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'मैं मरने के बाद अपनी ही लाश देख रहा था', 28 मिनट बाद जिंदा हुए शख्स ने मौत के बाद क्या देखा? सुनाई पूरी कहानी

इस शख्स ने बताया है कि ये मौत के मुंह से जिंदा वापस लौटा है. इस दौरान उसने जो कुछ अनुभव किया, उससे उसकी जिंदगी बदल गई है. अब उसने लोगों के साथ इस अनुभव को साझा किया है.

मौत के मुंह में समा गए थे फिल (तस्वीर- Pixabay/Facebook) मौत के मुंह में समा गए थे फिल (तस्वीर- Pixabay/Facebook)
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 27 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST

इस शख्स ने जो अनुभव किया है, वो दुनिया के बाकी लोगों के भी काम आने वाला है. ऑस्ट्रेलिया के फिटनेस इंस्ट्रक्टर 57 साल के फिल जेबल 28 मिनट के लिए मौत के मुंह में समा गए थे.

उन्हें हार्ट अटैक आने के बाद टेक्निकली डेड घोषित कर दिया गया. उन्हें एक बास्केटबॉल खेल के दौरान अटैक आया था. इस दौरान उन्होंने अनुभव किया कि वह अपने शरीर से बाहर आ गए हैं और खुद को ऊंचाई से देख रहे हैं.

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फिल ने खुद को 'मिरेकल मैन' बताया है. उन्होंने कहा, 'मैं कहीं नहीं जाने वाला.'  फिल एक taekwondo इंस्ट्रक्टर भी हैं. ये कोरियन मार्शल आर्ट्स है. नवंबर का महीना था, जब वो अचानक गिर गए और उन्हें अटैक आया.

उनके बेटे जोशुआ ने मदद के लिए ऑफ ड्यूटी नर्स को फोन किया. ताकि सीपीआर दिया जा सके. फिल को सीधा अस्पताल ले जाया गया. जहां वो तीन दिन तक अचेत अवस्था में रहे. उनकी सर्जरी की गई. जब उनकी आंखें खुलीं, तो बताया गया कि वह 28 मिनट तक टेक्नीकली डेड थे.

फेसबुक पोस्ट में क्या बोले फिल?


 
फिल ने बताया कि वह अपने जीवन का श्रेय बास्केटबॉल और अपने फैंस को देते हैं. बहुत से लोग आसपास उनकी मदद के लिए मौजूद थे. तीन बच्चों के पिता फिल को एक हफ्ते बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

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अब उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा है, 'ये सब आपकी मानसिकता पर निर्भर करता है. जिससे आप आगे बढ़ते जाते हैं. मेरी किताबों में केवल एक प्रमुख एलीमेंट है, हार्ड फिजिकल ट्रेनिंग. लेकिन हर एक के लिए.'

फिल ने कहा कि मौत के मुंह से वापस लौटने के बाद जीवन के प्रति उनकी सोच में बदलाव आया है और वो खेल से रिटायर होने के अपने फैसले के बारे में दोबारा सोचने पर मजबूर हो गए हैं.

उनका कहना है, 'जिन भी छोटी बातों की हम चिंता करते हैं, वो उसके लायक ही नहीं हैं. किसी को ये मत कहने दो कि आप ये नहीं कर सकते.' फिल को उम्मीद है कि उनकी कहानी लोगों के लिए प्रेरणा बनेगी. उन्होंने लोगों को सीपीआर सीखने की भी सलाह दी है, ताकि वो किसी की जान बचा सकें. 

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