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यहां फीमेल स्टूडेंट्स को सरकार का ऑफर... बच्चे पैदा कीजिए, मिलेंगे 1 लाख!

एक तरफ भारत और चीन में जनसंख्या में बढ़ोतरी विस्फोटक होती जा रही है. वहीं दूसरी तरफ रूस है, जहां बच्चे को जन्म देने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. रूस में एक स्थानीय प्रशासन ने छात्राओं को बच्चे पैदा करने के एवज में अच्छी खासी रकम देने की पेशकश की है.

यहां फीमेल स्टूडेंट्स को बच्चे पैदा करने पर मिल रहे पैसे (Pexels) यहां फीमेल स्टूडेंट्स को बच्चे पैदा करने पर मिल रहे पैसे (Pexels)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:07 AM IST

रूस के कारेलिया में 25 वर्ष से कम उम्र की छात्राओं को स्वस्थ बच्चे को जन्म देने पर 100,000 रूबल (लगभग 81,000 रुपये) की पेशकश की गई है. द मॉस्को टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह नीति देश की गिरती जन्मदर को सुधारने के लिए लागू की गई है. यह योजना 1 जनवरी से प्रभावी है. इसमें केवल वही महिलाएं पात्र होंगी, जो स्थानीय विश्वविद्यालय या कॉलेज में नियमित छात्रा हो, 25 वर्ष से कम उम्र की हो और कारेलिया की निवासी हो. 

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क्षेत्रीय कानून के अनुसार यह योजना उन माताओं पर लागू नहीं होगी, जो मृत शिशुओं को जन्म देती हैं. हालांकि, इसमें यह उल्लेख नहीं है कि यदि बच्चा जन्म के बाद अचानक मृत्यु का शिकार हो जाता है, तो भुगतान की स्थिति क्या होगी. इसी प्रकार, यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि यदि बच्चा किसी दिव्यांगता के साथ जन्म लेता है, तो मां इस भुगतान के लिए पात्र होगी या नहीं. इसके अलावा, बच्चों की देखभाल और प्रसवोत्तर स्वास्थ्य खर्चों में सहायता के लिए अतिरिक्त आर्थिक सहायता का उल्लेख भी नीति में नहीं है.

रूस के अन्य कई क्षेत्रों में भी लागू है ऐसी व्यवस्था
कारेलिया ऐसा करने वाला अकेला क्षेत्र नहीं है. रूस के कम से कम 11 अन्य क्षेत्रीय सरकारें भी छात्राओं को बच्चे को जन्म देने के लिए प्रोत्साहन राशि देती हैं. हालांकि, विशेषज्ञों ने इस कदम को अपर्याप्त और दूरदर्शिता की कमी वाला बताया है. उनका कहना है कि नई माताओं के लिए बेहतर सुरक्षा और आदर्श आर्थिक स्थितियों की अनुपस्थिति में यह योजना प्रभावी नहीं होगी.

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देश में गिरती जन्मदर चिंता का विषय
2024 के पहले छह महीनों में रूस में केवल 5,99,600 बच्चों का जन्म हुआ, जो पिछले 25 वर्षों में सबसे कम है. यह आंकड़ा 2023 की इसी अवधि की तुलना में 16,000 कम है. जून महीने में तो जन्मदर ऐतिहासिक रूप से 100,000 से भी नीचे गिर गई. फॉर्च्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने जुलाई में कहा था कि यह देश के भविष्य के लिए विनाशकारी है.

घटती जनसंख्या का संकट
1990 के दशक की शुरुआत में रूस की जनसंख्या 148 मिलियन थी, जो अब घटकर लगभग 146 मिलियन रह गई है. संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया है कि यह संख्या 2100 तक 74 मिलियन से 112 मिलियन के बीच रह सकती है. इस तरह के अल्पकालिक उपाय जन्मदर को बढ़ाने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकते, लेकिन ये रूस की गंभीर जनसंख्या संकट की ओर ध्यान आकर्षित जरूर करते हैं.

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