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पिता की ऐसी मजबूरी, 2 बेटियों के साथ 1000 किमी पैदल चला

नौकरी की तलाश में दो बेटियों के साथ शख्स करीब हजार किलोमीटर पैदल चला. वो एक शहर से दूसरे शहर पैदल ही पहुंच गया. रास्ते में उसने मंदिरों आदि में शरण ली. खुद शख्स ने मीडिया के सामने अपनी कहानी बयां की है. अपनी बात करते हुए वो भावुक हो गया.

नौकरी की तलाश में पैदल ही निकल पड़ा शख्स (PIC- FB) नौकरी की तलाश में पैदल ही निकल पड़ा शख्स (PIC- FB)
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 29 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:27 AM IST

47 साल का एक शख्स नौकरी की तलाश में करीब 1000 किलोमीटर पैदल चला. 11 दिन के इस सफर में उसके साथ उसकी दो बेटियां भी थीं. इस दौरान उन्होंने मंदिरों और पेट्रोल पंपों में रातें बिताईं. हालांकि, जब रास्ते में उन्हें एक अजनबी युवक मिला तो शख्स की तलाश पूरी हुई. मामला थाईलैंड का है. 

The Thaiger की रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी दो बेटियों के पालन-पोषण के लिए 47 साल के नोराफाट को काम की तलाश थी. लेकिन जिस जगह नोराफाट रह रहे थे वहां उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा था. ऐसे में 11 दिसंबर को वो नौकरी की तलाश में बेटियों के साथ Satun शहर से Rayong सिटी के लिए निकल पड़े. 

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नोराफाट के पास ना तो पैसे थे और ना कोई वाहन. वो पैदल ही एक शहर से दूसरे शहर जा रहे थे. 11 दिनों में उन्होंने करीब 1,000 किलोमीटर की दूरी तय की. 22 दिसंबर को वे Rayong सिटी पहुंच गए. 

रास्ते में नोराफाट और उनकी 10 और 12 साल की दो बेटियों ने मंदिरों, पेट्रोल पंपों और शेल्टर होम्स में शरण ली. इस बीच उनकी मुलाकात Pluak Daeng Rescue Team के सरावुत पूममारिन नाम के व्यक्ति से हुई. सरावुत, बेसहारा लोगों की मदद करने वाली संस्था से जुड़े हैं. 

सरावुत ने मीडिया को बताया कि उन्हें एक बाइक सवार ने इस फैमिली के बारे में सूचना दी थी. उसने फैमिली को सड़क पर चलते हुए देखा था जिसके बाद बाइक सवार ने परिवार की मदद करने के लिए उनसे आग्रह किया.  

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ऐसे की गई फैमिली की मदद 

सरावुत ने प्लुआक डेंग जिले में एक शॉपिंग मॉल के सामने नोराफाट की फैमिली को बैठा पाया. उनसे मुलाकात के बाद उसने नोराफाट को एक कंस्ट्रक्शन साइट पर नौकरी दिलवा दी. इसके अलावा फैमिली के रहने के लिए एक कमरा और बेटियों के पढ़ने के लिए स्कूल की भी व्यवस्था करवा दी. 

रविवार, 25 दिसंबर को जब नोराफट ने थाई मीडिया से बात की तो वो भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए. नोराफट, लोगों के सहयोग से बेहद खुश थे. उन्होंने एक नया जीवन शुरू करने में मदद करने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया. 

नोराफट ने बताया किया कि Satun शहर में वह रेस्तरां और बार में काम किया करते थे. लेकिन कुछ समय पहले उनकी जॉब चली गई और पत्नी से भी अलग हो गए. नोराफट बहन के घर आकर रहने लगे लेकिन बिना नौकरी गुजारा नहीं हो रहा था. खाने के लाले पड़ गए थे, इसलिए शहर से बाहर निकलकर नौकरी की तलाश शुरू की, जिसमें अब जाकर सफलता मिली. 

वहीं, Rayong शेल्टर होम के प्रमुख, नोफाना चारोएंथम ने कहा है कि संस्था परिवार की देखभाल करेगी. उनके लिए नए घर की भी व्यवस्था की जा रही है. साथ ही आर्थिक मदद भी दी जाएगी. 
 

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