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अंतरिक्ष से घर में गिरी ऐसी रहस्यमयी चीज, करोड़ों में बेच मालामाल हुआ शख्स

Millionaire After Meteor Crash: ये शख्स जिस चीज को मामूली पत्थर समझ रहा था, वो असल में एक कीमती उल्कापिंड निकला. ये अंतरिक्ष से सीधा उसके घर में क्रैश हुआ था.

उल्कापिंड बेच करोड़पति बना शख्स (तस्वीर- Getty Images) उल्कापिंड बेच करोड़पति बना शख्स (तस्वीर- Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 10:13 AM IST

किस्मत कब बदल जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. कुछ लोगों के लिए ये एक रात में बदल जाती है, तो कुछ के लिए चंद सेकंड का वक्त लगता है. कुछ ऐसा ही इस शख्स के साथ हुआ. उसकी छत पर अंतरिक्ष से एक ऐसी रहस्यमयी चीज आकर गिरी, जिसके बाद वो करोड़पति बन गया. सबसे पहले तो उसे समझ में ही नहीं आया कि आखिर ये क्या चीज है. मगर बाद में जब पता चला, तो उसके होश उड़ गए. इस शख्स का नाम जोसुआ हुतागालुंग है. वो इंडोनेशिया के कोलांग के रहने वाले हैं. उनके घर में अंतरिक्ष से एक पत्थर आकर गिरा था. 

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हुतागालुंग उस वक्त बाहर की तरफ काम कर रहे थे, जब उनके बरामदे में एक उल्कापिंड गिरा. ये लिविंग रूम के पास पड़ा था. ये इतनी तेज गति से आया कि धरती में 15 सेंटीमीटर का गड्ढा बन गया. उसी में ये जाकर गिरा. बाद में जब जांच कराई तो पता चला कि उल्कापिंड 4.5 बिलियन साल पुराना है. इसका वजन 2.1 किलोग्राम था. जबकि इसकी कीमत करीब 14 करोड़ रुपये बताई गई. इसकी पहचान बेहद दुर्लभ CM1/2 कार्बोनेसियस कॉन्ड्राइट के रूप में हुई. ये खास तरह के उल्कापिंड होते हैं.

इसे हुतागालुंग से एक विशेषज्ञ ने खरीद लिया है. उनकी 30 साल की सैलरी के बराबर कीमत भी दी. अब करोड़पति बनने के बाद हुतागालुंग ने कहा कि वह इस पैसे से अपनी कम्युनिटी में एक चर्च बनवाएंगे. उन्होंने द सन से बात करते हुए कहा, 'मुझे हमेशा से एक बेटी चाहिए थी.' उन्होंने कहा कि अब उल्कापिंड मिलने से उन्हें भाग्यशाली होने का संकेत मिला है कि उनकी एक बेटी जरूर होगी. उल्कापिंड के तीन अन्य टुकड़े भी पास में ही पाए गए थे. इंडियानापोलिस के विशेषज्ञ ने उल्कापिंड को खरीदने के बाद अमेरिका भेज दिया है.

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अमेरिका के उल्कापिंड विशेषज्ञ जेरेड कोलिन्स ने इसका एक हिस्सा खरीदा. उन्होंने कहा कि उनका फोन ऐसे ऑफर्स से भरा पड़ा है. जिसमें लोगों ने उनसे उल्कापिंड खरीदने को कहा. उन्होंने कहा कि ये कोरोना वायरस महामारी का वक्त था. तब वो कन्फ्यूज थे कि वैज्ञानिकों और कलेक्टर्स के साथ अमेरिका में काम करें या अपने लिए उल्कापिंड खरीदें. इसके बाद उन्होंने जितना हो सका उतना पैसा जुटाया. फिर उन्होंने जोसुआ हुतागालुंग को ढूंढा और उल्कापिंड खरीद लिया. इसे अब उन्होंने अमेरिका भेज दिया है.

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