
भूत, प्रेत और आत्माओं के अस्तित्व का होना किया व्यक्ति विशेष के विश्वास पर निर्भर करता है. बहुत से लोगों का मानना है कि भूत-प्रेत जैसी कोई चीज नहीं होती, यह मात्र एक वहम है. तो वहीं, कई लोग भूत-प्रेत पर विश्वास भी करते हैं. आज हम आपके ऐसी सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप खुद ये सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि क्या वाकई भूत या आत्माएं होती हैं?
नवंबर 2011 को अमेरिका में लटोया एमन्स (Latoya Ammons) नाम की महिला अपने तीन बच्चों और मां रोजा कैंपबेल (Rosa Campbell) के साथ इंडियाना राज्य के गैरी में कैरोलिना स्ट्रीट स्ठित एक किराए के घर पर रहने के लिए आई. शुरुआत से ही यह घर लटोया को कुछ खास पसंद नहीं था. लेकिन परिवार की माली हालत ठीक न होने के कारण उन्होंने इसी घर में रहने का फैसला किया. लेकिन कुछ दिन बाद से ही इस घर में पैरानॉर्मल घटनाओं का सिलसिला ऐसा चला कि लटोया और उसका परिवार परेशान हो गया.
लाखों काली बड़ी मक्खियां घर में घुसीं
दिसंबर 2011 में लटोया के परिवार का पहली घटना से सामना हुआ. जब उनके घर में एक साथ लाखों बिग ब्लैक फ्लाईस (काली बड़ी मक्खियां) घुस आईं. सबसे हैरान करने वाली बात ये थी कि दिसंबर की कड़कड़ाती ठंड में इन मक्खियों का मिलना लगभग असंभव होता है. क्योंकि ये मक्खियां सर्दियों में गर्म जगह चली जाती हैं. इस मौसम में इन मक्खियों का वहां होना किसी अजूबे से कम नहीं था.
कदमों की आवाजें, धुंधले साये का दिखाई देना
'इंडिपेंडेंट' की एक खबर के मुताबिक, लटोया ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें कई बार अपने घर के बेसमेंट की सीढ़ियों के पास किसी के कदमों की आवाज सुनाई देती थी. इन आवाजों से तंग आकर उन्होंने बेसमेंट तक जाने वाले रास्ते को ही बंद कर दिया था. लेकिन फिर भी उन कदमों की आवाज का आना बंद नहीं हुआ. एक बार लटोया की मां को किसी अंजान शख्स का धुंधला साया नजर आया. जब उन्होंने इस साये का पीछा करने की कोशिश की तो वहां उन्हें जूतों के निशान के अलावा कुछ भी नहीं मिला. ये घटना 10 मार्च 2012 की थी.
हवा में लटकी मिली बेटी
इस घटना के बाद लटोया के परिवार का डर विश्वास में बदल गया. उन लोगों को विश्वास हो गया कि घर में किसी शैतान आत्मा का साया है. लेकिन पूरा सच सामने आना अभी बाकी था. उसी रात लटोया को उनकी बेटी के कमरे से किसी के रोने की आवाज आई. जब मां के साथ लटोया अपनी बेटी के कमरे में पहुंची तो वहां का नजारा देखकर दंग रह गई. लटोया की 12 साल की बेटी बेहोशी की हालत में हवा में लटकी हुई थी. कुछ देर बाद जब बच्ची को होश आया तो उसे कुछ भी याद नहीं था. लटोया और उनके परिवार ने किसी पादरी की मदद लेने का फैसला किया.
चर्च के पादरी ने किया आगाह
फिर पास में ही स्थित चर्च के पादरी को आपबीती सुनाई. लेकिन पादरी ने उनकी मदद करने से इनकार कर दिया. क्योंकि पादरी उस घर के इतिहास से वाकिफ था. और उसकी यही डर लटोया की मदद करने से उसे रोक रहा था. हालांकि, पादरी ने उन्हें ये जरूर बताया कि जिस घर में वे लोग रह रहे हैं, वहां एक दो नहीं बल्कि 200 प्रेत आत्माओं का साया है. ये सुनकर लटोया के होश उड़ गए. पादरी ने उन्हें सलाह दी कि इस घर को वे लोग जल्द से जल्द खाली कर दें, तभी उनकी परेशानी कम हो सकती है.
तीनों बच्चों के शरीर में दुष्ट आत्माओं का प्रवेश
लेकिन लटोया की माली हालत ठीन न होने के कारण वह घर नहीं छोड़ सकती थी. कुछ ही दिन बाद लटोया के तीनों बच्चों जिनकी उम्र 7, 9 और 12 थी, उनके शरीर के अंदर दुष्ट आत्माएं प्रवेश करने लगीं. उनकी आवाज भारी हो चुकी थी और चेहरे पर अजीब सी शैतानी स्माइल दिखने लगी थी. उनके परिवार के लिए कुछ रातें इतनी डरावनी हो गई थीं, कि वे कई बार होटल जाकर रहते. दुष्ट आत्माओं का साया इन बच्चों पर इस कदर हावी हो चुका था कि कई बार उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ता था. हॉस्पिटल का स्टाफ भी इन घटनाओं के बारे में जानकर दंग था.
कमरे की छत पर उल्टा चलते लगा बच्चा
'इंडी स्टार' की खबर के मुताबिक, लटोया का 9 साल का बेटा अचानक से अजीबोगरीब हरकतें करने लगा था. एक बार जब उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. तो वह अचानक से अस्पताल के कमरे की दीवार पर चढ़ते हुए छत पर उल्टा चलने लगा. इस घटना को अस्पताल के स्टाफ ने भी देखा. उन्होंने पुलिस को दी गवाही में भी इस बात की पुष्टि की कि उनके सामने ऐसा कुछ हुआ था.
पुलिस, अस्पताल और चर्च ने की मदद
इस घटना के बाद से पुलिस, अस्पताल और चर्च ने लटोया के परिवार की मदद करने का फैसला किया. चर्च के पादरी माइकल मैगिनोट (Michael Maginot) ने लटोया के घर जाकर झाड़-फूंक की क्रिया (Exorcism) को संपन्न किया. इस क्रिया के संपन्न होने के बाद उस पादरी की तबीयत खराब होने लगी और पादरी ने दावा किया कि उस घर में झाड़-फूंक करने के कारण ही उनके साथ ये सब हुआ. धीरे-धीरे करके लटोया के परिवार को उन 200 प्रेत आत्माओं से छुटकारा दिलवाया गया. लेकिन इस घर से जुड़ी दहशत भरी बातें लटोया को हमेशा परेशान करती थीं. फिर सरकार की मदद से लटोया को दूसरे घर में शिफ्ट करवाया गया. इस घर में 200 प्रेत आत्माओं वाली बात इतनी मशहूर हो चुकी थी कि आसपास रहने वाले लोगों को भी डर लगने लगा था. सरकार ने इसके चलते फैसला लिया कि इस घर को गिरा दिया जाए. फिर 6 महीने बाद घर को गिरा दिया गया.