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लॉकडाउन का फायदा, कोलकाता मेट्रो ने बनाई देश की सबसे गहरी एयर शाफ्ट

जब पूरा देश लॉकडाउन के चलते घरों में बंद था, तब कोलकाता मेट्रो के इंजीनियरों ने इसका फायदा उठाते हुए देश की सबसे गहरी एयर शाफ्ट यानी वेंटिलेशन शाफ्ट बना डाली. इस शाफ्ट की गहराई 43.5 मीटर है.

कोलकाता मेट्रो रेल प्रोजेक्ट द्वारा बनाया गया 43.5 मीटर गहरा एयर शाफ्ट. कोलकाता मेट्रो रेल प्रोजेक्ट द्वारा बनाया गया 43.5 मीटर गहरा एयर शाफ्ट.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 4:25 PM IST

  • इमरजेंसी रेस्क्यू, सही हवा का दबाव बनाने में करेगी मदद
  • 15 मंजिला गहराई है इस शाफ्ट की, 10.3 मीटर व्यास है

मुसीबत को अच्छी परिस्थिति में बदलने का हुनर कोई हमारे इंजीनियरों से सीखे. जब पूरा देश लॉकडाउन के चलते घरों में बंद था, तब कोलकाता मेट्रो के इंजीनियरों ने इसका फायदा उठाते हुए देश की सबसे गहरी एयर शाफ्ट यानी वेंटिलेशन शाफ्ट बना डाली. इस शाफ्ट की गहराई 43.5 मीटर है.

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कोलकाता मेट्रो रेलवे कॉर्पोरेशन (KMRC) ने इस गहरे शाफ्ट को बनाने का सबसे बेहतरीन मौक लॉकडाउन को माना. 43.5 मीटर की गहराई यानी करीब 15 मंजिले की इमारत. इसके पहले भी KMRC ने देश को एक बड़ी सौगात दी थी.

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केएमआरसी और एफकॉन्स मिलकर देश को सबसे गहरे हावड़ा रेलवे स्टेशन की सौगात दे चुकी है. इन दोनों मिलकर ही देश के लिए अंडरवाटर ट्विन रेल ट्रांसपोर्ट टनल बनाया है.

KMRC द्वारा बनाया गया एयरशाफ्ट हुगली नदी के किनारे बना है.

लॉकडाउन की वजह से मजदूर अपने-अपने घर गए थे. काम बंद था. लेकिन अनलॉक में काम की रफ्तार तेज हो गई. यह शाफ्ट साल्टलेक सेक्टर 5 से लेकर साल्टलेक स्टेडियम तक के मेट्रो के बीच बनाई गई है. यहां चलने वाली मेट्रो सियालदह, एस्प्लानेड, महाकरण, हावड़ा स्टेशन व फिर हावड़ा मैदान पहुंचेगी.

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इतने गहरे एयर शॉफ्ट को तैयार करना अपने-आप में एक बड़ी चुनौती थी. कारण ये था कि इसके आसपास बेहद पुराने और जर्जर इमारतें थीं. इस वजह से KMRC के इंजीनियरों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा.

यह प्रोजेक्ट हुगली नदी से भी जुड़ा हुआ है. इसलिए इसे तैयार करने में शाफ्ट के आसपास की भौगोलिक स्थितियों को जांचा परखा गया. इस शाफ्ट का व्यास 10.3 मीटर है. इसे दो मेट्रो स्टेशन टनल के बीच हवा पास करने के लिए बनाया था.

इस शाफ्ट को दोनों मेट्रो टनल के बीच तैयार किया गया है. शाफ्ट की गहराई को मेट्रो टनल की गहराई से मैच कराना था, जो नदी की सतह से 40 मीटर गहराई में मौजूद है. इस शाफ्ट की वजह से वेंटिलेशन व एमरजेंसी में यात्रियों को निकालने में मदद मिलेगी.

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