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गोल्ड मेडल जीतने वाला एथलीट ZOMATO के लिए बना डिलीवरी बॉय!

स्टेट लेवल एथलेटिक्स चैंपियन मुकेश कुमार ने जोमैटो डिलवीरी बॉय का काम करते हुए अपने सपनों को जिंदा रखा है. और वो इंटरनेशनल लेवल पर मेडल जीतना चाहते हैं.

स्टेट लेवल एथलीट मुकेश कुमार (Courtesy- Zomato) स्टेट लेवल एथलीट मुकेश कुमार (Courtesy- Zomato)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 5:12 PM IST
  • एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं मुकेश
  • मुकेश अपनी बहन को बनाना चाहते हैं इंटरनेशनल चैंपियन

फूड डिलीवरी कंपनी ZOMATO ने अपने एक डिलीवरी बॉय की इमोशनल स्टोरी को शेयर किया है. वह एथलेटिक्स का स्टेट लेवल चैंपियन रह चुका है. वह जोमैटो में काम करते हुए कैसे अपने और अपनी बहन के सपने को पूरा करने की कोशिश में लगा है, उसने वीडियो में बताया है.

ये हैं बिहार के वैशाली जिले के रहनेवाले मुकेश कुमार. इनकी कहानी बेहद दिलचस्प है. मुकेश ने स्कूल के दिनों में ही एथलेटिक्स में 4 गोल्ड मेडल जीता था. जिससे उनके टीचर्स बेहद प्रभावित हुए और उनका हौसला बढ़ाया. कहा कि तुम भविष्य में बहुत अच्छा करोगे.

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मुकेश बताते हैं- मैं 400 मीटर का एथलीट हूं. स्टेट लेवल चैंपियनशिप में मैंने गोल्ड मेडल जीता है. मैंने विशाखापट्टनम में नेशनल लेवल एथलेटिक्स में भी हिस्सा लिया था. लेकिन किन्हीं कारणों से मैं वहां चौथा स्थान ही हासिल कर पाया. इसकी वजह से मैं डिप्रेशन में चला गया. मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं अब कभी नहीं जीत पाऊंगा.

मुकेश ने बताया कि इस निराशा के बीच उनके शिक्षकों ने उनका साथ दिया. कहा कि भले ही तुम आज हार गए हो लेकिन एक दिन तुम जरूर जीतोगे. टीचर्स की बात सुनकर मुकेश ने फिर से ट्रेनिंग शुरू किया और ये लगातार जारी है. यहां तक कि कोविड के बीच जब सभी स्टेडियम बंद थे वो गंगा घाट जाकर प्रैक्टिस करते थे.

घरेलू हालात के बारे में बात करते हुए मुकेश ने कहा- मेरे पिता किसान हैं. उनकी कमाई बहुत कम है. वो मेरी मदद करते हैं. लेकिन वो काफी नहीं होता है. ऐसे में मेरे एक दोस्त ने मुझे डिलीवरी पार्टनर बनकर पैसे कमाने का उपाय सुझाया. तो मैंने जोमैटो ज्वाइन कर लिया.

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मुकेश बताते हैं- जोमैटो से जब मुझे पहली बार पैसे मिले तो मैंने अपनी बहन के लिए जूते खरीदे थे. मेरी बहन भी स्टेट लेवल चैंपियन है. मैं चाहता हूं कि वो आगे भी खेले. नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीते. मैं अपने लिए भी यही चाहता हूं.

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