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सऊदी अरब: Tweet करने की वजह से युवती को दी गई 34 साल कैद की सजा

सऊदी अरब की एक महिला माइक्रोब्‍लॉगिंग साइट ट्विटर पर कुछ लोगों के ट्वीट रीट्वीट करती है, इसके बाद अदालत पहले उन्‍हें 6 साल की सजा सुनाती है. बाद में सजा बढ़ाकर 34 साल कर दी जाती है. सजा पूरी होने के बाद उन पर 34 साल का ट्रैवल-बैन भी लागू होगा.

सऊदी अरब की सलमा अल-शेहबाब ट्वीट करने के कारण मुसीबत में फंस गई हैं सऊदी अरब की सलमा अल-शेहबाब ट्वीट करने के कारण मुसीबत में फंस गई हैं
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली ,
  • 17 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 10:48 PM IST

सऊदी अरब की सलमा अल-शेहबाब (Salma al-Shebab) को 34 साल कारावास की सजा सुनाई गई है. यह सजा पूरी होने के बाद सलमा को 34 साल के ट्रैवल-बैन का भी सामना करना पड़ेगा.

सलमा अल-शेहबाब ने अपने ट्विटर (Twitter) अकाउंट से सऊदी महिलाओं के अधिकारों को लेकर कई ट्वीट-रीट्वीट किए थे. सलमा ने जेल में बंद एक्टिविस्‍ट Loujain al-Hathloul समेत कई अन्‍य महिला कार्यकर्ताओं की रिहाई की वकालत की थी. 
  
डेली मेल के मुताबिक, सऊदी सरकार ने उन पर आरोप लगाया कि ट्विटर के माध्‍यम से सलमा लोगों के बीच अशांति पैदा करना चाहती थी, उनके ट्वीट से राष्‍ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ था. सऊदी टेरररिज्‍म कोर्ट ने उन्‍हें 34 साल जेल की सजा सुनाई. 

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सलमा के दो बच्‍चे हैं. इनमें एक की उम्र 4 साल और दूसरे की 6 साल है. पहले उनको 6 साल की सजा सुनाई गई थी. लेकिन सोमवार को उनकी सजा सऊदी टेरर‍िज्‍म कोर्ट ने बढ़ाकर 34 साल कर दी. एक बार सलमा की यह सजा पूरी हो जाएगी, इसके बाद 34 साल का ट्रैवल-बैन भी लागू किया जाएगा. 

कोर्ट ने जब सलमा को सजा सुनाई तो उनके ट्वीट और सोशल मीडिया एक्टिविटी के बारे में भी बात की गई. सलमा ने जेल में बंद महिला कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की थी, इनमें Loujain al-Hathloul प्रमुख हैं. 

किन ट्वीट पर मचा बवाल
सलमा ने एक्टिविस्‍ट Loujain al-Hathloul की बहन लिना के ट्वीट को री-ट्वीट किया था. इस ट्वीट में लिना ने अपनी बहन Loujain al-Hathloul की रिहाई की मांग की थी. वहीं सलमा ने सऊदी से असहमति रखने वाले उन कार्यकर्ताओं के ट्वीट भी री-ट्वीट किए जो निर्वासन की जिंदगी बिता रहे हैं. 

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जनवरी 2021 में हुई थी गिरफ्तारी 
सलमा की गिरफ्तारी जनवरी 2021 में सऊदी अरब में हुई थी, तब वह छुट्टियां मनाने के लिए आई हुई थीं. वह ब्रिटेन में रह रही थीं और यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स से पीएचडी कर रही थीं. सलमा शिया मुस्लिम हैं. 

इस मामले में डॉ बेथने अल हैदरी का बयान भी सामने आया है. वह अमेरिका में 'ह्यूमन राइट्स आर्गनाईजेशन' में सऊदी केस मैनेजर हैं. डॉ अल हैदरी ने कहा सऊदी दुनिया के सामने डींगे मार रहा है कि वहां महिलाओं के हितों के लिए काम हो रहे हैं, महिलाओं की स्थिति सुधर रही है, कानूनी सुधार हो रहे हैं. लेकिन, जिस तरह सलमा को सजा सुनाई गई है, उससे एक बात स्‍पष्‍ट है कि वहां दिन-ब-दिन हालात खराब हो रहे हैं. 
 

 

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