
Sammed Shikharji Trending Latest News: ट्विटर (Twitter) पर पिछले कुछ दिनों से #बचाओ_पवित्र_तीर्थ_शिखरजी हैशटैग के साथ यूजर्स ट्वीट कर रहे हैं. यूजर्स का कहना है कि झारखंड के गिरिडीह में मौजूद जैन धर्म के सबसे पवित्र धार्मिक स्थल सम्मेद शिखरजी में खुले में मांसाहार का सेवन हो रहा है. लोग बेधड़क शराब पी रहे हैं.
इस पवित्र जगह को यहां आने वाले लोगों ने पिकनिक स्पॉट बना दिया है. इसे लेकर ट्विटर पर तमाम लोगों ने गुस्सा जताया है. वहीं जैन समाज के लोगों ने भी इसे लेकर रोष व्यक्त किया है. मान्यता है कि सम्मेद शिखर में कई जैन तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया था. इसे लेकर विभिन्न मान्यताएं हैं.
फिलहाल Twitter पर #बचाओ_पवित्र_तीर्थ_शिखरजी हैशटैग के साथ कई लोगों ने ट्वीट किया है. इनमें आईपीएस अधिकारी अरुण बोथरा भी शामिल हैं, उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि शिखरजी जैनियों का का सबसे पवित्र धार्मिक स्थान है. 24 में से 20 तीर्थंकरों ने यहीं मोक्ष प्राप्त किया था. लेकिन आज ये पिकनिक स्पॉट बनकर बन गया है. यहां लोग खुलेआम मांसाहार और शराब का सेवन करते हैं. जैन धर्म को मानने वाले लोग इस पवित्र स्थान को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
वहीं मोटिवेशनल स्पीकर देवेंद्र भाईजी ने भी #बचाओ_पवित्र_तीर्थ_शिखरजी हैशटैग के साथ वीडियो पोस्ट किया और अपने ट्वीट में लिखा- हमारा पहला कर्तव्य है हमारे धर्म और तीर्थस्थलों की रक्षा करना. हम सभी को एकता और अखंडता दिखानी होगी. तभी हम अपने तीर्थस्थल और धर्म की सही तरीके से बचा पाएंगे.
वहीं जैन संत योगभूषण महाराज ने भी एक ट्वीट किया है. अपने ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री समेत तमाम लोगों को टैग किया है. अपने ट्वीट में जिसमें उन्होंने लिखा है कि जैनधर्म का सर्वोच्च तीर्थ श्री सम्मेदशिखर जी गौरवशाली गरिमा को बचाने एवं अनर्गल असामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करें.
वहीं कांग्रेस के जमशेदपुर से सांसद रहे अजोय कुमार ने भी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर मीट, शराब को बैन करने की मांग की है.
वहीं सार्थक जैन ने ट्विटर पर लिखा कि दुनिया जानती है कि जैन धर्म के लोग त्याग में कितना विश्वास रखते हैं, मांसाहार क्या वो तो प्याज लहसुन से पूरी तरह परहेज करते हैं,उनके तीर्थ पर इस तरह की हरकत नाकाबिले बर्दाश्त है.
आकाश जैन ने भी हेमंत सोरेन को टैग करते हुए लिखा आखिर तीर्थराज सम्मेद शिखरजी को लेकर कोई पॉलिसी क्यों नहीं बनाई जाती है. आखिर शराब पीने और मीट खाना यहां बैन क्यों नहीं किया जा रहा है. दूसरे धार्मिक स्थल पर कड़े कानून बनाए गए हैं, जिनका सख्ती से पालन हो रहा है. आखिर जैनियों की भावनाओं को ठेस क्यों पहुंचाई जा रही है.
हालांकि ट्विटर पर चल रहे इस ट्रेंड को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. वहीं कई हेमंत सोरेन की सरकार पर इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं.
क्या है मान्यता
झारखंड में गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ है. इस पहाड़ की सबसे ऊंची चोटी 1350 मीटर की है. जिसे सम्मेद शिखर जी के नाम से जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि यहां 23वें जैन तीर्थंकर पारसनाथ के नाम पर इस पहाड़ी का नाम रखा गया. जैन धर्म में 24 तीर्थंकर हुए हैं. आखिरी तीर्थंकर वर्धमान महावीर थे. जैनियों के इस धार्मिक स्थान को लेकर मान्यता है कि यहां कई जैन तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया था. हालांकि कितने तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया, इसे लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं.