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नर्स ने किए शॉकिंग खुलासे- मरते वक्त क्या बोलकर जाते हैं मरीज, इन 5 बातों पर करते हैं बड़ा पछतावा

नर्स का काम करने वाली इस महिला ने अपने मरीजों से जुड़ी अनुभव साझा किए हैं. उसने बताया कि मरीजों ने आखिरी बार मौत से पहले किन चीजों पर पछतावा जताया था.

नर्स ने बताए मरीजों से जुड़े अनुभव (तस्वीर- Pexels/Instagram) नर्स ने बताए मरीजों से जुड़े अनुभव (तस्वीर- Pexels/Instagram)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2023,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST

अपनी जिंदगी में लोग अकसर ये कहते सुनाई देते हैं कि वो मरते वक्त किसी बात को लेकर पछतावा नहीं करना चाहते. अब होम केयर का काम करने वाली एक नर्स ने कई खुलासे किए हैं. उसने अपने मरीजों से जुड़े अनुभव बताए हैं. 30 साल की हैडले व्लाहोस ने कहा कि उनके मरीजों को कई मामलों में मरते वक्त 'बड़ा पछतावा' हुआ. इसमें अपने लिए कुछ न कर पाना और 'सही समय' का इंतजार करते रहना शामिल है. हैडले बीते आठ साल से इस काम को कर रही हैं. उन्होंने 'डेथ बेड पर होने वाले पछतावों' के बारे में बताया है.

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एक मरीज ने उनसे कहा था, 'जब आप जाते हो, तो कुछ अपने साथ लेकर नहीं जाते.' एक अन्य मरीज ने मरते वक्त कहा, 'सही समय का इंतजार करना बंद करें, अभी शुरू करें.' एक और मरीज ने कहा, 'काश वो लोगों को बता पाते कि उनसे कितना प्यार करते हैं.' दूसरे मरीज ने कहा, 'काम में कम समय बिताएं और परिवार के साथ ज्यादा.' अमेरिका के लूसियाना की रहने वाली हैडले को मरीजों ने ये भी कहा कि 'चीजें अपने लिए करें, दूसरों के लिए नहीं.' 

लोगों को कुछ न कह पाने का पछतावा

हैडले ने कहा, 'मरीजों ने कहा कि काश वो लोगों को बता पाते कि उनसे कितना प्यार करते हैं. इस चीज को मैं अपने जीवन में लागू करती हूं. जिनसे कई साल से बात नहीं हुई, उन्हें बताती हूं कि वो मेरे लिए कितने अहम हैं. कुछ लोग मेरे मैसेज का रिप्लाई नहीं करते और मैं इससे बुरा नहीं मानती. लेकिन मुझे पता है कि अगर कुछ होता है तो वो जानते हैं कि मेरे लिए वो कितने अहम हैं. हर शख्स आपको कुछ न कुछ सिखाता है. क्योंकि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी जी होती है. वो आपको काफी कुछ सिखा सकते हैं.'

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उन्होंने बताया कि कोई फरक नहीं पड़ता आपके पास कितना पैसा है या आप कितने बड़े घर में रहते हैं. जरूरी ये है कि आप जिंदगी को किस तरह जीते हैं. एक अन्य मरीज ने कहा कि उसे डॉक्टर बनना था, जिसके लिए वो सही वक्त का इंतजार करता रहा और ये वक्त आया ही नहीं.

वहीं एक और मरीज ने कहा कि उसने पूरी जिदंगी काम करने में बिता दी और परिवार को ज्यादा वक्त नहीं दिया. अब हैडले का कहना है कि वह इन्हीं सब बातों से रोज कुछ न कुछ सीख रही हैं. और अपने जीवन में इसका ध्यान रख रही हैं. उन्होंने वो पांच बातें बताईं, जिन्हें लेकर उनके मरीजों को सबसे ज्यादा पछतावा हुआ था-
 
- आप जब जाओगे तो कुछ साथ लेकर नहीं जाओगे.
- सही वक्त का इंतजार करना बंद करो, अभी से शुरू करो.
- अपने लिए चीजें करो, दूसरों के लिए नहीं.
- काम में कम समय बिताओ और परिवार को ज्यादा समय दो.
- काश लोगों को कह दिया होता कि वो मेरे लिए कितनी अहमियत रखते हैं.

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