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राष्ट्रपति को भेजा जहर लगा पत्र, हो सकती है 10 साल की जेल

दस्तावेजों में कहा गया है कि पत्रों में राइसिन जहर होने की पुष्टि हुई. लिफाफे पर पता पाने के बाद अधिकारियों ने आरोपी पर ध्यान केंद्रित किया.

प्रतीकात्मक फोटो. प्रतीकात्मक फोटो.
अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 4:46 PM IST

अमेरिका में एक पूर्व नौसेना कर्मी पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य नेताओं को पत्र भेजकर जैविक जहर का इस्तेमाल का आरोप लगाया गया है. इन पत्रों में कास्टर के बीज थे जिनसे राइसिन जहर निकलता है.

एफबीआई के जांच अधिकारियों ने यूटा की एक अदालत में दायर किए गए दस्तावेजों में बताया कि विलियम क्लाइड एलेन तृतीय (39) ने जांचकर्ताओं को बताया कि वह ‘एक संदेश देने’ के लिए पत्र भेजना चाहता था हालांकि उसने विस्तार से इसके बारे में नहीं बताया.

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शिकायत के अनुसार, लिफाफे पर उसका पता पाने के बाद अधिकारियों ने एलेन पर ध्यान केंद्रित किया. दस्तावेजों में कहा गया है कि पत्रों में राइसिन जहर होने की पुष्टि हुई और इसमें कुछ लिखा भी था, ‘जैक एंड द मिसाइल बीन स्टॉक’. अदालत में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान एलन यह बताते हुए रो पड़ा कि उसकी पत्नी को रीढ़ की हड्डी में दिक्कत है और वह उसकी मदद करता है.

वह अपने परिवार के सदस्यों को देखकर मुस्कुराया. उसने याचिका दायर नहीं की और उसके वकील लिन डोनाल्डसन ने इस पर टिप्पणी नहीं की है. अगर जैविक जहर देने के आरोप में एलेन को दोषी ठहराया जाता है तो उसे उम्रकैद हो सकती है. उस पर खत के जरिए धमकी देने के भी चार आरोप है जिसमें उसे 10 साल की सजा हो सकती है.

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अधिकारियों ने बताया कि ये पत्र राष्ट्रपति, एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर व्रे, रक्षा मंत्री जिम मैटिस और नौसेना के शीर्ष अधिकारी एडमिरल जॉन रिचर्डसन को भेजे गए थे. एलेन को बुधवार को सॉल्ट लेक सिटी के उत्तर में छोटे-से शहर लोगान में उसके घर से पकड़ा गया. उसने जांचकर्ताओं को बताया कि ईबे से यह सोचकर कास्टर के बीज खरीदे थे कि अगर तृतीय विश्वयुद्ध होता है तो वह अपने देश की रक्षा कर सके.

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