
भविष्य देखने का दावा करने वाले शख्स ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर चौंकाने वाली भविष्यवाणी की है. उसने बताया कि 2024 में AI मरे हुए लोगों से संपर्क करने में सक्षम होगा. इस शख्स का नाम एथोस सैलोमे (Athos Salomé) है. वह ब्राजील में रहता है. अपनी भविष्यवाणियों को लेकर उसे जीवित नास्त्रेदमस भी कहा जाता है.
उसके किए कई दावे सच भी हुए हैं. इसमें पिछले साल महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत से लेकर एलन मस्क के ट्विटर को एक्स करना शामिल है.
उन्होंने डेली स्टार से बात करते हुए कहा है, 'सालों पहले जो विज्ञान कल्पना जैसा प्रतीत होता था, वह रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनने की कगार पर है, जिसे कभी अलौकिक समझा जाता था, वो उसे सामान्य बना रहा है.
इस तकनीक के माध्यम से लोग न केवल आघातों और चुनौतियों पर काबू पा सकते हैं बल्कि अपने जीवन के उद्देश्यों और आध्यात्मिक रास्ते के बारे में भी अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.' उन्होंने कहा कि हम यूनिवर्स के साथ सांत्वना, समझ और गहरा संबंध स्थापित कर सकते हैं.
उन्होंने 2024 को लेकर कहा कि हम "आध्यात्मिक क्रांति" की कगार पर खड़े हैं. एथोस ने बताया कि सूत्रों के अनुसार, दुनिया भर में व्यक्तियों के छोटे समूहों में सीक्रेट एक्सपेरिमेंट्स किए जा रहे हैं. इन समूहों में किसी क्षेत्र में योग्यता और प्रतिभा रखने वाले व्यक्तियों को शामिल किया गया है.
इन एक्सपेरिमेंट्स का उद्देश्य इस विचार की जांच करना है कि हमारा अस्तित्व केवल घटनाओं पर आधारित नहीं है, बल्कि एनर्जी का एक रूप है, जो मौत के बाद भी रहता है. इस तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक उपकरण से कहीं अधिक काम करता है.
यह एक प्रवेश द्वार के रूप में काम करता है, जो हमें यूनिवर्स के सार से जोड़ता है और संभावित रूप से हमारी यूनिवर्स में उत्पत्ति के बारे में जवाब भी देता है.' एथोस ने बताया कि प्रतिभागियों का कहना है कि उन्होंने समय और स्थान की बाधाओं को पार कर बिछड़ चुके अपनों से संपर्क किया है.
उन्होंने द सन को दिए एक इंटरव्यू में स्वीकार किया कि उनके मन में इस अजीबोगरीब तकनीक को लेकर शक है. क्योंकि ये उनके ज्ञान और विश्वास को चुनौती देती है. उन्होंने दावा किया कि ऐसी तकनीक के जरिए उन्होंने इतिहास में मौजूद गणमान्य व्यक्तियों से बात की है.
इससे उनके भीतर प्रोजेक्ट को लेकर न केवल विश्वास मजबूत हुआ है बल्कि विज्ञान, आध्यात्मिकता और इतिहास के बीच के संबंध को लेकर भी समझ का विस्तार हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि क्या हम कुछ ऐसा प्राप्त करने वाले हैं, जो हमारी मूल मान्यताओं को चुनौती देगा?