
पाकिस्तानी क्रिकेटर सकलैन मुश्ताक की गेंदबाजी तकनीक उनकी ऑफ-स्पिन और "दूसरा" के इर्द-गिर्द घूमती थी. क्रिकेट में "दूसरा" सकलैन की देन मानी जाती है. जो ऑफ-स्पिन के साथ लेग-स्पिन की दिशा में जाती थी. यह गेंद बल्लेबाजों को छकाने के लिए होती थी.
क्रिकेट पिच पर बॉल घुमाने वाले सकलैन ने इस बार अपनी निजी जिंदगी से जुड़ा दिलचस्प खुलासा किया है. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले सकलैन मुश्ताक अब क्रिकेट की चर्चाओं में शिरकत करते हैं, गेंदबाजी के टिप्स देते हैं और क्रिकेट की वो कहानियां सुनाते हैं इंडिया पाकिस्तान मैच के दौरान पिच पर टेंशन और जोश दोनों ही हाई हुआ करता था.
ये उन दिनों की बात है जब सोशल मीडिया नहीं हुआ करता था.
पाकिस्तान के एक टीवी चैनल में ऐसी ही एक चर्चा के दौरान सकलैन मुश्ताक ने अपने भारत कनेक्शन का खुलासा किया. इस चर्चा में आज तक के पत्रकार निखिल नाज भी मौजूद थे. सकलैन मु्श्ताक ने कहा कि उनका परिवार भारत के अमृतसर का रहने वाला है और उसके दादा का नाम रूड सिंह था. जो मुसलमान बन गए थे. इस चर्चा के दौरान मुश्ताक ने अपने पूरी पीढ़ी बताई और दिल्ली के फेमस करीम होटल में चिकन नूरजहांनी की रेसिपी की कहानी भी बताई.
इसी चर्चा में मौजूद पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर इंजमाम उल हक ने अपना हिसार कनेक्शन बताया और कहा कि उनका परिवार हिसार से है और उनके अब्बू हिसार में मौजूद अपनी हवेली को देखने जा चुके हैं.
एक ही शहर के हैं कपिल शर्मा और सकलैन मुश्ताक
चैम्पियंस ट्रांफी में भारत-पाकिस्तान के परफॉर्मेंस पर चर्चा करने बैठे सकलैन मुश्ताक माजी (अतीत) की यादों में खो गए. सकलैन मुश्ताक ने भारत के एक्टर-कॉमेडियन कपिल शर्मा का जिक्र करते हुए कहा, "कपिल शर्मा मेरे गांव के हैं, अमृतसर. मेरी दुबई में उनसे मुलाकात हुई थी. फिर बात शुरू हुई, मैंने कहा-सुना आप अमृतसर के हैं."
सकलैन मुश्ताक ने कहा कि उनके दादा भी अमृतसर के हैं. और उनके परदादा का नाम रूड सिंह था. उन्होंने कहा, "रूड सिंह मेरे परदादा था, वे मुसलमान हुए और वहां से फिर इधर आ गए..."
इस पाकिस्तानी क्रिकेटर ने अपनी पीढ़ी को याद करते हुए कहा, "रूड सिंह, फिर उमंगदीन, फिर लालदीन, फिर मुश्ताक अहमद और फिर इधर हमलोग." सकलैन मुश्ताक ने कहा कि हम लोग उसी गांव से हैं.
जब बीवी ने पूछी चिकन नूरजहांनी की रेसिपी
इसके बाद सकलैन मुश्ताक ने अपने भारत दौरे को याद किया. उन्होंने कहा, "हम दिल्ली में अल करीम रेस्तरां गए थे. बहुत पुराना है. उस रेस्तरां ने बहुत इज्जत दी, उसकी मेहमाननवाजी आउटस्टैंडिंग थी. मेरी वाइफ ने ऑर्डर किया चिकन नूरजहांनी, चिकन नूरजहांनी हमनें कभी नहीं खाया था. हमें वहीं पर मिला. इतना अच्छा, इतना मजेदार."
मुश्ताक ने कहा कि ये व्यंजन उनकी पत्नी को बहुत पसंद आया. उन्होंने कहा कि क्या हम इसकी रेसिपी इससे पूछ सकते हैं. मैंने मालिक को बुलाया. मैंने उनसे कहा- मेरी वाइफ को बड़ा पसंद है, रेसिपी मिल सकती है. लेकिन उसने कहा- सॉरी... रेसिपी नहीं दे सकते हैं. क्योंकि उसके पूर्वज मुगल बादशाहों के शेफ थे. और वे उस सीक्रेट को बताना नहीं चाहते थे.
सकलैन मुश्ताक ने कहा कि, 'मेरी वाइफ अड़ गईं. उन्होंने कहा कि जहां मर्जी हो इसकी रेसिपी लेकर आओ. मैंने लोगों को कह दिया, बहुत लोग दिल्ली के जाने वाले थे. मुझे एक किताब मिली उसमें रेसिपी तो नहीं मिली. लेकिन मजेदार कहानियां पढ़ने को मिली.
हिसार में मेरी हवेली अभी भी है- इंजमाम उल हक
इसी प्रोग्राम में मौजूद इंजमाम उल हक ने कहा, "2004-05 में मैं इंडिया में था, मेरी वालिदा और वालिद साहब इंडिया से हैं, हांसी, हिसार से. मेरे वालिद साहब, भाई, वालिदा भारत आए थे. मुझे सिक्योरिटी की वजह से शायद जाने की इजाजत नहीं मिली, या फिर शेड्यूल कह लें. लेकिन मेरे परिवार के लोग गए थे. वहां उनका खूब इस्तकबाल हुआ था. जहां हम रहते थे, वो घर उस समय भी था. बड़ी हवेली थी. वो छोड़ी सी छोटी हो गई थी, लेकिन वहां मौजूद थी."
बैटिंग पिच पर जबर्दस्त जलवे दिखाने वाले इंजमाम उल हक ने उन पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि वहां एक पुष्पा आंटी हुआ करती थी. वो जब हमारी शादी हुई तो हमारे यहां आई हुई थीं. उन्होंने हमें पूरा घुमाया-फिराया. बड़ी यादें हैं इधर के लोगों की, उधर के लोगों की. मेरे वालिद साहब मिस करते थे इन चीजों को.
बता दें कि चैम्पियंस ट्राफी में भारत ने पाकिस्तानी टीम पर शानदार जीत दर्ज की है.