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कुत्तों के जन्म-मृत्यु पर भी कराना होगा रजिस्ट्रेशन

कुत्तों के प्रजनन और उनसे जुड़े व्यापार नियमों में भी तेजी से विकास किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार कुत्तों को 2 से 4 महीने की ट्रेनिंग देने और डॉग यूनिवर्सिटी खोलने पर भी विचार कर रही है.

डॉग यूनिवर्सिटी खोलने पर भी हो रहा विचार डॉग यूनिवर्सिटी खोलने पर भी हो रहा विचार
अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 2:17 PM IST

केंद्र सरकार पालतू कुत्तों के लिए नए नियम बना रही है. इसके तहत कुत्तों के जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन कराना होगा. प्रीवेंशन ऑफ क्रूअल्टी टू एनीमल्स (डॉग ब्रीड एंड मार्केटिंग रूल्स) 2016 के प्रस्वाव पर लोग 30 दिनों के भीतर अपने सुझाव भी दे सकते हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने कहा है कि कुत्तों के जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो जाएगा. नए नियम का उद्देश्य डॉग ब्रीडर्स को जवाबदेह बनाना और इस प्रक्रिया में किसी भी क्रूरता को रोकना.

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डॉग यूनिवर्सिटी खोल सकती है सरकार
कुत्तों के प्रजनन और उनसे जुड़े व्यापार नियमों में भी तेजी से विकास किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार कुत्तों को 2 से 4 महीने की ट्रेनिंग देने और डॉग यूनिवर्सिटी खोलने पर भी विचार कर रही है.

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री अनिल माधव दवे ने कहा कि अब तक देश में कुत्तों के प्रजनन, बिक्री और खरीद पर कोई नियम नहीं थे. इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल की गई है. उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि कुत्तों की खरीद और बिक्री को ऑनलाइन बना दिया जाएगा.

राज्य बोर्ड द्वारा अधिकृत एक निरीक्षक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर सकते हैं. डॉग ब्रीडर्स के लिए यह अनिवार्य है कि वह नर और मादा कुत्तों के नस्लों, ब्रिकी, खरीद, मौत की संख्या, पुनर्वास आदि का समुचित रिकॉर्ड बनाए रखें. हर डॉग ब्रीडर को प्रतिवर्ष स्वान की ब्रिकी, व्यापार या अन्य जानकारी की वार्षिक रिपोर्ट राज्य बोर्ड को प्रस्तुत करना होगा.

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