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'आप तो मर चुकी हैं',... जब लाइसेंस बनवाने गई महिला को मिला ऐसा जवाब

मैरीलैंड की रहने वाली एक महिला निकोल पॉलिनो, को तब गहरा झटका लगा जब उन्हें पता चला कि सरकारी रिकॉर्ड्स में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है. यह चौंकाने वाली घटना तब सामने आई जब उन्होंने अपने ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू कराने की कोशिश की.

सरकारी रिकॉर्ड में महिला मृत घोषित (फोटो - Meta AI) सरकारी रिकॉर्ड में महिला मृत घोषित (फोटो - Meta AI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:34 PM IST

गैथर्सबर्ग निवासी पॉलिनो ने मैरीलैंड मोटर व्हीकल एडमिनिस्ट्रेशन (MVA) के माध्यम से लाइसेंस रिन्यू कराने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें एक टेक्स्ट संदेश मिला जिसमें बताया गया कि उनकी पहचान को खारिज कर दिया गया है, क्योंकि सरकारी रिकॉर्ड्स के अनुसार, वे जीवित नहीं हैं.

तीन बच्चों की मां पॉलिनो ने NBC 4 को बतायाकि ये मैसेज पढ़ने के बाद मुझे थोड़ा डर लगा, और मैं चौंक गई क्योंकि मैं यहीं हूं. इसके बाद पॉलिनो को आंतरिक राजस्व सेवा (IRS) से एक पत्र मिला जिसमें उन्हें 'मृत करदाता' बताया गया.

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सरकारी गलती से आई बड़ी परेशानी
NBC 4 की रिपोर्ट के अनुसार, जब स्थानीय टीवी स्टेशन ने विभिन्न सरकारी एजेंसियों से सवाल किए, तो सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (SSA) ने स्वीकार किया कि यह गलती एक टाइपो के कारण हुई थी.

सोशल सिक्योरिटी का एक नंबर गलत लिखने से जीवित बनी मृत
SSA ने खुलासा किया कि एक अंतिम संस्कार गृह ने किसी और की मौत की रिपोर्ट दर्ज करने के दौरान टाइपो मिस्टेक कर दिया था. कर्मचारी ने सोशल सिक्योरिटी नंबर में एक अंक गलत दर्ज कर दिया. इस गलती के चलते पॉलिनो को मृत घोषित कर दिया गया.

खुद को जीवित साबित करने में लगे दो महीनें
पॉलिनो को इस समस्या का पता नवंबर 2024 में चला, लेकिन उन्हें 'जिंदा' घोषित करने में सरकार को 14 जनवरी 2025 तक का समय लगा.गलती का असर पॉलिनो के जीवन पर गहरा पड़ा. उनकी स्वास्थ्य बीमा सुविधा ठप होने के कारण उन्हें अपने अस्थमा के लिए इनहेलर खरीदने में काफी आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ी.

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जिंदगी पर पड़ा बुरा असर 
पॉलिनो ने बताया कि इसने मेरी जिंदगी पर बहुत बुरा असर डाला है। मेरी सेहत और मानसिक स्थिति पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है.SSA ने अपने बयान में कहा कि उनके रिकॉर्ड बहुत सटीक होते हैं. हालांकि, NBC 4 की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल SSA को मिलने वाली लाखों मौत की रिपोर्ट्स में से 0.3% गलतियां होती हैं, जो लगभग 10,000 गलत रिपोर्ट्स के बराबर है.

पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं
पॉलिनो की घटना अनोखी नहीं है. सेंट लुइस, मिसौरी की मेडेलीन-मिशेल कारथेन को 2007 में गलत तरीके से मृत घोषित कर दिया गया था, और यह समस्या करीब दो दशक तक बनी रही. कारथेन ने बताया कि इस गलती के कारण वह न तो कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर पाईं, न स्थायी नौकरी कर सकीं और न ही अपना घर खरीद पाईं. यह गलती मेरे जीवन को हर कदम पर रोक देती है. मैं कभी-कभी नौकरी पा लेती हूं, लेकिन कुछ ही महीनों में समस्या आ जाती है.कारथेन ने 2023 तक अपनी समस्या के समाधान के लिए संघर्ष जारी रखा था.

सरकारी सिस्टम में सुधार की जरूरत
इस तरह की घटनाएं यह दिखाती हैं कि सरकारी सिस्टम में छोटी-सी गलती भी किसी की जिंदगी को पूरी तरह से प्रभावित कर सकती है. पॉलिनो और कारथेन जैसी घटनाएं इस ओर इशारा करती हैं कि सिस्टम में और सुधार की आवश्यकता है ताकि ऐसी समस्याएं दोबारा न हों.

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