत की बात हो, घर की देखभाल की हो या कर्मचारियों के मुद्दों से संबंधित हो.' 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement