
सऊदी अरब ने नए ड्रोन कार्यक्रम 'स्कार 1' की शुरुआत की है. एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि किंग अब्दुलअजीज सिटी फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा लॉन्च अत्याधुनिक तकनीक से लैस स्कार 1 केए-एसएटी उपग्रह संचार व्यवस्था से सुसज्जित है, जो इस ड्रोन को खास बनाता है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यह 2,500 किलोमीटर से अधिक के दायरे में उड़ान भरने के साथ-साथ मिसाइलों, गाइड बमों को ले जाने में सक्षम है और लेजर प्रणाली से लैस है. यह 500 से 6,000 मीटर की अलग-अलग ऊंचाई से और 10 किलोमीटर के दायरे में मार कर सकता है.
ड्रोन औसतन 20,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम है 24 घंटे तक उड़ान भर सकता है.
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आपको बता दें कि अमेरिका में ड्रोन का काफी इस्तेमाल किया जाता है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ वक्त पहले सीआईए को संदिग्ध आतंकवादियों को खिलाफ ड्रोन हमला करने का अधिकार दिया था. यह अधिकार पहले पेंटागन के पास था. ट्रंप का यह निर्णय पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की नीति से अलग है, जिन्होंने केंद्रीय खुफिया एजेंसी की अर्धसैनिक बल के रूप में भूमिका सीमित कर दी थी.
इससे पहले ओबामा प्रशासन के दौरान सीआईए के ड्रोन का इस्तेमाल संदिग्ध आतंकवादियों की टोह लेने और जासूसी करने के लिए ही किया जाता था और उसके बाद हमला करने की जिम्मेदारी सेना की थी. सीआईए और पेंटागन द्वारा साल 2016 के मई में पाकिस्तान में किए गए एक ड्रोन हमले में तालिबानी सरगना अजतार मंससुरिन को मार गिराया गया था. यह ड्रोन से किए जाने हमले से आतंकवादियों को मार गिराने का एक सफल उदाहरण है.