
मौत के बाद क्या होता है? यह दुनिया के सबसे बड़े रहस्य में से एक है. लेकिन इस बारे में एक शख्स ने कुछ जानकारियां साझा की है. क्योंकि 90 मिनट के लिए उनकी धड़कनें रुक गई थीं. वह टेक्निकली मर चुके थे. लेकिन फिर वापस जिंदा हो गए. ऐसे में कहा जा सकता है कि उन्होंने मौत के बाद के हालात को भी महसूस किया होगा.
इस शख्स का नाम एलिस्टेयर ब्लेक है. वह ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया के रहनेवाले हैं. तीन साल पहले की बात है. नींद में ही एलिस्टेर को कार्डियक अरेस्ट आया था. news.com.au के एक पॉडकास्ट में इस बारे में बताते हुए उन्होंने कहा- टेक्निकली, मैं 90 मिनट के लिए मर चुका था.
45 साल के एलिस्टेर के लिए वह दिन भी आम दिनों की तरह ही था. 35 साल की पत्नी मेलिंडा के साथ समय बिताने के बाद वह सो गए थे. लेकिन देर रात करीब 3.10 बजे मेलिंडा की नींद खुली. एलिस्टेर ने बताया- मेलिंडा की नींद बहुत जल्द खुल जाती है. मेरी कराहने की आवाज सुनकर वह उठ गई और एंबुलेंस को फोन किया.
एलिस्टेर ने उस रात के बारे में आगे बताया- इमरजेंसी सर्विस की तरफ से उसे CPR देने को कहा गया. वह 20 मिनट तक CPR देती रही. फिर पैरामेडिक्स पहुंचे. फिर वे लोग CPR देने लगे.
कुछ देर बाद पुलिस ने मेलिंडा को बताया कि पति के जिंदा बचने के चांस बहुत कम हैं. 90 मिनट तक एलिस्टेर के दिल में जान फूंकने की कोशिश के बाद पैरामेडिक्स रुकने ही वाले थे कि एलिस्टेर की प्लस में हरकत दिखी. इस घटना के एक हफ्ते बाद एलिस्टेर को होश आया.
एलिस्टेयर ने बताया कि उन्हें उस घटना के बारे में ज्यादा कुछ याद नहीं है. उन्होंने कहा- मुझे याद है मैं सोने गया था और इसके 5 दिन बाद हॉस्पिटल में मेरी नींद खुली. बहुत सारे लोग मुझसे पूछते हैं कि इस दौरान मैंने कुछ देखा या नहीं. लेकिन मुझे कुछ भी नहीं दिखा.
हालांकि, एलिस्टेयर की तरह ऐसे कई लोग हैं जो टेक्निकली कुछ समय के लिए मर चुके थे लेकिन फिर वह ठीक हो गए. एक अमेरिकी महिला जेसी सॉयर ने Inside Edition को बताया था कि उन्होंने उस सिचुएशन में अपनी एक दोस्त को देखा था जिनकी 2 साल पहले मौत हो चुकी थी.
इसी तरह की सिचुएशन में फंसी सिंथिया बुश ने बताया था कि उन्होंने तब अपनी स्वर्गीय दादी को देखा था. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि खुद को मौत के नजदीक पाकर लोग अलग-अलग चीजें इसलिए देखते हैं क्योंकि उनका दिमाग ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने के बाद वैसे ही रिएक्ट करता है.