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दूध और पनीर शाकाहारी नहीं हैं? डॉक्टर के इस तर्क पर छिड़ी बहस

एक डॉ. कर्पगम ने एक्स पर लिखा, "पनीर और दूध 'शाकाहारी' नहीं हैं. वे पशु स्रोत खाद्य पदार्थ हैं... चिकन, मछली और बीफ की तरह." उनकी इस प्रतिक्रिया के बाद सोशल मीडिया पर शाकाहारी और मांसाहारी की बहस शुरू हो गई.

सांकेतिक तस्वीर (फोटो सोर्स- फ्रीपिक) सांकेतिक तस्वीर (फोटो सोर्स- फ्रीपिक)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:45 PM IST

दूध और उससे बने उत्पादों जैसे पनीर, दही, मक्खन आदि को आमतौर पर शाकाहारी (Vegetarian) माना जाता है. लेकिन सोशल मीडिया पर एक डॉक्टर की पोस्ट के बाद इस पर बहस शुरू हो गई है. इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल एथिक्स की कार्यकारी संपादक डॉ. सिल्विया कर्पगम (Dr Sylvia Karpagam) ने यह कहकर विवाद को और हवा दे दी कि चूंकि दूध और पनीर जानवरों से आते हैं, इसलिए उन्हें चिकन या बीफ की तरह ही मांसाहारी माना जाना चाहिए.

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दरअसल, एक डॉक्टर सुनीता सयामगारू ने एक्स (पहले ट्विटर) पर शाकाहारी थाली की तस्वीर शेयर की थी. शाकाहारी थाली में पनीर, मूंग दाल, गाजर, खीरे और प्याज के साथ सलाद, कच्चा नारियल, अखरोट और एक कटोरी खीर शामिल थी. उन्होंने इसे कैप्शन दिया, "पति के शाकाहारी भोजन की डिनर प्लेट. इसमें प्रोटीन, अच्छे वसा और फाइबर हैं."

डॉ. कर्पगम ने डॉक्टर सुनीता की पोस्ट री-पोस्ट करते हुए एक्स पर लिखा, "पनीर और दूध 'शाकाहारी' नहीं हैं. वे पशु स्रोत खाद्य पदार्थ हैं... चिकन, मछली, बीफ और सभी की तरह." उनकी इस प्रतिक्रिया के बाद सोशल मीडिया पर शाकाहारी और मांसाहारी की बहस शुरू हो गई. कई यूजर्स ने उनके बयान पर असहमति दिखाई.

कई यूजर्स ने तर्क दिया कि पनीर और दूध शाकाहारी हैं क्योंकि उन्हें प्राप्त करने के लिए किसी जानवर को नहीं मारा जाता है. एक यूजर ने लिखा, "पनीर या दूध खाने के लिए किसी की हत्या नहीं की जाती." दूसरे ने लिखा, "दूध उत्पाद पशु उत्पाद हैं, जिन्हें किसी जानवर को नहीं मारना पड़ता और इसलिए यह वास्तव में शाकाहारी है और मांसाहारी नहीं है. किसी भी जानवर की हत्या या नुकसान दूध देने की व्यवस्था पर निर्भर करता है, शाकाहारी का मतलब शाकाहारी ही होता है." एक यूजर ने लिखा, 'तो जब बच्चा स्तन का दूध पीता है... तो क्या आप यही तर्क इस्तेमाल करेंगे. क्या आप वाकई मरीजों का इलाज करते हैं.'

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दूध और पनीर के शाकाहारी या मांसाहारी होने की बहस तब और तेज हो गई जब डॉ. कर्पगम ने जब इसकी तुलना अंडे से कर दी. उन्होंने तर्क करते हुए सवाल किया कि अगर मुर्गियों को नहीं मारा जाता तो अंडे को मांसाहारी क्यों माना जाता है. इससे बहस और तेज हो गई, कुछ लोगों ने उन पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया, जबकि अन्य लोगों को लगा कि वह बस लोगों को अधिक से अधिक जुड़ने के लिए उकसाने की कोशिश कर रही थीं.

 

दरअसल, दूध गाय, भैंस, बकरी आदि के स्तन ग्रंथियों से निकलता है, लेकिन इसमें किसी भी जानवर को नुकसान नहीं पहुंचाया जाता. पनीर दूध से बनता है, इसलिए इसे भी शाकाहारी माना जाता है. दूध में पशु की कोई कोशिका (cells) या ऊतक (tissues) नहीं होते, इसलिए यह मांसाहारी (Non-Vegetarian) की श्रेणी में नहीं आता. मांसाहार तब होता है जब भोजन में किसी जीव का मांस, रक्त, या ऊतक शामिल हो. पारंपरिक भारतीय पनीर नींबू, सिरका या टाटरी (Tartaric Acid) से बनाया जाता है, जो पूरी तरह शाकाहारी होता है.

हिन्दू धर्म में दूध और इसके उत्पादों को पवित्र और सात्विक (Sattvic Food) माना जाता है. भगवान कृष्ण भी माखन, दही और दूध के प्रेमी थे, जिससे यह शाकाहार की श्रेणी में आता है.

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