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'टीचर के थप्पड़ों से बदला चेहरे का रंग', मां का दावा- बेटे को हो गई सफेद दाग की बीमारी

चीन की हुआंग नाम की महिला ने कहा कि 3 महीने पहले जब उसने देखा कि उसके 11 साल के बेटे लियू का चेहरा बुरी तरह से सूजा हुआ है तो वह उसे अस्पताल ले गई. बेटे ने बताया कि स्कूल में टीचर ने उसे थप्पड़ मारे हैं. महिला का दावा है कि इसके बाद उसके चेहरे पर सफेद दाग की बीमारी हो गई.

फोटो- weibo फोटो- weibo
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

चीन की एक महिला ने दावा किया है कि स्कूल में होमवर्क न करने पर उसके बच्चे को एक टीचर ने इतनी जोर का थप्पड़ मारा कि उसके चेहरे का रंग ही बदल गया है. महिला का कहना है कि उसके बच्चे के चेहरे पर सफेद दाग की गंभीर बीमारी (Vitiligo) हो गई है.

हुआंग नाम की महिला ने कहा कि 3 महीने पहले जब उसने देखा कि उसके 11 साल के बेटे लियू का चेहरा बुरी तरह से सूजा हुआ है तो वह उसे अस्पताल ले गई. दक्षिण पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत के यिफू प्राइमरी स्कूल के छात्र लियू ने अपनी मां को बताया कि एक टीचर ने उसे पीटा है. उसने बताया कि होमवर्क न करने पर उसे क्लास के सामने टीचर ने दाएं गाल पर लगातार तीन थप्पड़ जड़े थे जिससे चेहरा सूजा है.
 
महिला का दावा है कि - घटना के तीन महीने बाद,बेटे की त्वचा के उस हिस्से का रंग बदलने लगा जहां टीचर ने थप्पड़ मारा था. हालांकि विटिलिगो का सटीक कारण अभी भी स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन रिसर्चर्स का मानना है कि इसका कारण पर्यावरण हो सकता है. स्कूल के एक स्टाफ सदस्य ने चीनी मीडिया आउटलेट बेनलियू न्यूज को बताया कि लड़के को विटिलिगो नामक बीमारी का पता चला है. स्कूल फिलहाल पुलिस जांच के नतीजों और फोरेंसिक चोट के आकलन का इंतजार कर रहा है ताकि इसमें शामिल शिक्षक के खिलाफ उचित कार्रवाई तय की जा सके.
 
मां ने कहा कि अस्पताल द्वारा इलाज के लिए बिल भेजे जाने के बाद से वह टीचर से कॉन्टैक्ट ही नहीं कर पा रहीं. उसने कहा कि वह अभी भी शिक्षक या स्कूल से उसकी रिइंबर्स का इंतजार कर रही है.
 
बता दें कि विटिलिगो रोगियों को अक्सर गलत धारणाओं के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ता है कि यह बीमारी संक्रामक है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार, विटिलिगो से पीड़ित व्यक्ति सामान्य आबादी की तुलना में अधिक दर पर चिंता या स्ट्रेस का अनुभव करते हैं. यह बढ़ा हुआ जोखिम सामाजिक परिस्थितियों में चुनौतियों से उत्पन्न हो सकता है, जिससे उनके लिए एक्सेप्टेड महसूस करना और दूसरों के साथ घुलना-मिलना मुश्किल हो जाता है.

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इस घटना से ऑनलाइन यूजर्स भड़क गए. एक ने कहा- ऐसे टीचर को कम से कम 3 महीने की सजा होनी जरूरी है. बता दें कि स्कूल में मार के चलते बच्चों का हालत बिगड़ने के कई मामले पहले भी चीन में आते रहे हैं.
 

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