
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि सिर्फ एक व्यक्ति ने उपेक्षा के शिकार बड़ी आबादी वाले गांव की ऐसी सूरत बदली कि लोग दंग रह गए. यूपी के एटा में इस शख्स ने अपनी कमाई हुई निजी पूंजी से करोड़ों खर्च कर न सिर्फ गांव का कायाकल्प कर दिया बल्कि ग्रामीणों की भलाई के लिए जमीन तक दान दे दी. इतना ही नहीं, बैंक से लाखों का लोन लेकर भी गांव में ही लगा दिया.
एटा के गांव हैदरपुर के रामगोपाल दीक्षित ने बदहाल पड़े अपने गांव को विकिसित करने का संकल्प लिया और अपने पैसों से ढाई करोड़ रुपये खर्च करके गांव में इतना विकास कार्य करा दिया कि उद्घाटन करने आये अलीगढ़ के कमिश्नर भी अचंभित रह गए.
दिल्ली से लौटे थे गांव
हैदरपुर के रामगोपाल बहुत साल पहले पढ़ाई के बाद दिल्ली चले गए थे और वहां अपना बिजनेस शुरू कर दिया था जो बाद काफी अच्छा चलने लगा. कई साल बाद जब रामगोपाल अपने गांव आये तो वहां की स्थिति बदहाल थी. शहर से गांव आने वाला रास्ता कच्चा था. गांव में गलियों की स्थिति भी खराब थी जहां से निकलना दूभर था. शादी विवाह के लिए कोई बारात-घर भी नहीं था.
यहां के जनप्रतिनिधियों ने भी इस गांव की कभी सुध नहीं ली. अपने गांव की बदहाल स्थिति को देखकर रामगोपाल ने इसे विकिसित करने का संकल्प लिया. गांव के कुछ बुजुर्गों से बात की तो धन की समस्या आड़े आने लगी. बस यहीं से रामगोपाल ने अपने गांव को हर हाल में सुधारने का संकल्प लेते हुए अपनी पूंजी में से रोड से गांव तक आने वाली कच्ची सड़क और गांव की कच्ची गलियों को पक्की सीसी रोड में तब्दील कर दिया.
अब गांव की कच्ची सड़कें और गलियां चमचमाती सीसी रोड में बदल गईं. इतना काम पूर्ण होते ही रामगोपाल ने कम्युनिटी पार्क का निर्माण कराया उसके बाद गांव में बारात-घर की कमी को देखते हुए कम्युनिटी हॉल के लिए अपनी निजी भूमि दान कर उस पर निजी पैसों से कम्युनिटी हॉल का निर्माण करा दिया जिसका निर्माण अभी भी चल रहा है. गांव में ही स्थित प्राइमरी स्कूल में शौचालय की असुविधा को देखते हुए स्कूल में शौचालय का निर्माण भी करा दिया.
इस बारे में रामगोपाल ने बताया कि मैं काफी गरीबी से यहां तक पहुंचा हूं. बचपन में इतनी गरीबी का सामना करना पड़ा कि उस वक्त किसी भी तरह से जीवन-यापन करना भी बहुत मुश्किल हो रहा था. धीरे-धीरे संघर्ष करते-करते जीवन में यहां तक पहुंचे.
रामगोपाल ने बताया कि आज परमात्मा ने जो मुझे दिया है, यह परमात्मा को अर्पण करना ही है. हमारी ड्यूटी है ये. जीवन का तो कोई भरोसा नहीं है. मैंने पहले देखा कि गांव की सारी गलियां बेकार थी, सब में सीसी रोड का निर्माण करवाया गया और उसके बाद देखा कि 10-15 साल से किसी भी घर में पानी का कनेक्शन नहीं था मैंने अपने निजी पैसों से सभी घरों में पानी का कनेक्शन कराया.
लड़कियों की शादी के लिए लोगों को एटा में जाना पड़ता है, इसलिए जो कम्युनिटी सेंटर है उसे सारी सुविधाओं सहित निर्माण कराया गया है. जमीन भी हमारी है. एक श्मशान घाट भी ऐसे ही पड़ा हुआ था उसका भी जीर्णोद्धार कराया.
उन्होंने बताया कि इन सब विकास कार्यों में करीब ढाई करोड़ रुपये के आसपास खर्च हुआ है. इस दुनिया में घर गृहस्थी के लिए आदमी जो करता है, वह मैंने गांव के लिए किया. उसके लिए मैंने 65 लाख का बैंक से लोन लिया हुआ है क्योंकि मेरे पास पैसा नहीं था तो काम रुक गया था. लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी में 65 लाख का लोन लिया है.
गांव में गरीब ग्रामीणों के सामने आवास की सबसे बड़ी समस्या थी. कुछ मकान इतने कच्चे थे कि कभी भी गिर सकते थे. प्रधान ग्रामीणों की गुहार सुन नहीं रहा था तो रामगोपाल ने ऐसे एक दर्जन ग्रामीणों के पक्के आवासों का निर्माण कराया जिनमें कुछ आवासों का रिनोवेशन कराया और कुछ कच्चे आवासों का निर्माण कराया. पक्के आवास पाकर लोग रामगोपाल को दुआएं देते नहीं थकते.
हैदरपुर गांव में पूर्ण हो चुके विकास कार्यों का उद्घाटन करने के लिए ग्रामीणों ने अलीगढ़ कमिश्नर गौरव दयाल को आमंत्रित किया तो उन्होंने ग्रामीणों के आमंत्रण को स्वीकार किया और दो दिन पूर्व जब कमिश्नर साहब अपने पूरे जिले के आला अधिकारियों के अमले के साथ गांव पहुंचे तो गांव की चमकती तस्वीर को देख कर हैरान रह गए.
जब कमिश्नर साहब को बताया गया कि यह सब एक व्यक्ति के संकल्प का परिणाम है तो कमिश्नर भी रामगोपाल की प्रशंसा किये बिना नहीं रह सके. कमिश्नर गौरव दयाल ने प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर रामगोपाल जैसे कुछ लोग मिल जाएं तो देश की तस्वीर बदल सकती है.