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मध्य प्रदेश: पन्ना में पाई जाती हैं अनोखी बिल्ली, पानी में करती है शिकार

मध्य प्रदेश में फिशिंग कैट का फोटोग्राफिक साक्ष्य म‍िला है. बाघों के लिए प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व में फिशिंग कैट यानी मछली खाने वाली बिल्ली भी पाई जाती है. यह दुर्लभ बिल्ली पहली बार यहां कैमरा ट्रैप में कैद हुई है.

पानी में श‍िकार करती ब‍िल्ली. पानी में श‍िकार करती ब‍िल्ली.
दिलीप शर्मा (दीपक)
  • पन्ना ,
  • 31 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 6:51 PM IST
  • कैमरा ट्रैप में कैद हुई मछली खाने वाली यह बिल्ली
  • पन्ना टाइगर रिजर्व में है इसका प्राकृतिक रहवास
  • दूर से तेंदुए की तरह दिखती है यह बिल्ली

बाघों के लिए प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व में फिशिंग कैट यानी मछली खाने वाली बिल्ली भी पाई जाती है. पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी के आसपास विलुप्त हो रही फिशिंग कैट का प्राकृतिक आवास है. मछली खाने वाली यह दुर्लभ बिल्ली पहली बार यहां कैमरा ट्रैप में कैद हुई है.

बता दें कि फिशिंग कैट यानी मछली का शिकार करने वाली बिल्ली, जिसकी तादाद दुनियां में तेजी से घट रही है. भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 के तहत फिशिंग कैट का शिकार किया जाना प्रतिबंधित है. फिशिंग कैट को विलुप्तप्राय श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है.

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पन्ना टाइगर रिजर्व में फिशिंग कैट का फोटोग्राफिक प्रमाण मिलने पर खुशी का इजहार करते हुए क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि निश्चित ही यह नेशनल खबर है. मध्य भारत के पन्ना टाइगर रिजर्व में फिशिंग कैट के प्राकृतिक आवास की पुष्टि अपने आप में बड़ी बात है.

तेजी से विलुप्त हो रही फिशिंग कैट की पन्ना टाइगर रिजर्व में मौजूदगी के प्रमाण मिलने पर अब अनेकों जीव विज्ञानी जो फिशिंग कैट पर रिसर्च व अध्ययन में रुचि रखते हैं, वे यहां आकर अध्ययन कर सकेंगे. पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में वन्य प्राणियों के विचरण क्षेत्र व उनकी मौजूदगी के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए कैमरे लगाए गए हैं ताकि पार्क के उन इलाकों को भी कवर किया जाए जहां अभी तक कैमरे नहीं लगाए जा सके.

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बिल्ली का मुख्य भोजन मछली

पन्ना टाइगर रिजर्व के बीच से केन नदी प्रवाहित होती है इसलिए फिशिंग कैट के यहां होने की संभावना जताई जा रही थी. आर्द्रभूमि में रहने वाली इस बिल्ली का मुख्य भोजन मछली होता है, इसीलिए इसका नाम फिशिंग कैट पड़ा है. पूरे मध्य भारत में यह पहला फोटोग्राफिक साक्ष्य है.

समूचे मध्य प्रदेश में फिशिंग कैट का इसके पहले कहीं भी फोटोग्राफिक साक्ष्य मिलने का कोई प्रमाण नहीं है. मध्य भारत में पहली बार पन्ना टाइगर रिजर्व में इसकी मौजूदगी का साक्ष्य मिला है, जो प्रदेश के लिए गर्व की बात है. फील्ड डायरेक्टर का कहना है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में मगरा डबरी से लेकर पीपरटोला तक का इलाका फिशिंग कैट के लिए अनुकूल है. यहां केन में जहां पर्याप्त मछलियां हैं, वहीं यहां की आबोहवा और वातावरण भी मछली खाने वाली बिल्ली के अनुकूल है. दूर से तेंदुए की तरह दिखने वाली फिशिंग कैट शारीरिक रूप से सामान्य घरेलू बिल्लियों की तुलना में दोगुनी आकार की होती है.

दुर्लभ बिल्ली पहली बार कैमरा में ट्रैप

पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने बताया क‍ि मछली खाने वाली यह दुर्लभ बिल्ली पहली बार यहां कैमरा ट्रैप में कैद हुई है. फिशिंग कैट यानी मछली का शिकार करने वाली बिल्ली, जिसकी तादाद दुनियां में तेजी से घट रही है. इस बिल्ली का मुख्य भोजन मछली होता है, इसीलिए इसका नाम फिशिंग कैट पड़ा है. पूरे मध्य भारत में यह पहला फोटोग्राफिक साक्ष्य है. मध्य भारत के पन्ना टाइगर रिजर्व में फिशिंग कैट के प्राकृतिक आवास की पुष्टि अपने आप में बड़ी बात है. 

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