
फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के इजराइल पर अचानक हमला कर युद्ध के हालात पैदा कर दिए हैं. इस हमले ने इजराइल को झंकझोरकर रख दिया है. जवाबी कार्रवाई में इजरायल की ओर से लगातार हो रही बमबारी के चलते 20 लाख की आबादी वाला गाजा इमारतों के कब्रिस्तान में बदला हुआ नजर आने लगा है. हर तरफ सिर्फ मलबा और धुआं नजर आ रहा है. इस बीच जंग का शिकार हुए लोग रूह कंपा देने वाले हालात और अनुभव साझा कर रहे हैं. हाल में एक अमेरिकी महिला ने बताया कि कैसे म्यूजिक फेस्टिव में हमास के हमले और नरसंहार के बावजूद वह बचने में कामयाब हुई.
'शवों के ढेर के नीचे लाश बनकर छिपी रही'
महिला ने इज़राइल में म्यूजिक फेस्टिवल में हमास के हमले के बाद बंधक बनने से बचने के लिए शवों के ढेर के नीचे लाश बनकर छिपने के अपने डरावने अनुभव को याद किया. कैलिफ़ोर्निया की ली सासी, दक्षिणी इज़राइल में नेगेव रेगिस्तान में इज़राइल-गाजा सीमा से सिर्फ तीन मील दूर सुपरनोवा फेस्टिवल में थीं. यह फेस्ट शुक्रवार शाम को शुरू हुआ और इसमें हजारों युवा इकट्ठा हुए. लेकिन अचानक हमास के हमले से हालात बदल गए. यहां रॉकेट फायर की आवाज के बाद म्यूजिक बंद कर दिया गया और सुरक्षा कर्मचारियों ने लोगों को मंच से दूर कर दिया. सामने आने वाली मुसीबत से अनजान लोग तितर-बितर हो गए.
'शेल्टर का रास्ता याद आया तो...'
ली ने न्यूजनेशन के क्रिस कुओमो से कहा, "यह एक बुरा सपना था, मैं आपको बता भी नहीं सकती कि मैंने क्या देखा. इस फेस्ट में रहते हुए मैंने अपने जीवन के सबसे अच्छे और सबसे बुरे छह घंटे देखे. उन्होंने कहा "हम पार्टी में पहुंचे. हम नाच रहे थे और तस्वीरें ले रहे थे. फिर हमने देखा, ऊपर आसमान में आतिशबाजी जैसा लग रहा था, और हमें एहसास हुआ कि यह फेस्ट की आतिशबाजी तो नहीं थी. हम कार की ओर भागे. मैं अपने कजिन के साथ दौड़ रही थी जो एक अलग कार में आया था और हम अलग-अलग रास्ते चले गए. वहीं मैं अपने चाचा और अपने दूसरे चचेरे भाई के साथ गई. अचानक मुझे याद आया कि पार्टी के रास्ते में एक बम शेल्टर था, और इसलिए मुझे बम शेल्टर का रास्ता याद आया. मैंने तुरंत अपने चाचा को बताया कि कहां जाना है."
'20 मिनट में आतंकवादी हमला होने वाला है'
ली ने बताया कि कैसे फेस्ट की लोकेशन "वन-वे रोड" पर गाजा पट्टी के साथ सीमा पर थी. सड़के ब्लॉक थीं तो हम बम शेल्टर में चले गए. हमने देखा कि वहां पहले से ही लगभग 35 लोग मौजूद थे. उन्होंने कहा, ''हम सभी घबरा रहे थे. मैं सिर्फ प्रार्थना करके खुद को शांत करने की कोशिश कर रही थी. तभी वहां लोगों में से किसी ने बताया कि 20 मिनट में आतंकवादी हमला होने वाला है.
'मेरे आंखों के सामने मेरे चाचा की जान ले ली'
उन्होंने कहा- जब हमने यह सुना, तो हर कोई घबरा गया. इतने में अचानक कुछ आतंकवादी बम शेल्टर में घुस आए. वो तीन लोग थे और उन्होंने सबसे आगे मौजूद सभी लोगों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं. देखते ही 10 लोग मेरी आंखों के सामने गिर पड़े. इसके बाद वे लोग बाहर से ग्रेनेड फेंक रहे थे. और एक ग्रेनेड ने मेरे ठीक सामने मेरे चाचा की जान ले ली. वे मेरे सामने ही जल गए.
'वे हमारे मारने का इंतजार कर रहे थे'
उन्होंने बताया, "लेकिन ये तो शुरुआत थी. यह सुबह 8 बजे हुआ और हम दोपहर 2 बजे तक वहां थे. मैं अपने चाचा की मौत से सदमे में थी. हमने अंदर ही वहां 7 घंटे मदद का इंतजार किया. हर बार जब वे ग्रेनेड फेंक रहे थे और गोलीबारी कर रहे थे, तो वे हंस रहे थे. उनकी आवाज बहुत उत्साहित थी और यह उनके लिए खुशी की तरह था. जैसे कि वे हमारे मारने का इंतजार कर रहे थे."
'लाशों मेंं लाश बनकर छुपी रही'
ली ने बताया कि मैं समझ गई कि इस शेल्टर में जीवित रहने का उसका सबसे अच्छा मौका पहले से मरे लोगों के शवों के ढेर के नीचे छिपना है. यहां मौजूद 30 से 35 लोगों में 80 प्रतीशत को 10 मिनट के अंदर मर चुके थे. ग्रेनेड से बचने के लिए मैं लाशों में छुप गई. उन्होंने बताया कि आखिरकार बचने के लिए मैंने अपने कजिन को व्हाट्सएप लोकेशन भेजी. साथ ही मैंने अपना फोन एसओएस इमरजेंसी पर रखा और इस तरह मुझे ढूंढा जा सका. "