
जापान का व्हेल बेड़ा अंटार्कटिक सागर में 333 व्हेलों का शिकार करके वापस लौट आया. जापान ने संशोधित व्हेल अनुसंधान कार्यक्रम के तहत लगातार दूसरे साल अपना लक्ष्य हासिल कर लिया.
जापान की मत्स्य पालन एजेंसी ने कहा कि पांच जहाजों वाले बेड़े ने व्हेल के शिकार का विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं के किसी बड़ी बाधा के बगैर अपने चार माह का अभियान पूरा कर लिया. मीडिया में कई बड़े व्हेल को मारने की फोटोज भी सामने आई हैं. व्हेल के शिकार का विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं ने पिछले कुछ साल में जापान के इस अभियान को रोकने का प्रयास किया था.
जापान का कहना है कि व्हेलों की हत्यायें पारिस्थितिकीय अनुसंधान के लिये की गयी हैं. हालांकि 1986 के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध के बावजूद अनुसंधान के उद्देश्य से व्हेलों के शिकार की अनुमति है. जबकि व्यावसायिक उद्देश्यों से व्हेल का शिकार करने के विरोधी जापान के इस कार्यक्रम के खिलाफ हैं.
एनिमल प्रोटेक्शन चैरिटी ह्यूमेन सोसायटी इंटरनेशनल ने व्हेलों को मारने को बंद करने को कहा है. सोसायटी के एग्जेक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट किट्टी ब्लॉक ने कहा है कि जापान हर साल साइंटिफिक स्टडी के नाम पर व्हेल को मारता है. विज्ञान के नाम पर चलाई जा रही यह क्रूरता बंद होनी चाहिए.
पिछले साल जापान ने 200 प्रेग्नेंट व्हेल का शिकार किया था. विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि व्हेल को कॉमर्शियल इस्तेमाल के लिए ही मारा जा रहा है, लेकिन दुनिया को बताया जा रहा है कि इनका साइंटिफिक रिसर्च में इस्तेमाल हो रहा है. नेशनल ज्योग्राफिक की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल व्हेलिंग कमिशन के सदस्य जापान के दावे को लेकर सहमति पर नहीं पहुंच पाए थे.