
मोदी सरकार की अग्निपथ योजना का देशभर में विरोध हो रहा है. वहीं, अग्निपथ योजना का कई उद्योगपतियों ने स्वागत किया है और अग्निवीरों को नौकरी देने की भी बात कही है. लेकिन कई लोग ऐसे दावे पर सवाल उठा रहे हैं. पूर्व मरीन कमांडो और शौर्य चक्र विजेता प्रवीण कुमार तेवतिया भी इनमें से एक हैं और उन्होंने कई ट्वीट करके अग्निपथ योजना और उद्योगपतियों के दावे पर सवाल खड़े किए हैं.
आज तक से बातचीत में प्रवीण ने कहा- मैंने बहुत जगह अप्लाई किया. कई जगहों पर ऑनलाइन एप्लीकेशन भेजे. इंटरव्यू भी देने गया, लेकिन कहीं भी सिक्योरिटी गार्ड या सिक्योरिटी अफसर से ऊपर की बात ही नहीं करते हैं. मैं डबल पीजी था फिर भी.
अग्निपथ योजना के समर्थन में मशहूर उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था- जब इस स्कीम पर पिछले साल बहस चल रही थी तब मैंने कहा था और आज रिपीट कर रहा हूं कि अग्निवीर जो अनुशासन और स्किल लेकर निकलेंगे इससे वे लोग रोजगार के लिए बहुत ज्यादा योग्य होंगे. महिंद्रा ग्रुप भी ऐसे लोगों की भर्ती के अवसर का स्वागत करती है.
लेकिन आजतक से बातचीत में प्रवीण ने कहा कि महिंद्रा हम जैसे लोगों का मजाक बना रहे हैं. प्रवीण कुमार तेवतिया कहते हैं- 15 सालों की नौकरी के बाद मैं अब भी बेराजगार हूं. मैंने 26/11 हमले के दौरान ताज होटल से गौतम अडानी समेत 185 लोगों की जान बचाई थी. आनंद महिंद्रा आप अपनी कंपनी में मुझे कौन सा जॉब दिलवाएंगे. 15 साल की नौकरी के बाद मेरी तरह बहुत लोग अब भी बेरोजगार हैं लेकिन आपने कभी भी उन्हें कुछ भी नहीं दिया.
सरकारी विभागों में भी नौकरी के लिए गए
प्रवीण ने यहां तक कहा कि वह कई सरकारी विभागों में भी नौकरी के लिए गए थे. उन्होंने बताया कि 26/11 के दौरान उन्हें गोलियां लगी थी इसकी वजह से उनका कान डैमेज हो गया था. वह ठीक से सुन नहीं पाते हैं. उनके फेफड़े में भी गोली लग गई थी. वह डिफरेंटली एबल्ड हैं इसलिए भी उन्हें नौकरी मिलने में दिक्कत होती है.
'डिफेंस सर्विसेज को बड़ा लॉस होने वाला है'
प्रवीण ने अग्निपथ स्कीम को लेकर कहा- इस स्कीम की वजह से डिफेंस सर्विसेज को इतना बड़ा लॉस होने वाला है, आप इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. अगले 4 साल में अलग-अलग स्पेशलाइजेशन ( जैसे कि स्नाइपर, मेडिकल असिस्टेंट) के लोग कहां से लाएंगे आप? जब तक कोई परमानेंट नहीं हो जाता है तब वह एक खास डिपार्टमेंट में जा ही नहीं सकता है. रिफॉर्म की जगह रायता फैला दिया गया है.
प्रवीण ने आगे कहा- अगर किसी अग्निवीर को गोली लग जाती है तो सरकार क्या करेगी? शहीद होने पर उनके परिवार वालो को 40 लाख रुपए देने का प्रवधान है, लेकिन अगर उसे सीरियस इंजरी हो जाती है तो वह क्या करेगा? वे लोग कैसे इलाज करवाएंगे? वैसे लोगों को तो आप 4 साल बाद निकाल बाहर करेंगे.