
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के बीरनगर के रहने वाले निर्मल विश्वास, जो फल विक्रेता हैं, अपनी प्यारी बिल्ली'हुलो' के लापता होने से बेहद परेशान हैं. उनका कहना है कि वो बिल्ली उनके बच्चे की तरह है. 4 साल से वो उनके साथ उनकी संतान की तरह रह रही थी.
बिल्ली के गुम होने के बाद निर्मल विश्वास ने ₹10,000 का इनाम घोषित किया है. विश्वास ने पोस्टर लगाकर और माइक के जरिए अपनी बिल्ली को खोजने की अपील की है. अपनी बिल्ली के गुम हो जाने के कारण वह काफी दुखी है.
हुलो के लापता होने का दर्द
निर्मल विश्वास ने बताया कि यह सफेद रंग की बिल्ली है, जिसके सिर के पीछे काले रंग का निशान है. मैं सभी से हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं कि अगर किसी को यह बिल्ली दिखे, तो कृपया उसे मेरे पास ले आएं. मैं इसे खोजने वाले को ₹10,000 का इनाम दूंगा. मेरी मां ने इसे एक छोटे बिलौटे के रूप में बचाया था, और यह मेरे बहुत करीब है.
हुलो बीते 12-15 दिनों से लापता है. निर्मल ने दरवाजे-दरवाजे जाकर खोजबीन शुरू की और फिर माइक के जरिए पूरी कॉलोनी में घोषणा करनी शुरू कर दी.
गम में शख्स ने खाना-पीना तक छोड़ा
गहरे दुःख में डूबे निर्मल ठीक से खा भी नहीं पा रहे हैं. वह दिन-रात माइक और लाउडस्पीकर के जरिए हुलो को खोज रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं पिछले कई दिनों से इसे खोज रहा हूं. मैंने माइक पर घोषणा शुरू की ताकि जिसे भी बिल्ली दिखे, वह मुझे लौटा सके.
जानवरों के प्रति गहरा लगाव
निर्मल विश्वास, जो एक टिन की छत वाले छोटे से घर में रहते हैं, 8 बिल्लियों और कई पिल्लों का पालन-पोषण करते हैं. वह अपने सीमित आय का बड़ा हिस्सा इन जानवरों पर खर्च करते हैं. हुलो के गायब होने से उनकी पूरी फैमिली गमगीन है. हुलो से उनका खास रिश्ता उनके छोटे बेटे की एक दुर्घटना में मौत के बाद बना. उन्होंने हुलो को एक खास बिस्तर, रोज मछली, और दूध देना अपनी दिनचर्या बना ली थी.
हुलो को खोजने में स्थानीय लोग कर रहे सहयोग
स्थानीय वार्ड 13 के काउंसलर गोविंद चंद्र पोद्दार ने निर्मल की जानवरों के प्रति भक्ति की सराहना करते हुए कहा कि मैंने जानवरों के लिए इतना गहरा प्रेम पहले कभी नहीं देखा. वह अपने सीमित संसाधनों के बावजूद सभी आवारा जानवरों को खाना खिलाते हैं और उनकी देखभाल करते हैं.
पड़ोसी नीलिमा दास ने बताया कि निर्मल दा जानवरों से अपने बच्चों की तरह प्यार करते हैं. वह उनके लिए खाना बनाते हैं, उन्हें डॉक्टर के पास ले जाते हैं. हमारे मोहल्ले में उनके जानवरों से कभी कोई समस्या नहीं हुई बल्कि, हमारे इलाके में सुरक्षा बेहतर है.