
सोशल मीडिया पर इन दिनों थप्पड़ मारे जाने के कुछ वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं. इन्हें लेकर न्यूरोलॉजिस्ट और स्पोर्ट्स स्टार ने चिंता जताई है. ये वीडियो एक प्रतियोगिता से जुड़े हैं. इसमें हिस्सा लेने वाले लोग एक दूसरे को जितना हो सके, उतना जोर से थप्पड़ मारते हैं. वीडियो अमेरिका के एक टीवी शो के हैं. इसके कुल आठ एपिसोड हैं. शो बनाने वालों का कहना है कि ये सब असल में किया जा रहा है, कुछ भी स्क्रिप्टेड नहीं है.
शो में दुनिया भर के लोग हिस्सा ले रहे हैं. यह स्टेज पर आकर ये साबित करने की कोशिश करते हैं कि इनसे ज्यादा तेज थप्पड़ कोई नहीं मार सकता. न्यूरोलॉजिस्ट क्रिस नोविन्सकी ने एक वीडियो शेयर किया है. उनका कहना है कि यह शो पूर्ण रूप से शोषण है और वीडियो में दिख रहा है कि एक शख्स शायद कभी पहले जैसा नहीं रहेगा. उन्होंने शो बनाने वालों को टैग करते हुए कहा कि उन्हें इस पर शर्म आनी चाहिए.
क्रिस ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता से मस्तिष्क पर भी चोट लग सकती है. उन्होंने कहा, 'आगे क्या, कौन चाकू की मार झेल सकता है?'
क्या हैं इस शो के नियम?
शो को नेवादा स्टेट एथलेटिक कमीशन से लाइसेंस मिला हुआ है. थप्पड़बाजी शुरू होने से पहले सिक्का उछालकर तय किया जाता है कि किसे पहले थप्पड़ मारना शुरू करना है. इसमें तीन राउंड होते हैं. हर एक राउंड में फाइटर को खुले हाथ से अपने प्रतिद्वंदी को थप्पड़ मारना होता है. पहले राउंड की लिमिट 30 सेकेंड की होती है.
इसमें आंखों से नीचे और ठुड्डी से ऊपर मारना होता है. नियम के अनुसार, पूरे हाथ से गाल पर थप्पड़ लगना चाहिए. थप्पड़बाजी के बाद प्रतियोगी के पास खुद को संभालने के लिए 30 सेकेंड का वक्त होता है, इसके बाद वो खुद फाइटर की पोजीशन में आ जाता है. विजेता का ऐलान 10 पॉइंट सिस्टम के आधार पर किया जाता है.