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फिर दिख गई वो मछली, जिसके ऊपर आने का मतलब...होने वाली है बड़ी तबाही!

मेक्सिको के समुद्र तट पर एक ऐसी मछली दिखाई दी है. माना जाता है कि इसके मिलने का मतलब है भयानक प्राकृतिक आपदा जैसे सुनामी या भूकंप आने वाली है. जानते हैं किस तरह की है ये मछली और क्या है इसकी कहानी?

कैलिफोर्निया में भी मिली थी ये मछली (फोटो - X/  @AMAZlNGNATURE ·) कैलिफोर्निया में भी मिली थी ये मछली (फोटो - X/ @AMAZlNGNATURE ·)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:11 PM IST

मेक्सिको के समुद्र तट पर एक दुर्लभ 'डूम्सडे' मछली के दिखने से आपदा की आशंका ने लोगों को चिंता में डाल दिया है. यह विशाल मछली, जिसे ओअरफिश के नाम से जाना जाता है, दक्षिणी बाजा कैलिफोर्निया प्रायद्वीप के तट पर देखी गई.

इस मछली की लंबाई एक सर्फबोर्ड जितनी थी और इसकी सिल्वर-नीली चमकती हुई त्वचा पर एक खूबसूरत लाल पंख लगा हुआ  था, लेकिन इसकी पूंछ जख्मी हो गई थी.

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2025 में पहली बार दिखी मछली
इस साल 2025 में यह मछली पहली बार मेक्सिको के समुद्र तट पर देखी गई है.  हालांकि, समुद्र तट पर मौजूद युवा सर्फर्स ने तुरंत इस मछली को उठाकर वापस समुद्र में छोड़ दिया.  वहीं पिछले साल कैलिफोर्निया में एक ओअरफिश देखी गई थी, जिसके कुछ हफ्तों बाद 7.0 तीव्रता का भूकंप आया. 

क्या है ओअरफिश का रहस्य?
ओअरफिश 36 फीट तक लंबी और 441 पाउंड से अधिक वजनी हो सकती है. इन्हें अक्सर जापानी पौराणिक कथाओं में 'समुद्र के ड्रैगन भगवान के महल का संदेशवाहक' कहा जाता है. माना जाता है कि यह मछली सतह पर तब आती है जब कोई बड़ा भूकंप या प्राकृतिक आपदा आने वाली होती है.

वैज्ञानिकों ने कहा -ये सिर्फ लोगों की मान्यता है
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक मेक्सिको के एक स्थानीय निवासी ने बताया कि ऐसा माना जाता है कि यह मछली बहुत मजबूत सुनामी के आने का संकेत देती है. हालांकि वैज्ञानिकों ने इस मछली और आपदाओं के बीच कोई स्पष्ट संबंध स्थापित नहीं किया है, लेकिन 2011 में जापान में आए विनाशकारी सुनामी और 9.0 तीव्रता के भूकंप से कुछ महीने पहले 20 ओअरफिश समुद्र तट पर मृत पाई गई थीं.

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ओअरफिश और जापानी पौराणिक कथा
जापानी मान्यताओं के अनुसार, ओअरफिश समुद्र की गहराइयों में रहती हैं और सतह पर तभी आती हैं जब कोई बड़ा प्राकृतिक खतरा सामने हो. माना जाता है कि ये मछलियां जापान के द्वीपों के नीचे रहती हैं और सतह पर आकर लोगों को भूकंप के प्रति सचेत करती हैं.

ओअरफिश की अनोखी विशेषताएं
यह मछली आमतौर पर समुद्र की गहराइयों में 656 फीट से लेकर 3,280 फीट तक पाई जाती है. इसकी त्वचा पर स्केल्स नहीं होते हैं. इसकी नुकीली परत को गुआनिन नामक पदार्थ से कवर होता है.

2011 की आपदा से जुड़ी यादें
ओअरफिश के दिखने की घटना ने 2011 में जापान में आई तबाही की यादें ताजा कर दी हैं. उस समय 9.1 तीव्रता के मेगाथ्रस्ट भूकंप ने जापान के पूर्वी तट को हिलाकर रख दिया था. इस भूकंप के कारण आई सुनामी ने 133 फीट ऊंची लहरों के साथ 15,000 से अधिक लोगों की जान ली थी.

पिछले साल की घटना
2024 के नवंबर में कैलिफोर्निया के समुद्र तट पर एक मृत ओअरफिश पाई गई थी. कुछ ही हफ्तों बाद राज्य को एक बड़े भूकंप और सुनामी चेतावनी का सामना करना पड़ा. भूकंप 10:44 बजे आया, जिसका केंद्र यूरेका के तट से 45 मील दूर था. इस घटना ने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी और लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने की चेतावनी दी गई.

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विज्ञान इसे मानती है सिर्फ संयोग
ओअरफिश का दिखना कई संस्कृतियों में आपदा का संकेत माना जाता है. हालांकि विज्ञान ने इस मान्यता की पुष्टि नहीं की है. इसे सिर्फ संयोग माना जा सकता है. लेकिन यह मछली हर बार लोगों के बीच भय और आशंका का कारण बनती है. क्या यह सिर्फ एक संयोग है या प्रकृति का कोई गूढ़ संकेत? इस सवाल का कोई जवाब नहीं है.

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