
अक्सर परिवारों में कुछ ऐसे राज छुपे होते हैं जिनके बारे में पता लगने पर जिंदगी और रिश्ते सब कुछ बदल जाते हैं. इंग्लैंड की टिफनी गार्डनर बचपन से इस जानकारी के साथ बड़ी हुई थी कि उनके असली पिता की कैंसर से मौत हो चुकी है. उसे उसकी मां और सौतेले पिता ने पालकर बड़ा किया था.
तीन दशकों तक मानती रही पिता को मृत
लेकिन टिफनी हमेशा अपने असली पिता के बारे में जानने की कोशिश करती रहती थी. टिफनी यह जानने की इच्छुक थी कि उसके मृत पिता औरक माके साथ उसके कौन से गुण मिलते हैं और वह सोचती थी कि यदि उसके पिता जीवित और मौजूद होते तो उनका रिश्ता कैसा होता.
इतना सालों तक मां ने झूठ बोला था
टिफनी तीन दशकों तक अपने पिता को मरा हुआ जानती रही और एक दिन उसे मालूम हुआ कि यह सब झूठ है. साल 2018 में टिफनी को मालूम हुआ कि दरअसल वह एक अंजान शख्स के डोनेट किए गए स्पर्म से पैदा हुई है. यानी उसका पिता कहीं जिंदा है. ये सुनकर वह हैरान रह गई कि उससे इतने सालों तक झूठ बोला गया था.
एक वादे के चलते मां ने छुपाया था सच
टिफनी ने द मिरर को बताया कि उसकी मां ने अपने पहले पति और उसके मृत पिता से ये छुपाए रखने का वादा किया था कि वह सचमुच में उसका पिता नहीं था. वह कभी नहीं चाहते थे कि किसी को पता चले कि मैं जैविक रूप से उनकी बेटी नहीं हूं. 1982 में डॉक्टरों के लिए यह आम बात थी कि वे अपने इनफरटाइल रोगियों से स्पर्म डोनेशन के बारे में किसी को न बताने के लिए कहते थे.
सच जानकर लगा झटका, लेकिन माफ कर दिया
टिफ़नी ने जीवन बदलने वाले उस पल को याद किया जिसका खुलासा उसके 36वें जन्मदिन से ठीक पहले घर पर उसकी माँ की रसोई में उसके सामने आया था. उसने कहा, "जब मैं उनकी रसोई में बैठी थी तो मेरी मां ने मुझे यह जानकारी दी. मुझे ये सब सुनकर झटका लगा. ऐसा लग रहा था कि कमरा घूम रहा है. मैं पूरी तरह से सदमे में थी." हालांकि, टिफनी समझ गई कि उसकी माँ ने यह रहस्य इतने लंबे समय तक क्यों छुपाए रखा और उसने माना कि ये ही उसके लिए ठीक था. टिफनी ने कहा कि ये खुलासा मेरी दादी के साथ मेरे रिश्तों को खराब कर सकता था शायद इसलिए मेरी मां ने मुझे कुछ नहीं बताया था.