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35 साल से बेटी को न्याय दिलाने के लिए जंग लड़ने वाले पिता की 'अधूरी कहानी', पढ़ कर रो पड़ेंगे

जॉन ने अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए वो कर दिखाया जो शायद ही दुनिया का कोई पिता कर पाए. उन्होंने 35 साल तक ये जंग लड़ी लेकिन बेटी को न्याय दिलाने से पहले ही दुनिया छोड़कर चले गए.

बेटी को न्याय दिलाने के लिए पिता ने 35 साल तक जंग लड़ी (प्रतीकात्मक तस्वीर- Getty Images) बेटी को न्याय दिलाने के लिए पिता ने 35 साल तक जंग लड़ी (प्रतीकात्मक तस्वीर- Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 जून 2023,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST

अपने सपनों को जीती एक लड़की. घर से दूर सफलता के नए आयाम बुन रही थी. तभी उसके साथ एक ऐसी घटना हो गई, जिससे उसके परिवार के साथ साथ पूरी दुनिया सहम उठी. जिसने सुना वो हैरान था. लड़की के साथ रेप हुआ, फिर मर्डर हुआ, उसके शव के टुकड़े कर दिए गए और फिर उन्हें आग के हवाले किया गया. ये कहानी 28 साल की जूली की है. वो एक 28 साल की वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर थीं. अपनी जिंदगी और सपने जीने की चाहत में अफ्रीकी देश केन्या गई थीं. उनका पूरा परिवार ब्रिटेन में रहता है.

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डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, जूली के परिवार को कभी बताया गया कि उनकी बेटी को जानवरों ने खा लिया है, तो कभी कहा गया कि उस पर बिजली गिर गई थी. लेकिन उनके पिता को इस कहानी पर शक हुआ. उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी बेटी को न्याय दिलाने में लगा दी. वो बीते 35 साल से इस जंग को लड़ रहे थे. मगर अभी तक हत्यारा खुली हवा में सांस ले रहा है. ये कहानी साल 1988 से शुरू होती है. लेकिन हम आपको आज इसलिए बता रहे हैं क्योंकि जूली के पिता जॉन वार्ड की मौत हो गई है. और वो अपनी बेटी के हत्यारे को सजा दिलाए बिना ही दुनिया छोड़कर चले गए. उनकी मौत से दो हफ्ते पहले उनकी पत्नी भी चल बसीं.

हत्यारों को सजा से पहले छोड़ी दुनिया

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जॉन अपनी बेटी को जीते जी लाख कोशिशों के बावजूद न्याय नहीं दिला पाए. हालांकि उनके बेटों का कहना है कि वो अब इस जंग को लड़ना जारी रखेंगे और बहन को न्याय दिलाएंगे. हम आज जॉन वार्ड के संघर्ष के बारे में जानेंगे, कि उन्होंने अपनी जिंदगी के ये 35 साल किस तरह गुजारे. उनकी सिर्फ एक मांग थी, बेटी को न्याय दिलाना. लेकिन रास्ते का रोड़ा अपने देश की सरकार और सुरक्षा एजेंसी भी बनीं. ये खुद जॉन कहा करते थे. बेटी को न्याय दिलाने के लिए उन्होंने अलग अलग देशों की 200 से अधिक यात्राएं कीं और करीब 2 मिलियन पाउंड (करीब 20 करोड़ रुपये) खर्च किए.

जूली की हत्या केन्या के मसाई मारा में साल 1988 में हुई थी. इसी मामले को सुलझाने के लिए जॉन ने जमीन आसमान एक कर दिए. उन्होंने 100 से अधिक बार केन्या की यात्रा की और वो सबूत जुटाए, जिनका इशारा केन्या के तत्कालीन राष्ट्रपति डैनियल मोइ के बेटे की तरफ जाता है. जॉन ने ये भी आरोप लगाया कि इस हत्या के मामले को कवर अप करने के लिए ब्रिटेन की सरकार केन्या सरकार की मदद कर रही है.

जूली के भाई ने दी मौत की जानकारी

जॉन के बेटे बॉब ने सोमवार को अपने पिता की मौत की जानकारी दुनिया को दी. उन्होंने बताया कि बीते हफ्ते उनकी मां ने भी दुनिया छोड़ दी थी. बॉब ने कहा कि अब वो और उनके भाई आगे की लड़ाई जारी रखेंगे. उन्होंने बताया कि पिता की शादी को 65 साल हुए थे. वो और उनकी पत्नी दो हफ्ते के अंतराल में दुनिया छोड़कर चले गए. वो पैदा भी दो हफ्ते के अंतराल में ही हुए थे. परिवार अभी उनके 90वें जन्मदिन के जश्न की योजना बना रहा था. जो इसी महीने होना था. जूली की हत्या के बाद इस कपल ने सच का पता लगाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. अब इसे जूले के भाई बॉब और टिम लड़ेंगे.

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बॉब ने कहा, '35 साल से जॉन के नेतृत्व में पूरा परिवार केन्या की सरकार, ब्रिटेन की सरकार, स्कॉटलैंड यार्ड (मेट्रोपॉलिटन पुलिस का हेडक्वार्टर) और  MI6 (ब्रिटेन की सुरक्षा एजेंसी) से लड़ रहा है. जॉन को पता था कि जूली की हत्या हुई है.' 

कई देशों की यात्रा की थी

चार पोती-पोतों वाले जॉन वार्ड रिटायर्ड होटेलियर थे. उन्होंने सच का पता लगाने के लिए ब्रिटेन से केन्या, अमेरिका, डेनमार्क, बेल्जियम, फ्रांस, यूगांडा और तंजानिया की यात्रा की. वो केन्या की अदालत में पेश हुए, फॉरेंसिक साइंस को अधिक से अधिक जानकारी दी. जूली पब्लिशिंग कपनी की अपनी नौकरी छोड़कर 6 महीने के एडवेंचर के लिए केन्या गई थीं. यहां वो मसाई मारा गेम रिजर्व में जानवरों की तस्वीरें लेने गई थीं. जब वो सितंबर 1988 में लापता हुईं. तब जॉन कुछ घंटों बाद ही फ्लाइट लेकर सीधे केन्या पहुंचे और अपनी खुद की जांच शुरू कर दी. तब वो पहली बार केन्या गए थे.

जहां जूली को आखिरी बार देखा गया था, उस इलाके की जांच के लिए उन्होंने पांच हवाई जहाजों को पैसा दिया. उन्हें वहां जूली की कार दिखाई दी. जूली का शव 10 मील की दूरी पर मिला. वो जॉन ही थे, जिन्हें अपनी बेटी का जबड़ा और पैर का निचला हिस्सा मिला. इन्हें जलाया गया था. ये झाड़ियों की गहराई में मिले. कई साल तक अपनी जांच जारी रखने के दौरान उन्हें घटनास्थल के पास शौच किए जाने वाली जगह मिली. इस जगह के पास जूली रह रही थीं. तब जॉन ने वहां से डीएनए सैंपल लिया और इसे अपने पास सुरक्षित रखा.

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राष्ट्रपति के बेटे पर लगाए आरोप

अब तक जुटाए गए सबूतों से जॉन आश्वस्त हो गए कि उनकी बेटी का रेप तत्कालीन राष्ट्रपति के बेटे जोनाथन मोइ ने किया है. उसी ने अपने शराबी साथियों को जूली का शव गायब करने का आदेश दिया था. एक पैथोलॉजिस्ट ने भी कहा कि जूली की हत्या की गई है. वहीं दूसरी रिपोर्ट्स में कहा गया कि जूली पर जानवरों ने हमला किया है. जॉन को ये भी कहा गया कि उनकी बेटी पर बिजली गिर गई थी.

जॉन का दावा था कि ब्रिटेन की सरकार और MI6 ने हत्या के मामले को कवर अप करने के लिए केन्या के अधिकारियों की मदद की है. साल 2008 में उन्होंने फ्रीडम ऑफ इनफार्मेशन एक्ट का इस्तेमाल तक 2004 की रिपोर्ट हासिल की, जिसे ब्रिटेन की लिंकनशायर पुलिस के लिए तैयार किया गया था. जो विदेश कार्यालय, ब्रिटिश उच्चायोग और स्कॉटलैंड यार्ड के लिए बेहद आलोचनात्मक थी. 

बताया था क्यों लड़ रहे लड़ाई

जब साल 2008 में जॉन से पूछा गया कि कौन सी चीज उन्हें लड़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित कर रही है, तो उन्होंने कहा, 'कुछ लोगों ने कहा कि मुझे सब जाने देना चाहिए. लेकिन उन्हें नहीं पता कि ये वाकई में क्या है. मेरी बेटी की हत्या हुई, उसे मारा गया, जलाया गया और शेरों के सामने डाल दिया गया. मैं रुक भी जाता, लेकिन ये जानने के बाद कि उसके हत्यारे अब भी बाहर अपना जीवन जी रहे हैं, इसका मतलब है कि मुझे सब जारी रखना होगा.' जॉन ने बताया कि हत्या के इस मामले को सुलझाने में उन्होंने 20 करोड़ रुपये खर्च कर दिए और 100 बार केन्या गए.

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उन्होंने कहा कि वह अपने पूरे वक्त ये काम नहीं करते थे बल्कि जूली के केस के बाहर भी उनकी जिंदगी थी. वो एक बिजेनस चलाते थे, उसमें भी वक्त देना पड़ता था. हर महीने उनके दरवाजे पर कुछ न कुछ आ जाता, कोई चिट्ठी, तस्वीर या कई बार कुछ ऐसा, जो शायद जूली के हत्यारों को जवाबदेह ठहराने के एक कदम और करीब ले जाए. जूली के मामले में 2010 में एक नई जांच शुरू हुई. इसमें लंदन के जासूस भी संभावित सबूतों और डीएनए की जांच में स्थानीय पुलिस की मदद कर रहे हैं. लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि अधिकारियों को उम्मीद है कि जूली के अवशेषों की खोज वाले स्थान के पास बरामद चीजों की आधुनिक डीएनए जांच से उन्हें मामले को सुलझाने में सफलता मिल सकती है.

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