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मुंहासे से मौत? डॉक्टर ने बताया कैसे आपकी जान ले सकता है चेहरे का एक 'Pimple'

हाल में एक डॉक्टर ने चेहरे के पिंपल्स को लेकर कुछ ऐसा कहा है कि लोग हैरान हैं. उन्होंने बताया है कि पिंपल के साथ एक गलती कर देने से आपकी मौत भी हो सकती है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 12:47 PM IST

आम तौर पर यदि किसी के चेहरे पर मुंहासे होते हैं तो इंसान इन्हें खरोंचने की कोशिश करता है. ये स्वभाव काफी हद तक लोगों में आम होता है. लेकिन क्या मुंहासे फोड़ देने से किसी की मौत हो सकती है? हाल में एक डॉक्टर ने कुछ ऐसा ही कहकर सबको चौंका दिया है.

मौत के मुंह से निकाले कई मरीज

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डॉक्टर ने बताया है कि उनके कुछ मरीज़ों के साथ ऐसा हो चुका है कि उन्हें मुंहासा फोड़ने के बाद जानलेवा इंफेक्शन का शिकार होना पड़ा. जिसके बाद उन्हें किसी तरह मौत के मुंह से निकाला गया है. बता दें कि हाल में टिकटॉक पर @imlesbianflavored आईडी से एक महिला ने भी बताया था कि कैसे मुंहासे को फोड़ना उसे भयंकर इंफेक्शन दे गया.

'पिंपल्स फोड़ने के खिलाफ चेतावनी'

टिकटॉक पर डॉक्टर एवर एरियास ने  चेहरे के एक पर्टिकुलर एरिया में पिंपल्स फोड़ने के खिलाफ चेतावनी दी है क्योंकि इससे संभावित रूप से भयंकर इंफेक्शन हो सकता है. कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के रेजिडेंट डॉक्टर, ऑरेंज, कैलिफ़ोर्निया में इरविन मेडिकल सेंटर के डॉक्टर एवर एरियास नियमित रूप से नाक पर पिंपल्स निकालने के वीडियो पर रिएक्शन देते हैं और बताते हैं कि आपको अपने पिंपल के साथ क्या नहीं करना चाहिए.'

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'पिंपल में बैक्टेरिया गया तो...'

उनके सबसे हालिया वीडियो में से एक में डॉ. एरियस अपने 145,000 फॉलोअर्स को समझाते हुए दिखते हैं कि यदि फटे हुए पिंपल में एक खास बैक्टेरिया चला जाता है, तो यह मेनिनजाइटिस का कारण बन सकता है. ये आपको एक मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी का इंफेक्शन देकर जानलेवा हो सकता है.

चेहरे पर होता है ट्राइएंगल ऑफ डेथ

डॉ. एरियास का कहना है कि आपके चेहरे पर 'ट्राइएंगल ऑफ डेथ' कहे जाने वाले क्षेत्र में कोई भी पिंपल नहीं फूटना चाहिए. ये ट्राइएंगल आपके चेहरे के नाक के पुल से मुंह के दोनों कोनों तक के त्रिकोणीय क्षेत्र को कवर करता है और दिमाग में जाने वाली नसों से जुड़ता है.

मौत भी हो सकती है

उन्होंने बताया कि  ये गंभीर संक्रमण और सूजन का कारण बन सकता है. सूजन के चलते ठंडे रक्त के थक्के बन सकते हैं जिन्हें केराटिन साइनस थ्रोम्बोसिस [एक दुर्लभ प्रकार का रक्त का थक्का] कहा जाता है, लेकिन इसके साथ ही मेनिनजाइटिस नामक संक्रमण भी हो सकता है, जो मेनिन्जेस या ब्रेन टिशू का संक्रमण है. डॉ. एरियास ने कहा, ऐसी स्थिति में मरीज को बुखार या दौरे पड़ सकते हैं और कुछ केस में इससे मौत भी हो सकती है.
 

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