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पत्नी की डिलीवरी देख हुई ये गंभीर बीमारी! शख्स ने अस्पताल पर किया मुकदमा, मांगे एक बिलियन डॉलर

इस शख्स का दावा है कि उसने अपनी पत्नी की सी-सेक्शन डिलीवरी होते देखी थी. उसके बाद ये एक बीमारी का शिकार हो गया. उसने अस्पताल से हर्जाना भरने को कहा है.

शख्स ने अस्पताल पर किया मुकदमा (प्रतीकात्मक तस्वीर- Pexels) शख्स ने अस्पताल पर किया मुकदमा (प्रतीकात्मक तस्वीर- Pexels)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 4:00 PM IST

एक शख्स ने अस्पताल पर एक बिलियन डॉलर का मुकदमा किया है. उसका आरोप है कि पत्नी की सी-सेक्शन डिलीवरी देखने से उसे गंभीर बीमारी हो गई. शख्स ने ऑस्ट्रेलिया के अस्पताल पर मुकदमा किया है. उसका नाम अनिल कोप्पुला है. उसका आरोप है कि पत्नी बच्चे को जन्म दे रही थी. इसके लिए सी-सेक्शन डिलीवरी की गई, जिसे अस्पताल वालों ने उसे देखने दिया. ऐसा जनवरी, 2018 में हुआ था. यही चीज उसकी 'मानसिक बीमारी' की शुरुआत का कारण बनी है. 

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उसने नुकसान की भरपाई के लिए मेलबर्न के रॉयल विमेंस हॉस्पिटल के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. इंडिपेंडेंट यूके की रिपोर्ट में कोर्ट के दस्तावेजों के हवाले से ये जानकारी दी गई है. इसमें आगे बताया गया है, 'कोप्पुला का आरोप है कि उसे डिलीवरी देखने के लिए प्रोत्साहित किया गया था, या अनुमति दी गई, ऐसा करने के दौरान, उसने अपनी पत्नी के आंतरिक अंगों और रक्त को देखा... उसका कहना है कि अस्पताल ने देखभाल के अपने कर्तव्य का उल्लंघन किया है और वो (अस्पताल) हर्जाना देने के लिए जिम्मेदार है.' 

सुनवाई में क्या बोला शख्स?

कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान कोप्पुला ने कहा कि डिलीवरी प्रक्रिया देखने से मानसिक बीमारी के साथ साथ उसकी शादी भी टूट गई है. सी-सेक्शन या सिजेरियन सेक्शन को तब किया जाता है, जब महिला की सामान्य डिलीवरी संभव नहीं हो पाती. जब बच्चा गलत पोजीशन में हो, आकार में बड़ा हो, या उसकी सेहत ठीक न हो, तब भी सी-सेक्शन किया जाता है. अब इस तरह की डिलीवरी का चलन तेजी से बढ़ रहा है. इस दौरान महिला का निचला हिस्सा सुन कर दिया जाता है.

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वहीं इस मामले की बात करें, तो इसमें एक तरफ अनिल कोप्पुला है और दूसरी तरफ रॉयल विमेंस हॉस्पिटल है. अस्पताल का कहना है कि उसने 'देखभाल से जुड़ी अपनी ड्यूटी' का उल्लंघन नहीं किया है. उसने ये भी कहा कि कोप्पुला जब डिलीवरी के वक्त अस्पताल में था, तब उसे किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ, न कोई चोट आई. अस्पताल ने कोर्ट से मामले की सुनवाई बंद करने को कहा है. उसने शख्स के इन आरोपों को निराधार बताया है.

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