Advertisement

सूरत: मकर संक्रांति के दिन हुई बछड़े और बछिया की शादी, धूमधाम से निकली बारात

मकर संक्रांति के दिन से ही शुभ कार्यों का आरंभ किया जाता है. इसी के तहत गुजरात के सूरत में मकर संक्रांति के पर्व पर गाय के बछड़े और बछिया की शादी मंदिर में धूमधाम से कराई गई. इस शादी में बछड़ा और बछिया पक्ष के लोग शामिल हुए.

धूमधाम से हुई बछड़ा और बछिया की शादी धूमधाम से हुई बछड़ा और बछिया की शादी
संजय सिंह राठौर
  • सूरत,
  • 16 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:49 AM IST
  • धूमधाम से हुई बछड़े और बछिया की शादी
  • बछड़े और बछिया की शादी मंदिर में कराई गई
  • गांव वालों ने जमकर किया डांस

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार खरमास के महीने में नए या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. इन दिनों शादी, सगाई, मुंडन और भवन निर्माण जैसे मंगल कार्य पूरी तरह से वर्जित माने जाते हैं. मकर संक्रांति के दिन से ही शुभ कार्यों का आरंभ किया जाता है. इसी के तहत गुजरात के सूरत में मकर संक्रांति के पर्व पर गाय के बछड़े और बछिया की शादी मंदिर में धूमधाम से कराई गई. इस शादी में बछड़ा और बछिया पक्ष के लोग शामिल हुए.

Advertisement

गाय के बछड़े और बछिया की शादी धूमधाम से हुई 

ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते गाते बाराती सूरत के लाडवी गांव पहुंच. जहां दूल्हे राजा और बारात में आए बारातियों के स्वागत के लिए वधू पक्ष के लोग मौजूद थे. शादी में शामिल हुए लोगों की नजरें दूल्हे और दुल्हन को खोज रहीं थीं. पर यह शादी जरा हटकर थी, यहां दूल्हे के रूप में सिर पर साफा बांधे और नए कपड़े पहने गाय का बछड़ा बैठा था तो दूसरी तरफ दुल्हन के रूप में सिर पर मुकुट बांधे और कपड़े पहने गाय की बछिया बैठी थी.

बछड़े और बछिया की शादी धूमधाम से हुई 

मंदिर में हुई बछड़े और बछिया की शादी

बछड़े और बछिया की शादी के लिए गांव वालों ने बकायदा मंडप तैयार किया हुआ था और पंडित मंत्रोचार कर रहे थे. मंडप में चारों तरफ वर और वधू पक्ष के लोग बैठे हुए हैं. बछड़ा और बछिया की शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. ये शादी सूरत शहर से दूर कामरेज क्षेत्र के लाडवी गांव की एक गौशाला में हुई, जहां गौशाला के संचालक संत की वधू के रूप में बछिया है जबकि वर के रूप में जयंती भाई का बछड़ा है. वर के रूप में बछड़े का नाम शंखेस्वर है, जबकि वधू के रूप में बछिया का नाम चन्द्रमौली है.  

Advertisement

 

बछड़े और बछिया की शादी धूमधाम से हुई 

 

मकर संक्रांति पर गौ दान का महत्व होता है

बछिया के मालिक जयंती भाई ने बताया कि उत्तरायण का दिन पवित्र माना जाता है. मकर संक्रांति पर गौदान का काफी महत्व होता है. महाराज के मन में ऐसा था कि मकर संक्रांति के दिन ऐसा किया जाए. इसलिए ये आयोजन किया गया.  इसके अलावा उन्होंने बताया कि एक साल पहले बछड़ा और बछिया का जन्म हुआ था. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement